schema:text
| - Fact Check: एटा में बोर्ड पर लिखे डॉ. अंबेडकर के कथन को मिटाने का दावा गलत, उसे साफ कर रहे थे पुलिसकर्मी
एटा के दोदलपुर गांव में पुलिसकर्मियों द्वारा बोर्ड पर लिखे डॉ. अंबेडकर के बयान को मिटाने का दावा गलत है। दरअसल, कुछ लोग बोर्ड पर रंग लगा गए थे, जिसे पुलिसकर्मियों ने साफ किया था। उस वीडियो को गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Jan 16, 2025 at 01:34 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एटा पुलिस से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें दो पुलिसकर्मियों को डॉ. भीम राव अंबेडकर की तस्वीर वाले बोर्ड को साफ करते देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस तस्वीर को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि पुलिसकर्मी दोदलपुर गांव के बोर्ड पर लिखे डॉ. अंबेडकर के बयान को मिटा रहे हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि पुलिसकर्मी बोर्ड पर लगे रंग को साफ कर रहे थे। बोर्ड पर लिखे डॉ. अंबेडकर के बयान को मिटाने का दावा गलत है।
वायरल पोस्ट
फेसबुक यूजर Rashmi Kaa ने 12 जनवरी को तस्वीर को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा, “एटा, दोदलपुर गांव में लगे बोर्ड में लिखा था “तुम्हारे पैरों में जूते भले ही न हों लेकिन हाथों में किताब जरूर होनी चाहिए” इस लेख को मिटाते पुलिस कर्मी“
पड़ताल
वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले एटा पुलिस के एक्स हैंडल को स्कैन किया। इसके रिप्लाई सेक्शन में हमें इससे संबंधित जानकारी मिली। कुछ एक्स यूजर्स इस दावे के साथ इससे संबंधित वीडियो को शेयर किया है, जिसके जवाब में एटा पुलिस ने कहा है कि 21 दिसंबर को कुछ अज्ञात लोगों ने बोर्ड पर रंग लगा दिया था, जिसके बाद पुलिस गांव के गणमान्य लोगों से बातचीत कर बोर्ड को साफ कर दिया था। साथ ही पुलिस ऐसी भ्रामक पोस्ट नहीं करने की सलाह भी दी।
इस पोस्ट के साथ में पुलिस ने बोर्ड को साफ करने के बाद की तस्वीर भी शेयर की है। इस आधार पर हमने उस एक्स पोस्ट को सर्च किया। 21 दिसंबर को ANB NEWS के एक्स हैंडल से एक पोस्ट की गई है। इसमें अपलोड वीडियो में डॉ. अंबेडकर की तस्वीर वाले बोर्ड पर लिखे बयान पर रंग लगा हुआ देखा जा सकता है। यूजर ने वीडियो के साथ में लिखा है कि सकीट थाना क्षेत्र के दोदलपुर गांव में अराजक तत्वों ने बोर्ड पर रंग लगा दिया था। इससे ग्रामीण नाराज हो गए थे।
इसके जवाब में एटा पुलिस ने बोर्ड की एक तस्वीर शेयर करते हुए जानकारी दी कि पुलिस ने बोर्ड पर लगे रंग को साफ कर दिया है।
इससे संबंधित खबर को 22 दिसंबर को छपे दैनिक जागरण के एटा संस्करण में भी देखा जा सकता है।
इस बारे में हमने सकीट क्षेत्र के सीओ डीएसपी कृष्ण मुरारी से बात की। उनका कहना है कि गांव में लगे बोर्ड पर रात में कुछ लोग रंग लगा गए थे। पुलिस ने उसको साफ किया था। बोर्ड पर लिखे बयान को मिटाने का दावा गलत है। गलत पोस्ट करने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
वीडियो को गलत दावे से शेयर करने वाले फेसबुक यूजर के करीब 2300 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: एटा के दोदलपुर गांव में पुलिसकर्मियों द्वारा बोर्ड पर लिखे डॉ. अंबेडकर के बयान को मिटाने का दावा गलत है। दरअसल, कुछ लोग बोर्ड पर रंग लगा गए थे, जिसे पुलिसकर्मियों ने साफ किया था। उस वीडियो को गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।
- Claim Review : पुलिसकर्मी दोदलपुर गांव के बोर्ड पर लिखे डॉ. अंबेडकर के बयान को मिटा रहे हैं।
- Claimed By : Fb User- Rashmi Kaa
- Fact Check : झूठ
पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
|