सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ विदेशी बच्चे अपने परिवार के लोगों के साथ रामायण (Ramayana) का पाठ करते दिख रहे हैं.
क्या है दावा ? सोशल मीडिया और यूट्यूब पर इस दावे के साथ यह वीडियो वायरल किया जा रहा है कि जापान के एक स्कूल में बच्चों को रामायण पढ़ाई जा रही है. इस वीडियो को अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है.
पर...? यह दावा गलत है. यह वीडियो पुराना है और जापान का नहीं है, बल्कि यह वायरल वीडियो तमिलनाडु के मंजक्कुडी का है.
हमनें सच का पता कैसे लगाया ? वायरल वीडियो को कई की-फ्रेम्स में बांटने पर हमें गूगल क्रोम के InVID एक्सटेंशन के जरिए इसका एक पुराना वीडियो मिला.
ऐसे ही एक फ्रेम को रिवर्स सर्च करने पर हमें 01अप्रैल 2023 का एक फेसबुक पोस्ट मिला.
ISKCON e-Sanskar नाम के यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो 14 अप्रैल 2023 को अपलोड की गई थी.
यही वीडियो एक अन्य यूट्यूब चैनल पर 04 अप्रैल 2023 को अपलोड किया गया था.
अलग अलग पोस्ट में वीडियो अपलोड की तारीख और डिटेल्स अलग थी.
जापान नहीं, तमिलनाडु का है वीडियो: ज्ञानप्रवाह जो की तमिलनाडु के मंजाकुडी में एक स्टडी सेंटर है, यह वीडियो वहां रिकॉर्ड और वहीं से अपलोड किया गया है. इसकी पुष्टि करने के लिए हमने ज्ञानप्रवाह स्टडी सेंटर को अपने कुछ सवाल भेजे थे, जिनके जवाब में हम वीडियो की असल तारीख, जगह और इस कार्यक्रम का पता लगा सके. ज्ञानप्रवाह को भेजे गए सवालों से हमें निम्न चीजों का पता चला -
यह वीडियो साल 2023 के मार्च महीने में रिकॉर्ड किया गया था.
यह वीडियो अप्रैल 2023 में भी तमिलनाडु के मंजाकुडी में पोस्ट किया गया था.
वीडियो में शामिल बच्चे और उनका परिवार जापान का एक वेदांता स्टडी ग्रुप है जो अपने स्वामी जी दयानंद सरस्वस्ती के जन्मस्थल मंजाकुडी आये थे.
ज्ञानप्रवाह स्टडी सेंटर ने विस्तार से इस आयोजन के बारे में बताया कि, "जापान में एक जापानी स्वामीजी के नेतृत्व में एक वेदांत स्टडी ग्रुप है. हम अपने विद्यार्थियों के बच्चों के लिए रामायण कथा सत्र आयोजित करते हैं. बच्चों और उनके माता-पिता ने भारत की तीर्थयात्रा की और रामेश्वर और मंजाकुडी का दौरा किया. मंजक्कुडी का दौरा इसलिए किया गया क्योंकि यह हमारे जापानी स्वामीजी के शिक्षक पूज्य स्वामी दयानंद सरस्वती जी का जन्मस्थान है.
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हो गया है कि यह वीडियो 2024 का नहीं बल्कि उससे पहले से इंटरनेट पर हैं. दूसरा यह वीडियो जापान का नहीं बल्कि तमिलनाडु के मंजाकुडी का है. इस वीडियो को इन भ्रामक दावों के साथ इंटरनेट पर वायरल किया जा रहा है.
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