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  • Fact Check: 1948 के लंदन ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने अपनी सहूलियत से नहीं पहने थे सॉकर शूज विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट फ़र्ज़ी साबित हुई। 1948 के लंदन ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने इसलिए जूते नहीं पहने, क्योंकि उन्हें जूते पहन के खेलने की आदत नहीं थी। हालांकि, उस वक्त मैच के दौरान भी इमरजेंसी ज़रूरत के लिए शूज मौजूद थे। - By: Umam Noor - Published: Aug 6, 2021 at 07:15 PM - Updated: Aug 7, 2021 at 09:23 AM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। आजकल टोक्यो ओलंपिक 2020 खबरों में है। अब इसी कड़ी में 1948 में हुए लंदन ओलंपिक से जुड़ा एक दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यूजर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और सॉक्स पहने कुछ खिलाड़ियों के पैरों की तस्वीर को शेयर करते हुए यह दावा कर रहे हैं कि लंदन में 1948 में हुए ओलंपिक में भारत के फ़ुटबॉल खिलाड़ियों ने सिर्फ इसलिए जूते नहीं पहने थे, क्योंकि इंडिया की फुटबॉल टीम के पास जूते खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह वायरल दावा फर्जी निकला। 1948 के लंदन ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने इसलिए जूते नहीं पहने, क्योंकि उन्हें जूते पहन के खेलने की आदत नहीं थी। हालांकि, उस वक्त मैच के दौरान भी इमरजेंसी के लिए शूज मौजूद थे। क्या है वायरल पोस्ट में ? फेसबुक यूजर ने पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘In this picture, the Indian football team is playing the 1948 London Olympics. Azad India does not have enough money to buy shoes for football team. Some players wore socks like this and others played without shoes and our Chacha taking his dog on Flight’. पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें। पड़ताल 1948 में आज़ाद भारत ने पहली बार इंटरनेशनल फुटबॉल खेला था.हालांकि, फ्रांस के साथ हुए ओपनिंग राउंड में 2-1 से शिकस्त पाई थी। वायरल पोस्ट में किये जा रहे दावे की पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने उचित कीवर्ड डालकर गूगल न्यूज़ सर्च किया। सर्च में हमें 17 मई 2014 को द हिन्दू की वेबसाइट पर पब्लिश हुआ एक आर्टिकल लगा। आर्टिकल में दी गई जानकारी के मुताबिक, 1948 के लंदन ओलंपिक में भारतीय फुटबॉलर्स ने अपनी मर्ज़ी से बिना सॉकर शूज के खेलने का फैसला किया था। वहीं, खबर में आगे, ट्रेनर बी चटर्जी के हवाले से लिखा है कि इंडियन टीम के पास इमरजेंसी ज़रूरत के लिए जूते भी थे। पोस्ट की पड़ताल को जारी रखते हुए हमने इस मामले से जुडी और खबरों को खोजना शुरू किया। सर्च में हमें 7 मई 1948 के इंडियन एक्सप्रेस अखबार के आर्काइव में एक खबर मिली। इस खबर में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘लंदन ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल टीम के चयन के लिए दो ट्रायल मैचों में से पहला मैच आज कलकत्ता एफ.सी. मैदान पर काफी बड़ी भीड़ के सामने खेला गया। मिड-डे की भारी बौछार के बाद मैदान ग्रीसी हो जाने के कारण सभी खिलाड़ी जूते पहन कर बाहर निकले।” पोस्ट से जुडी पुष्टि के लिए विश्वास न्यूज़ ने 1948 में भारतीय फुटबॉल टीम में ओलंपिक खेलने वाले शिओ मेवालाल के पोते तरुण राय से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया कि वायरल की जा रही पोस्ट के बारे में उन्हें जानकारी है और ये फ़र्ज़ी दावा है। उन्होंने कहा कि नंगे पैर फुटबॉल खेलने की आदत होने की वजह से उस वक़्त टीम में बहुत से खिलाड़ियों ने शूज नहीं पहने थे, जबकि इमरजेंसी यूज़ के लिए तब भी शूज थे टीम के पास और उस वक़्त जो भी खिलाड़ी शूज के साथ कम्फर्टेबल थे, उन्होंने पहने भी थे।” तरुण ने विश्वास न्यूज़ के साथ 1948 में लंदन में ओलंपिक के लिए गए हुए भारतीय टीम की प्रैक्टिस का भी एक फोटो शेयर किया, जिसमें सभी खिलाड़ियों को सॉकर शूज के साथ देखा जा सकता है। वायरल पोस्ट के साथ शेयर की जा रही देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर को गूगल रिवर्स किये जाने पर हमें ये तस्वीर टाइम्स कंटेंट की वेबसाइट पर मिली। तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक,’Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru with his pet dog ‘Pepi’ at the Palam airport in New Delhi destined for Kulu-Manali on January 1, 1961.” वहीं, दूसरी तस्वीर जिसमें खिलाडी सॉक्स में नज़र आ रहे हैं, को गूगल रिवर्स इमेज किये जाने पर ये तस्वीर स्पोर्ट्स कीड़ा नाम की वेबसाइट पर अपलोड एक आर्टिकल में मिली। तस्वीर के साथ दी गयी जानकारी के मुताबिक, यह 1950 के फीफा वर्ल्ड कप खिलाडियों के पांव की फोटो है। अब बारी थी इस पोस्ट को फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर The Educated Indian की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि यूजर को 2,868 लोग फॉलो करते हैं। निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट फ़र्ज़ी साबित हुई। 1948 के लंदन ओलंपिक में भारतीय फुटबॉल खिलाड़ियों ने इसलिए जूते नहीं पहने, क्योंकि उन्हें जूते पहन के खेलने की आदत नहीं थी। हालांकि, उस वक्त मैच के दौरान भी इमरजेंसी ज़रूरत के लिए शूज मौजूद थे। - Claim Review : 1948 में हुए ओलंपिक में भारत के फ़ुटबॉल खिलाड़ियों ने सिर्फ इसलिए जूते नहीं पहने थे, क्योंकि इंडिया की फ़ुटबॉल टीम के पास जूते खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। - Claimed By : The Educated Indian - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं... You’re so awesome! I don’t believe I have read a single thing like that before. So great to find someone with some original thoughts on this topic. Really.. thank you for starting this up. This website is something that is needed on the internet, someone with a little originality!
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