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Fact Check
Claim
सोनम वांगचुक ने कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग की है.
Fact
नहीं, वायरल दावा भ्रामक है.
सोशल मीडिया पर लद्दाख के एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक का एक वीडियो वायरल हो रहा है. पोस्ट के जरिए दावा किया गया है कि सोनम वांगचुक ने कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग की है.
हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. असल वीडियो में उन्होंने कारगिल जिले के एक नेता की लद्दाख को कश्मीर में शामिल होने वाली मांग पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर कारगिल के सभी लोग लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश छोड़कर जम्मू-कश्मीर में शामिल होना चाहते हैं तो वे ख़ुशी ख़ुशी हो सकते हैं.
गौरतलब है कि एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और छठे शेड्यूल लागू करने की मांग कर रहे हैं. बीते 6 मार्च से उन्होंने अनशन चालू किया था जो करीब 21 दिन तक चला. इस अनशन को लद्दाख के कई संगठनों ने भी समर्थन दिया था. केंद्र सरकार ने इस अनशन के दौरान बातचीत के लिए एक समिति भी गठित की लेकिन बात नहीं बन पाई.
वायरल हो रहा वीडियो करीब 15 सेकेंड का है, जिसमें सोनम वांगचुक यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि “कोई भी इलाका खुश हो होना चाहिए वो जहां चाहे जाना चाहिए. तो इसलिए आपने सुना होगा रेफरेंडम होते हैं प्लेबिसाइट होते है. तो अगर ऐसा सबका विचार है तो फिर कश्मीर में क्यों नहीं?
इस वीडियो को पत्रकार आदित्य राज कौल ने वायरल दावे वाले अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ शेयर करते हुए लिखा है, जिसका हिंदी अनुवाद है “लेह में पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक को कश्मीर के लिए जनमत संग्रह की मांग करते हुए देखकर दुख हुआ. वांगचुक जी, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा. अनुच्छेद 370 की आखिरी बाधा को भारतीय संसद और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने रद्द कर दिया. अलगाववाद को बढ़ावा न दें”.
इसके अलावा कई अन्य X अकाउंट से भी इस दावे को शेयर किया गया है.
Newschecker ने वायरल वीडियो की पड़ताल की तो पाया कि यह एक लंबे इंटरव्यू का हिस्सा है, जिसे सोनम वांगचुक ने रविन्द्र सिंह शेओरण नाम के एक पत्रकार को दिया था. हमें इस इंटरव्यू का पूरा वीडियो द फोर्थ स्टेट नाम के यूट्यूब चैनल पर मिला.
करीब 15 मिनट के इस वीडियो में हमें सबसे अंत में वह हिस्सा मिला. हमने पूरे वीडियो को देखने पर पाया कि करीब 13 मिनट 20 सेकेंड पर पत्रकार रविंद्र सिंह शेओरण ने सोनम वांगचुक से सवाल पूछते हुए कहा कि “पहले दफा हमने देखा कि आपकी लीडरशिप में एक ऐसा आंदोलन चला, जिसमें करगिल और लेह एक साथ आए, एक पेज पर आए और एक जैसी डिमांड. लेकिन जैसे ही चुनाव आया फिर से वो बिखराव दिखने लगा है तो कहीं ना कहीं ये थोड़ा सा कष्टदायक है?”
इस पर सोनम वांगचुक ने जवाब देते हुए कहा कि “है, मैं तो ये सोचता हूं कि हमें फिर आज और कल का नहीं देखना चाहिए. आज हमारा रीजन या हमारा रिलीजन क्या करेगा. आने वाले साल महीने पीढ़ियों में देखना चाहिए. इसलिए हमें अभी भी जैसा भी हालत हो उसमें भी लेह का कोई कारगिल के किसी में उम्मीद देखता है तो उसको करें. मगर करगिल के लोगों को अगर लेह के किसी उम्मीदवार में उम्मीद दिखता है कि आगे जाकर ये हमारे बच्चों के या पोतों पतियों के समय में लद्दाख को एक अच्छा खुशहाल जगह रहने में सहयोग करेगा तो वो करनी चाहिए. ना कि आज और कल के नफरत और इस तरह के बातों में आकर”.
