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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया है कि बरेली पुलिस द्वारा चालान काटने पर कुछ मुस्लिम भड़क गए और उन्होंने पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की.
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.
सोशल मीडिया पर हम आये दिन किसी घटना को किसी संप्रदाय या धर्म से जोड़ देने की कई घटनाएं देखते रहते हैं. कभी पीड़ित या आरोपी की जाति या धर्म को लेकर अफवाह फैलाई जाती है तो कभी घटना स्थल को लेकर. CAA विरोधी प्रदर्शनों और कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों की पुलिस या सरकारी कर्मचारियों से मारपीट या कहासुनी की घटनाएं सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से शेयर हो रही हैं. इनमें से कुछ दावे सच होते हैं तो कुछ गलत भी होते हैं. कुछ ऐसा ही वाकया हमें सोशल मीडिया पर तब देखने को मिला जब एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि बरेली पुलिस द्वारा चालान काटे जाने के बाद एक मुस्लिम परिवार भड़क गया और पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की.
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को की-फ्रेम्स में बांटा और फिर कुछ कीवर्ड्स की सहायता से एक की-फ्रेम को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया के दौरान हमें UttarPradesh.ORG News के संस्थापक अनिल तिवारी द्वारा वर्ष 2018 में किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ. उक्त ट्वीट के मुताबिक़ यह घटना साल 2018 में गाजियाबाद में घटित हुई थी जहां बैंक के बाहर लाइन में खड़े होने को लेकर विवाद हुआ था.
इसके बाद हमें उक्त ट्वीट के जवाब में गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा किया गया एक ट्वीट भी प्राप्त हुआ जिसमे गाज़ियाबाद पुलिस ने यह स्वीकार किया है कि घटना गाज़ियाबाद की ही है. गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा शेयर किये गए वीडियो में गाज़ियाबाद के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्णा को यह कहते सुना जा सकता है कि “थाना लोनी बॉर्डर से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला एवं उसके साथ कुछ और अन्य लोग भी हैं जो कि एक पुलिसकर्मी को मारते हुए दिख रहे हैं. पूरा प्रकरण इस प्रकार है, ‘एक बैंक में किसी व्यक्ति की आज बैंककर्मी से नोकझोंक हुई जिसमें बैंककर्मी द्वारा पुलिस को बुलाया गया, डायल 100 पर भी कॉल किया गया… 100 नंबर की गाड़ी भी वहां पर… पीआरवी भी वहां पर पहुंची… पीआरवी कर्मी से जो वहां लोकल लोग हैं… उनके द्वारा हाथापाई की जा रही है। जिसमें एक महिला भी दिख रही है. इस प्रकरण में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है… इसमें 2 अभियुक्तों की गिरफ्तारी भी हो गई है. अन्य जितने भी लोग इसमें… वीडियो में दिख रहे हैं… सभी की गिरफ्तारी शीघ्र होगी.”
गाज़ियाबाद पुलिस के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्णा के बयान से इतना तो स्पष्ट हो गया था कि यह घटना बरेली की नहीं बल्कि गाज़ियाबाद की है तथा 2 साल पुरानी है. अब वीडियो में दिख रहे परिवार के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया. जहां हमें पत्रिका में प्रकाशित एक लेख मिला जिसमे वैभव कृष्णा द्वारा दी गई जानकारी से मिलती जुलती जानकारी प्रकाशित की गई है. गौरतलब है कि गूगल सर्च से प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स में हमें नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक फैक्ट चेक रिपोर्ट भी मिली जिसमें यह जानकारी दी गई है कि उक्त वीडियो पहले भी बरेली में चालान काटने को लेकर मुस्लिम परिवार द्वारा पुलिसकर्मी की पिटाई के नाम पर वायरल हो चुका है. अपनी पड़ताल में नवभारत टाइम्स ने उक्त मामले को लेकर गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा प्रकाशित प्रेस नोट भी शेयर किया है। जिसमें अभियुक्तों का नाम अशोक विहार थाना निवासी इमरान, राशिद, इजरायल तथा फईम बताया गया है.
इसके बाद हमें भाजपा नेता नवीन कुमार के ट्वीट से जुलते एक ट्वीट के जवाब में बरेली पुलिस द्वारा किया गया एक ट्वीट भी प्राप्त हुआ जिसमें जानकारी दी गई है कि उक्त घटना गाज़ियाबाद में दो वर्ष पूर्व घटित हुई थी। जिसमें गाज़ियाबाद पुलिस ने कार्रवाई की है.
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि वायरल वीडियो बरेली का नहीं बल्कि गाजियाबाद का है तथा 2 वर्ष पुराने इस मामले में चालान काटने को लेकर पुलिसकर्मी की पिटाई नहीं हुई थी बल्कि पुलिसकर्मी की पिटाई का कारण बैंककर्मी से कुछ स्थानीय लोगों का विवाद है.
Tweet made by Ghaziabad Police
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