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  • Fact Check: Myntra ने हिंदू धर्म को लेकर नहीं बनाया ये विज्ञापन, गलत दावा हुआ वायरल विश्वास न्यूज़ ने जब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट की जांच की तो पाया कि वायरल पोस्ट पुरानी यानी 26 अगस्त 2016 की है। वायरल पोस्ट को शॉपिंग वेबसाइट मिंत्रा द्वारा नहीं बनाया गया था,बल्कि इसे स्क्रॉल ड्रॉल (Scroll Droll) नाम की एक अन्य कंटेंट क्रिएटिव वेबसाइट ने बनाया था।पुरानी पोस्ट को अभी का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। - By: Jyoti Kumari - Published: Sep 27, 2022 at 03:25 PM - Updated: Sep 28, 2022 at 07:46 AM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया जा रहा है कि शॉपिंग वेबसाइट मिंत्रा (Myntra) ने हिंदू धर्म का अपमान करते हुए एक विज्ञापन बनाया है। इसमें एक ग्राफिक का इस्तेमाल करते हुए दावा किया जा रहा है कि इसे मिंत्रा ने बनाया है। सोशल मीडिया यूजर्स इस ग्राफिक के आधार पर मिंत्रा के बहिष्कार की मुहिम चला रहे हैं। इसमें भगवान श्रीकृष्ण और द्रौपदी की तस्वीर को साझा किया गया है। इसमें मिंत्रा के लोगो का भी इस्तेमाल किया गया है। विश्वास न्यूज ने वायरल विज्ञापन की जांच की। पड़ताल में पता चला कि वायरल विज्ञापन फर्जी साबित हुआ। मिंत्रा की ओर से ऐसा कोई विज्ञापन नहीं बनाया गया। इसे 2016 में स्क्रॉल ड्रॉल नाम की वेबसाइट द्वारा बनाया गया था। इसका मिंत्रा से कोई संबंध नहीं था। विवाद बढ़ने के कुछ दिनों बाद ही इसे वापस ले लिया गया था। क्या है वायरल पोस्ट में फेसबुक यूजर ‘सचिन पाटिल’ ने 25 सितंबर को पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है ,’ऑनलाइन शॉपिंग को बढ़ावा देने का परिणाम। जब हम सभी कुछ oneline ढूढेंगे तो भावना से ज्यादा भाव खाएंगे Boycott all online shopping.’ फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। पड़ताल विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल की शुरुआत करते हुए सबसे पहले विवादित ग्राफ़िक को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें 26 अगस्त 2016 की ऐसी कई खबरें मिलीं, जिनमें वायरल पोस्ट से जुड़ी जानकारी थी। 26 अगस्त 2016 को ‘द फाइनेंशियल एक्सप्रेस’ द्वारा प्रकाशित की गई खबर में वायरल ग्राफ़िक का इस्तेमाल करते हुए बताया गया कि इस ग्राफिक को मिंत्रा (Myntra) द्वारा प्रकाशित नहीं किया गया है। दरअसल इसे स्क्रॉल ड्रॉल नाम की एक कंटेंट क्रिएटिव वेबसाइट ने बनाया था। पूरी खबर यहां पढ़ें। चूंकि न्यूज़ में स्क्रॉल ड्रॉल का जिक्र किया है, इसलिए हमने स्क्रॉल ड्रॉल के सोशल मीडिया हैंडल्स को खंगालना शुरू किया। हमें पोस्ट को लेकर स्क्रॉल ड्रॉल के 26 अगस्त 2016 को किए गए कई ट्वीट्स मिले, जिसमें माफ़ी मांगते हुए पुष्टि की गई कि यह पोस्टर हमारे द्वारा फरवरी में बनाया गया था। हमने इसे तुरंत हटा दिया, क्योंकि हमारा इरादा कभी भी भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। ई-कॉमर्स वेबसाइट मिंत्रा ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से वायरल पोस्ट को लेकर 26 अगस्त 2016 को एक स्पष्टीकरण ट्वीट किया था। ट्वीट में उल्लेख किया गया था, ‘ग्राफिक तस्वीर उनके द्वारा नहीं बनाई गई। इसके लिए स्क्रॉल ड्रॉल नाम की एक थर्ड पार्टी फर्म जिम्मेदार है। मिंत्रा कि तरफ से किए गए एक ट्वीट में बताया गया, ‘हम इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई करेंगे।’ वायरल पोस्ट से जुड़ी जानकारी के लिए हमने स्क्रॉल ड्रॉल वेबसाइट के साथ मेल के जरिए संपर्क किया। स्क्रॉल ड्रॉल के सह-संस्थापक और निदेशक अश्विनी दधीच ने मेल का जवाब देते हुए बताया, ‘वायरल विवादित पोस्ट 2016 की है, जब हमने वर्तमान समय के ऐप्स के साथ भारतीय पौराणिक कथाओं को दर्शाने वाले पोस्टरों का एक सेगमेंट जारी किया था। उन्होंने हमें बताया कि मिंत्रा का इस विज्ञापन/पोस्टर से कोई लेना-देना नहीं था। हमने अपने पाठकों के अनुरोध के कारण पोस्टर को प्रकाशित करने के 3 दिनों के भीतर हटा दिया था। हालांकि, अन्य वेबसाइटों और हैंडल ने इस पोस्ट को सेव करके रखा है और इसे पोस्ट करते रहे हैं। जब 2016 में विवाद हुआ था तब हमने ट्वीट कर अपनी सफाई दी थी और माफी मांगी थी।’ पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर सचिन पाटिल की जांच की। जांच में पता चला कि यूजर के फेसबुक पर 4 हज़ार से ज्यादा फ्रेंड्स हैं। यूजर महाराष्ट्र के जलगांव का रहने वाला है। निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने जब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्ट की जांच की तो पाया कि वायरल पोस्ट पुरानी यानी 26 अगस्त 2016 की है। वायरल पोस्ट को शॉपिंग वेबसाइट मिंत्रा द्वारा नहीं बनाया गया था,बल्कि इसे स्क्रॉल ड्रॉल (Scroll Droll) नाम की एक अन्य कंटेंट क्रिएटिव वेबसाइट ने बनाया था।पुरानी पोस्ट को अभी का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। - Claim Review : मिंत्रा ने हिंदू धर्म का अपमान करते हुए विज्ञापन बनाया - Claimed By : फेसबुक यूजर -सचिन पाटिल - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
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