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| - Last Updated on नवम्बर 15, 2023 by Neelam Singh
सारांश
एक फेसबुक पोस्ट के जरिये दावा किया जा रहा है कि सेंधा नमक खाने से रक्तचाप की समस्या कम हो जाती है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा ज्यादातर गलत है।
दावा
एक फेसबुक पोस्ट के जरिये दावा किया जा रहा है कि नमक खाने से रक्तचाप की समस्या कम हो जाती है।
तथ्य जाँच
सेंधा नमक क्या है?
हिमालयन नमक को ही सेंधा नमक या हैलाइट भी कहा जाता है। यह पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में खेवड़ा नमक खदान से प्राप्त किया जाता है और Table salt (आमतौर पर घरों में इस्तेमाल किया जाने वाला) के समान होता है लेकिन इसमें खनिज अशुद्धियां होती हैं। सेंधा नमक मुख्य रूप से सोडियम क्लोराइड (NaCl) से बना होता है। संरचना में 95-98% सोडियम क्लोराइड, 2-4% पॉलीहैलाइट (पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन युक्त) और फ्लोराइड, आयोडीन की थोड़ी मात्रा शामिल होती है।
टेबल नमक और सेंधा नमक के बीच सोडियम सामग्री में क्या अंतर है?
सेंधा नमक और Table salt की रासायनिक संरचना समान होती है लेकिन अन्य भिन्नताएं भी होती हैं। सेंधा नमक की उत्पत्ति पाकिस्तान में नमक की खदानों से होती है, लेकिन table salt वाष्पीकृत समुद्री जल से प्राप्त होता है और इसे परिष्कृत करने की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा, table salt में मुख्य रूप से 99% NaCl होता है लेकिन हिमालयन नमक में लगभग 98% NaCl और अतिरिक्त सूक्ष्म खनिज और तत्व होते हैं, जो इसे थोड़ा अलग स्वाद देते हैं।
रक्तचाप क्या होता है?
रक्तचाप का मतलब धमनियों पर पड़ने वाला रक्त का दबाव है। वे धमनियां जो हृदय से शरीर के अन्य हिस्सों तक रक्त लेकर जाती हैं। किसी भी व्यक्ति का रक्तचाप सामान्यतः पूरे दिन बढ़ता और घटता रहता है, जिसे रक्तचाप के रूप में मापा जाता है।
रक्तचाप को दो तरह से मापा जाता है। सिस्टोलिक रक्तचाप में दिल की धमनियों पर पड़ने वाले दबाव को मापा जाता है। दूसरा डायस्टोलिक रक्तचाप होता है। इसमें धमनियों के दबाव को मापा जाता है, जब हृदय धड़कनों के बीच आराम करता है।
यदि माप 120 सिस्टोलिक और 80 डायस्टोलिक है, तो उसे 120/80 एमएमएचजी लिखा जाता है। यह सामान्य अवस्था है। जब यह माप असामान्य हो जाता है, तो उसे उच्च या निम्न रक्तचाप कहा जाता है।
उच्च रक्तचाप क्या होता है?
उच्च रक्तचाप को हाइपरटेंशन भी कहा जाता है, जो सामान्य रक्तचाप से अधिक होता है। रक्तचाप का स्तर अधिक होने से हृदय रोग, दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
उच्च रक्तचाप खराब जीवनशैली के कारण हो सकता है। जैसे – नियमित शारीरिक गतिविधि ना करना। कुछ स्वास्थ्य स्थितियां जैसे मधुमेह और मोटापा भी उच्च रक्तचाप के जोखिमों को बढ़ा सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान भी उच्च रक्तचाप हो सकता है।
निम्न रक्तचाप क्या होता है?
निम्न रक्तचाप को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है। जब रक्तचाप 90/60 मिमी एचजी हो, तो उसे निम्न रक्तचाप कहा जाता है।
कई समस्याएं निम्न रक्तचाप का कारण बन सकती हैं। जैसे – अत्याधिक रक्तस्त्राव होना, मधुमेह, हृदय संबंधी समस्याएं, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने वाली दवाओं के कारण, अवसाद, गर्भावस्था या पार्किंसंस के इलाज के लिए ली जाने वाली दवाएं।
चक्कर आना या बेहोशी, थकान या कमज़ोरी महसूस होना, धुंधली नज़र, सिर दर्द, गर्दन या पीठ में दर्द, जी मिचलाना आदि। ये सभी निम्न रक्तचाप के लक्षण हैं।
नमक रक्तचाप को कैसे प्रभावित करता है?
बहुत अधिक नमक खाने से रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जो हृदय और रक्त वाहिकाओं की समस्याओं का कारण बन सकती है। यह शरीर में सोडियम और पोटेशियम के संतुलन को भी बिगाड़ देता है, इसलिए रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए आदतों को सुधरना जरुरी है। जैसे- एक दिन में 5 ग्राम से कम नमक (जो 2 ग्राम सोडियम के बराबर होता है) खाने की कोशिश करें। साथ ही बहुत अधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ खाने से पहरेज करें और संतुलित आहार लें। अपने भोजन में फलों को शामिल करें।
क्या सेंधा नमक खाने से रक्तचाप की समस्या कम हो जाती है?
उत्तर अनिश्चित है। इस बात की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं कि सेंधा नमक या काला नमक खाने से रक्तचाप कम होता है। सेंधा नमक और सामान्य नमक दोनों का प्राथमिक घटक सोडियम क्लोराइड है और अत्यधिक सोडियम का सेवन कुछ व्यक्तियों में उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है। उच्च सोडियम के सेवन से रक्त की मात्रा भी बढ़ सकती है और हृदय प्रणाली पर दबाव पड़ सकता है।
एक अन्य अध्ययन भी इस परिणाम का समर्थन करता है, क्योंकि इसमें हिमालयन नमक और table salt के बीच रक्तचाप और मूत्र में सोडियम की मौजूदगी को लेकर कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं दिखाया गया है।
आहार विशेषज्ञ कामना चौहान बताती हैं, “सेंधा नमक का आयुर्वेद में एक मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें पाचन को दुरुस्त करने के गुण होते हैं। सोडियम से भरपूर आहार उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है। अतिरिक्त सोडियम का सेवन करने से शरीर में जल की मात्रा भी बढ़ा सकती है, जिससे रक्त की मात्रा बढ़ जाती है और हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्तचाप बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप से ग्रसित लोगों को प्रतिदिन लगभग 3.75 ग्राम सोडियम मतलब नमक का सेवन करना चाहिए। सेंधा नमक में कम योजक होते हैं, क्योंकि इसमें न्यूनतम प्रसंस्करण होता है। यह सेंधा नमक को एक स्वास्थ्यवर्धक विकल्प बनाता है क्योंकि इसमें एल्युमिनियम सिलिकेट, पोटेशियम आयोडेट या केकिंग एजेंट जैसे योजक नहीं होते हैं। हालांकि लोगों को स्वास्थ्य लाभ के लिए अभी भी इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।”
अतः उपरोक्त दावों और चिकित्सक के बयान के आधार पर कहा जा सकता है कि यह दावा ज्यादातर गलत है। सेंधा नमक भले ही गुणकारी हो लेकिन उच्च रक्तचाप में इस पर आंख मूंदकर भरोसा करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए चिकित्सक के सलाह लेना बेहतर है।
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