इसके बाद पत्रकार ने सोनम वांगचुक से एक और सवाल पूछा कि “आपने रिएक्ट किया था सर एक ट्वीट पर जो कारगिल के पॉलिटिशियन की तरफ से आया था. यूटी बनने के लिए लंबी डिमांड थी इस इलाके में लेकिन वहां पर कहते हैं कि आज भी कश्मीर के साथ जाने में उन लोगों का, तो इस पर आपका विचार क्या है.
इसपर सोनम वांगचुक ने कहा कि “नहीं, तो मैं यही पूछ रहा था कि यह कोई अपने जाती विचार तो लोगों के हो सकते हैं. अगर पूरे रीजन का, पूरे आबादी का हो तो फिर हम दुआ करेंगे और मेहनत करेंगे कि ऐसा ही हो. फिर अगर मतलब दुनिया में कोई भी इलाका खुश होना चाहिए वो जहां चाहे जाना चाहिए. तो इसीलिए आपने सुना होगा रेफरेंडम होते हैं प्लेबिसाइट होते हैं. तो अगर ऐसा सबका विचार है तो फिर कश्मीर में क्यों नहीं.
इन दोनों सवालों के जवाब से हमने यह पाया कि सोनम वांगचुक ने कारगिल जिले के एक नेता के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें उक्त नेता ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर में मिलाने की वकालत भी थी.
सोनम वांगचुक ने 20 मई 2024 को पोस्ट किए गए वीडियो में उक्त नेता के नाम का भी ज़िक्र किया था. साथ ही सोनम वांगचुक ने इस वीडियो में वायरल वीडियो और उसके साथ किए जा रहे दावे का भी खंडन करते हुए कहा था कि “एडिटेड वीडियो की मदद से मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है”.
सोनम वांगचुक ने करीब 4 मिनट के इस वीडियो में कहा कि “कुछ दिन पहले कारगिल के एक नेता सज्जाद कारगिली ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर लद्दाख को स्टेटहुड यानी पूर्ण राज्य का दर्जा न मिले तो सरकार लद्दाख को दोबारा से जम्मू-कश्मीर में मिलाने की सोचे. इस पर मैंने आपत्ति जताते हुए कहा था कि ये आपके जाती विचार हो सकते हैं मगर कारगिल के सारे नेता और लोग यही सोचते हैं तो फिर आप कश्मीर में मिल सकते हैं. यह आपकी ख़ुशी है और खुश रहना चाहिए. लेह-लद्दाख एक यूटी की तरह ही बना रहेगा.
इस दौरान हमें सज्जाद कारगिली का वह ट्वीट भी मिला, जिसका ज़िक्र सोनम वांगचुक ने अपने वीडियो में किया था. आप इसे नीचे देख सकते हैं.
पड़ताल के दौरान हमें पत्रकार रविंद्र सिंह शेओरण की तरफ से जारी किया गया वीडियो भी मिला, जिसमें उन्होंने वायरल वीडियो की पूरी सच्चाई बताई थी. रविंद्र सिंह शेओरण ने वीडियो में कहा कि “यह इंटरव्यू 13 मई 2024 को लेह में लिया गया था और इस दौरान मैंने उनसे सज्जाद कारगिली के ट्वीट को लेकर सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा था कि अगर यह विचार कारगिल के लोगों के हैं तो कारगिल को कश्मीर में ख़ुशी-ख़ुशी मिल जाना चाहिए. इस पूरे इंटरव्यू में उन्होंने कहीं भी कश्मीर में रेफरेंडम की बात नहीं कही थी”.
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने संसद में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 पेश किया, जिसे संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा ने पारित किया. इस अधिनियम के तहत जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया. लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में दो जिले कारगिल और लेह आते हैं.
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि वायरल वीडियो आधा अधूरा है. असल वीडियो में सोनम वांगचुक ने कारगिल के नेता के ट्वीट पर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने लद्दाख को कश्मीर में मिलाने की मांग की थी.
Our Sources
Video uploaded by The Fourth Estate on 13th May 2024
Video tweeted by Sonam Wangchuk on 20th May 2024
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