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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि राँची के जावेद ने 10 हजार सिम कार्ड खरीदकर हिन्दुओं को आपस में लड़ाने का काम किया है.
‘हर सिक्के के दो पहलू होते हैं’ यह कहावत टेक्नोलॉजी पर भी लागू होती है. मोबाइल फ़ोन तथा सिम कार्ड जब भारतीय बाजार में पहुंचे तो शुरू में इन उत्पादों की मांग ज्यादा और आपूर्ति कम थी. फिर टेलीकॉम सेक्टर में निजी कंपनियों ने अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दिया और आपूर्ति बढ़ा दी गई, जिससे टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ने लगी. शुरूआती दौर में जहां सिम कार्ड लेने के लिए कागजी कार्यवाही से गुजरना पड़ता था वहीं बाद में प्रतिस्पर्धा बढ़ने के बाद यही सिम कार्ड बिना किसी वैद्य दस्तावेज के औने-पौने दामों में बेचे जाने लगे. प्रति व्यक्ति सिम कार्ड खरीदने पर कोई सीमा ना होने की वजह से कई लोग नए सिम कार्ड के साथ मिलने वाले फायदों के उपयोग के बाद फिर नया सिम खरीद लेते थे. सिम कार्ड की बिक्री में इस ढील का खामियाजा अपराध के बढ़ते ग्राफ के रूप में भी चुकाना पड़ा. 2012 में केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया कि एक व्यक्ति को अधिकतम 9 सिम कार्ड्स ही जारी किये जा सकते हैं.
इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि झारखंड के राँची निवासी जावेद ने 10 हजार सिम कार्ड खरीदकर उनका दुरूपयोग किया. वायरल वीडियो को शेयर कर यह भी बताया गया है कि जावेद ने जो 10 हजार सिम कार्ड ख़रीदे थे, उनमें से 9 हजार सिम कार्ड एयरटेल कंपनी द्वारा जारी किये गए हैं. जावेद नामक इस व्यक्ति ने सिम कार्डों के इस्तेमाल से हिन्दू धर्म की विभिन्न जातियों के बीच वैमनस्य पैदा कर दिया है.
जावेद द्वारा 10 हजार सिम कार्ड खरीदकर हिन्दुओं के बीच वैमनस्य पैदा करने के दावे के साथ शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च किया. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि वायरल वीडियो में शेयर की गई जानकारी हाल-फिलहाल की नहीं बल्कि, साल 2018 की है. The Telegraph द्वारा 24 अक्टूबर 2018 को प्रकाशित एक खबर के अनुसार झारखंड पुलिस के आतंकरोधी दस्ते को एक छापे में दो घरों से 10 हजार सिम कार्ड मिलने के बाद तीन लोगों को हिरासत में लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, राँची निवासी जावेद ने 10 हजार सिम कार्ड ख़रीदे थे. जावेद के नाम पर जारी इन 10 हजार सिम कार्डों में से 90% सिम कार्ड एयरटेल द्वारा जारी किये गए हैं. The Telegraph ने अपने लेख में यह भी बताया है कि हिरासत में लिए गए तीनों व्यक्तियों ने एक फर्म के लिए काम करने का खुलासा किया है.
The Telegraph द्वारा 25 अक्टूबर 2018 को उपरोक्त खबर के फॉलो-अप खबर के रूप में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, झारखंड पुलिस के आतंकरोधी दस्ते को एक छापे में दो घरों से जो 10 हजार सिम कार्ड बरामद हुए थे, दरअसल वह जावेद नामक एक व्यक्ति के नाम पर नहीं बल्कि ‘One Excel’ नामक एक फर्म के नाम पर जारी किये गए थे. The Telegraph की इस फॉलो-अप स्टोरी के अनुसार ATS यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इन सिम कार्डों का किस तरह से इस्तेमाल किया गया था.
Times of India ने अपने एक लेख में वायरल वीडियो के साथ शेयर किये जा रहे दावे ‘जावेद ने 10 हजार सिम कार्ड खरीद कर हिन्दू धर्म की विभिन्न जातियों में वैमनस्य पैदा किया’ का फैक्ट-चेक किया है. हालांकि Times of India की यह पड़ताल मुख्यतः इन 10 हजार सिम कार्डों के इस्तेमाल से NOTA के लिए कैंपेन चलाये जाने को लेकर है.
इसके बाद हमने फेसबुक यूजर्स द्वारा शेयर किये गए इसी वीडियो के लंबे वर्जन को लेकर अपनी पड़ताल शुरू की, जहां हमें यह जानकारी मिली कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित विभिन्न लेखों के आधार पर अपनी बात रख रहा है. वीडियो में दिख रहे लेख के स्क्रीनशॉट से मिली जानकारी के अनुसार कुछ कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च करने पर हमें New Indian Express द्वारा प्रकाशित वह लेख प्राप्त हुआ, जिसके आधार पर वायरल वीडियो में उक्त दावा किया जा रहा है.
इसके बाद हमने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया. लेकिन हमें सिर्फ यही जानकारी मिल पाई कि वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति का नाम नितिन शुक्ला है. हालांकि हमें नितिन शुक्ला द्वारा प्रकाशित/प्रसारित असल वीडियो नहीं मिल पाया.
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि 10 हजार सिम कार्ड खरीदने के मामले में जावेद नामक व्यक्ति का नाम तो आया था, लेकिन ये सभी सिम कार्ड जावेद के नाम पर जारी नहीं किये गए थे बल्कि One Excel नामक एक कंपनी ने एयरटेल के कॉर्पोरेट प्लान के तहत इन सिम कार्डों की खरीद की थी. साथ ही साथ हमारी पड़ताल में यह बात भी साफ हो जाती है कि यह खबर लगभग तीन साल पुरानी है जिसे गलत संदर्भ में शेयर कर भ्रम फैलाया जा रहा है.
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Mohammed Zakariya
January 27, 2025
Komal Singh
January 24, 2025
Runjay Kumar
January 6, 2025
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