Fact Check: मेरठ में चन्द्रशेखर आजाद को रोकती पुलिस का वीडियो ग्वालियर का बताकर वायरल
मेरठ में 25 सितंबर को भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर और पुलिस में नोकझोंक हुई थी। उस दौरान के वीडियो को ग्वालियर का बताकर गलत दावा किया जा रहा है।
By: Sharad Prakash Asthana
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Published: Oct 16, 2025 at 04:23 PM
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Updated: Oct 16, 2025 at 04:51 PM
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नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। ग्वालियर में डॉ. भीमराव अंबेडकर पर वकील अनिल मिश्रा की कथित विवादित टिप्पणी के बाद दलित संगठनों ने 15 अक्टूबर को वहां पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन की बात कही थी। इसके बाद वहां चार हजार से ज्यादा पुलिसबल को तैनात किया गया। इस बीच सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद एवं भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस को उन्हें बैरिकेड लगाकर रोकते हुए दिखाया गया है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि ग्वालियर पहुंचे चन्द्रशेखर को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोका।
विश्वास न्यूज ने इसकी जांच की तो पता चला कि वायरल वीडियो मेरठ का है, जहां 25 सितंबर को नगीना सांसद और पुलिस में नोकझोंक हुई थी। इसका ग्वालियर मामले से कोई संबंध नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट
इंस्टा यूजर bharatlal8269919222 ने 14 अक्टूबर को वीडियो को पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया है। इस पर लिखा है, “ग्वालियर पहुंचे भीम आर्मी शेर चन्द्रशेखर आजाद“
पड़ताल
वायरल दावे की जांच के लिए हमने वीडियो का कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस से सर्च किया। भारत समाचार के यूट्यूब चैनल पर 25 सितंबर को वायरल क्लिप को अपलोड किया गया है। इसके अनुसार, चन्द्रशेखर और पुलिस की नोकझोंक का यह वीडियो मेरठ का है।
SHRADDHA TV NETWORK यूट्यूब चैनल पर 29 सितंबर 2025 को वायरल वीडियो को अपलोड करते हुए इसे मेरठ का बताया गया है।
एनबीटी की वेबसाइट पर 25 सितंबर को छपी रिपोर्ट के अनुसार, “मेरठ में गुर्जर महापंचायत और सलावा कांड अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। इसको लेकर चन्द्रशेखर आजाद मेरठ पहुंचे और जेल में बंद कैदियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा था कि गुर्जर महापंचायत से पहले ही कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया और 27 लोगों को जेल भेज दिया।”
दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 15 अक्टूबर को छपी रिपोर्ट के अनुसार, कुछ महीनों से हाईकोर्ट परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा की स्थापना से जुड़ा विवाद चल रहा है। इसके बाद वकील अनिल मिश्रा की डॉ. अंबेडकर पर कथित टिप्प्णी के बाद मामला बढ़ गया। इसको लेकर 15 अक्टूबर को दलित संगठनों और सवर्ण समाज के लोगों ने शक्ति प्रदर्शन का एलान किया था। यह देखते हुए ग्वालियर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। प्रशासन के समझाने के बाद दोनों पक्षों ने आंदोलन स्थगित कर दिया था।
इस बारे में ग्वालियर के स्थानीय पत्रकार अब्बास अहमद का कहना है कि 15 अक्टूबर को होने वाला आंदोलन स्थगित कर दिया गया था। भीम आर्मी ने भी अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया था। इस मामले को लेकर हाल-फिलहाल में चन्द्रशेखर यहां नहीं आए हैं।
मेरठ के वीडियो को ग्वालियर का बताने वाला यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है और उसके करीब 400 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: मेरठ में 25 सितंबर को भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर और पुलिस में नोकझोंक हुई थी। उस दौरान के वीडियो को ग्वालियर का बताकर गलत दावा किया जा रहा है।
Claim Review : ग्वालियर पहुंचे चंद्रशेखर को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोका।
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Claimed By : Insta User- bharatlal8269919222
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Fact Check : झूठ
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