Fact Check : दंगल के पुराने वीडियो को महाकुंभ में साधु के अपमान से जोड़ते हुए किया गया शेयर
महाकुंभ में नहीं हुआ साधु का अपमान। कौशांबी में हुए दंगल के वीडियो को गलत दावे के साथ किया गया वायरल। विश्वास न्यूज ने विस्तार से की पड़ताल।
- By: Ashish Maharishi
- Published: Jan 22, 2025 at 02:31 PM
नई दिल्ली (Vishvas News)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में देश-दुनिया से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर महाकुंभ को लेकर कई प्रकार की फर्जी और भ्रामक तस्वीरों और वीडियो के जरिए झूठ फैलाने की भी कोशिश की गई। अब इसी क्रम में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक भगवा कुर्ता पहने शख्स और कुछ लोगों को आपस में भिड़ते हुए देखा जा सकता है।
दावा किया जा रहा है कि प्रयागराज महाकुंभ नगरी में साधु-संतों का अपमान करना सबको भारी पड़ गया। विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। पिछले साल कौशांबी के कनैली में हुए दंगल के कार्यक्रम को महाकुंभ का बताकर झूठ फैलाने की कोशिश की गई।
क्या हो रहा है वायरल
इंस्टाग्राम हैंडल ‘राजित राम राजित राम’ ने 11 जनवरी को एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया, “प्रयागराज महाकुंभ नगरी में साधु संतों का अपमान करना पड़ा भारी सबको।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
महाकुंभ में यदि किसी साधु-संत के साथ वायरल दावे जैसी घटना हुई होती, तो वह जरूर मीडिया रिपोर्ट में आती। हमने गूगल ओपन सर्च टूल के माध्यम से कीवर्ड के जरिए सर्च किया। हमें किसी भी न्यूज रिपोर्ट में ऐसी घटना के बारे में नहीं पता चला।
जांच को आगे बढ़ाते हुए वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल लेंस टूल के जरिए सर्च किया। हमें RDX Chitrakoot Tv नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इसे 21 दिसंबर 2024 को अपलोड किया गया था। वीडियो के शुरुआती हिस्से में वायरल पोस्ट वाली क्लिप देखी जा सकती है।
विश्वास न्यूज ने 8:31 मिनट के वीडियो को ध्यान से पूरा देखा। हमें छह मिनट के बाद एक बैनर दिखा। इसके ऊपर अंतराष्ट्रीय विराट इनामी दंगल लिखा हुआ नजर आया।
इसके अलावा वीडियो की कमेंट्री से भी यह समझ में आ गया कि वीडियो किसी दंगल कार्यक्रम का है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने इस यूट्यब चैनल के संचालक रवि द्विवेदी से संपक किया। उनके साथ वायरल पोस्ट को शेयर किया। उन्होंने बताया कि वायरल पोस्ट में इस्तेमाल किया गया वीडियो उन्हीं का है। यह दंगल पिछले साल नवंबर में कौशांबी के कनैली में हुआ था। इसका आयोजन अजय सिंह पटेल ने करवाया था।
विश्वास न्यूज ने एक बार फिर से गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया। कीवर्ड से सर्च करने पर हमें अजय सिंह पटेल का फेसबुक अकाउंट मिला। इस पर सर्च करने पर हमें एक पोस्ट मिली। इसमें बताया गया कि कनैली के ऐतिहासिक मेले में 18 व 19 नवंबर 2024 को अंतरराष्ट्रीय विराट इनामी दंगल का आयोजन किया जाएगा।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, प्रयागराज के संपादकीय प्रभारी राकेश पांडेय से संपर्क किया। उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि वायरल वीडियो का प्रयागराज के महाकुंभ से कोई संबंध नहीं है।
गौरतलब है कि महाकुंभ 13 जनवरी 2025 को शुरू हुआ है, जबकि वायरल वीडियो का असली वीडियो 21 दिसंबर 2024 की तारीख को अपलोड मिला। ऐसे में यह स्पष्ट है कि दंगल के वीडियो को महाकुंभ से जोड़ते हुए झूठ फैलाने की कोशिश की गई।
जांच के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि यह अकाउंट अगस्त 2024 को बनाया गया था। इसके 2500 फॉलोअर हैं।
निष्कर्ष : महाकुंभ में साधु के अपमान के नाम से वायरल वीडियो कौशांबी का साबित हुआ। पिछले साल नवंबर में कौशाबी के कनैली में एक दंगल का आयोजन किया गया था। उसी के वीडियो को अब महाकुंभ से जोड़ते हुए वायरल करके झूठ फैलाया जा रहा है।
महाकुंभ को लेकर कई प्रकार की फर्जी और भ्रामक पोस्ट सोशल मीडिया पर की गईं। विश्वास न्यूज ने इनकी पड़ताल करके सच्चाई सामने लाईंं। इन खबरों को आप नीचे हेडिंग पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
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- Claim Review : महाकुंभ में साधु का अपमान
- Claimed By : IG User raajitraamraajit73
- Fact Check : झूठ
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