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Fact Check
सोशल मीडिया पर अखबार की कटिंग शेयर कर यह दावा किया गया कि मुजफ्फरनगर में भाजपा नेता द्वारा मंदिर में मांस फेंककर दंगे की साजिश रची गई.
हाल ही में मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत के दौरान सौहार्द स्थापित करने के लिए, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ‘अल्लाह हू अकबर’ तथा ‘हर-हर महादेव’ के नारे लगाने की बात कही थी. मुजफ्फरनगर 2013 के हिन्दू-मुस्लिम दंगों के बाद से ही काफी संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है. ऐसे में राकेश टिकैत के इस प्रयास को सांप्रदायिक बताते हुए सोशल मीडिया पर राकेश टिकैत की पुरानी तस्वीरें शेयर की जाने लगी.
हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार मंदिर या प्रार्थना स्थल को पवित्र स्थान माना जाता है, इसी वजह से अधिकतर मंदिरों में मांस तथा मदिरा का प्रवेश वर्जित है. हालांकि कई ऐसे मंदिरों या हिन्दू धार्मिक स्थलों में जहां बलि प्रथा का पालन किया जाता है, वहां मांस ले जाने की मनाही नहीं है.
इसी क्रम में, सोशल मीडिया पर दो अलग-अलग अखबारों की कटिंग शेयर कर यह दावा किया गया कि मुजफ्फरनगर में भाजपा नेता द्वारा मंदिर में मांस फेंककर दंगे की साजिश रची गई. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इन दोनों तस्वीरों की बात करें तो इनमें से एक केरल के निमोम विधानसभा में कथित तौर पर भाजपा नेता द्वारा मंदिर में रखे मांस के टुकड़ों से संबंधित है, तो वहीं दूसरी तस्वीर, शाह टाइम्स नामक एक अखबार में प्रकाशित एक खबर की है, जिसमें मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम जौला में कथित तौर पर मंदिर परिसर में मांस के टुकड़े रखकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की साजिश रची गई. बता दें कि कांग्रेस सेवा दल के दमन और दीव इकाई के ट्वीट को कांग्रेस से जुड़े कई अन्य आधिकारिक ट्विटर हैंडल्स ने भी रीट्वीट किया है.
मुजफ्फरनगर में भाजपा नेता द्वारा मंदिर में मांस फेंककर दंगे की साजिश के नाम पर शेयर किये जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने दोनों तस्वीरों को गूगल पर ढूंढा.
तस्वीर में दी गई जानकारी के आधार पर ‘मंदिर में मांस का टुकड़ा फेंकते भाजपा नेता गिरफ्तार केरल निमोम विधानसभा’ कीवर्ड्स को गूगल पर ढूंढने पर हमें Alt News के सह-संस्थापक द्वारा संचालित एक पैरोडी फेसबुक पेज ‘Unofficial: Subramanian Swamy’ द्वारा 7 सितंबर, 2017 को शेयर किया गया एक पोस्ट मिला, जिसमें अखबार की उक्त कटिंग मौजूद है. इसके अलावा हमें जनसत्ता द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी अख़बार की उक्त कटिंग में शेयर की गई जानकारी से मिलती-जुलती जानकारी मिली.
कुछ अन्य कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च करने पर हमें News Click नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक खबर भी प्राप्त हुई, जिसमें उक्त घटना का विस्तृत विवरण मौजूद है.
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि मुजफ्फरनगर में भाजपा नेता द्वारा मंदिर में मांस फेंककर दंगे की साजिश के नाम पर शेयर की जा रही अख़बार की कटिंग, कथित तौर पर 2017 में केरल में भाजपा नेता द्वारा मंदिर में मांस के टुकड़े फेंकने से संबंधित है.
अखबार की उक्त कटिंग के बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए हमने अखबार का नाम यानि शाह टाइम्स (Shah Times) गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें अखबार द्वारा 8 सितंबर, 2021 को प्रकाशित मुजफ्फरनगर संस्करण के चौथे पेज पर वायरल खबर प्राप्त हुई.
वायरल खबर के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से एक बार फिर गूगल सर्च किया. इस प्रक्रिया में हमें True स्टोरी नामक एक न्यूज़ पोर्टल पर वायरल खबर को लेकर प्रकाशित एक रिपोर्ट प्राप्त हुई. उक्त लेख के मुताबिक, “मुजफ्फरनगर में ग्रामीणों की सूझबूझ के चलते जिले का माहौल बिगाड़ने की साजिश नाकाम हुई। शिव मंदिर में मांस फेंके जाने के मामले में पुलिस ने 2 युवकों व उनकी पत्नियों को गिरफ़्तार कर लिया, जिन्होंने भरी पंचायत में अपनी गलती मानी। मगर पंच माफी देने को राजी नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने 2 महिलाओं सहित 4 आरोपियों को जेल भेज दिया है। इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि जौला स्थित शिव मंदिर में गत दिवस कुछ लोगों द्वारा मांस फेकने की बात सामने आई थी। इस मामले में बुढाना कोतवाली में राकेश व उसके परिवार की महिलाओं पर मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच में पूरा मामला खुल गया। यह साजिश माहौल खराब करने के उद्देश्य से रची गई थी।”
बता दें कि True स्टोरी ने अपने लेख में एक ग्रामीण का बयान भी प्रकाशित किया है. वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग के बयान के आधार पर भी यह बात साफ हो जाती है कि उक्त घटना में किसी राजनैतिक दल विशेष का कोई उल्लेखनीय योगदान नहीं है.
हमने मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना क्षेत्र के क्षेत्राधिकारी विजय कुमार गौतम से सम्पर्क साधा. विजय कुमार गौतम ने हमें बताया, “दलित समुदाय के लोगों द्वारा बलि प्रथा की मान्यताओं के तहत सूअर की बलि दी गई थी. सूअर का यही मांस मंदिर के परिसर में मिला, जिसके बाद स्थानीय लोगों की शिकायत पर तत्परता दिखाते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया. हमारे द्वारा मंदिर परिसर में मांस मिलने की इस घटना में किसी भाजपा नेता की संलिप्तता के सवाल पर विजय ने किसी भाजपा नेता की संलिप्तता से इनकार करते हुए एक बार फिर बलि प्रथा का जिक्र करते हुए जानकारी दी कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न जाति-धर्म के लोग विभिन्न मान्यताओं का पालन करते हैं. दलित समुदाय के कुछ लोगों द्वारा सूअर की बलि देने की प्रथा भी एक ऐसी ही स्थानीय प्रथा है.”
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि मुजफ्फरनगर में भाजपा नेता द्वारा मंदिर में मांस फेंककर दंगे की साजिश के नाम पर शेयर किया गया यह दावा भ्रामक है. असल में दलित समुदाय के कुछ लोगों द्वारा मंदिर परिसर में सूअर की बलि दी गई थी, जिसके बाद ग्रामीणों की शिकायत पर बलि देने वाले परिवार के चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.
Facebook post by Unofficial: Subramanian Swamy
True Story
Ajay Kumar Gautam, Circle Officer, Muzaffarnagar Police
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