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  • राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नाम से वायरल यह बयान फ़र्ज़ी है सोशल मीडिया पर वायरल एक स्क्रीनशॉट के मुताबिक़, यशवंत सिन्हा ने कहा है कि भारत के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद वो नूपुर शर्मा को गिरफ़्तार करने का आदेश पारित करेंगे. सोशल मीडिया पर विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा यशवंत से जोड़कर एक स्क्रीनशॉट वायरल है. इस स्क्रीनशॉट के मुताबिक़ यशवंत सिन्हा ने कहा है कि भारत के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद वो नूपुर शर्मा को गिरफ़्तार करने का आदेश पारित करेंगे. साथ ही इसमें यशवंत सिन्हा की तस्वीर भी लगी है. सोशल मीडिया यूज़र्स इस बयान को असल मानकर ख़ूब शेयर कर रहे हैं. बूम ने पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट में किया गया दावा ग़लत है. यशवंत सिन्हा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया. बूम ने जांच में यह भी पाया कि किसी की गिरफ़्तारी का आदेश देना राष्ट्रपति के संवैधानिक अधिकार में नहीं आता. क़रीब पांच साल पुरानी ख़बर को शेयर करके राष्ट्रपति पर निशाना साधा जा रहा है वायरल स्क्रीनशॉट में लिखा है – "ब्रेकिंग : भारत के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद नूपुर शर्मा को गिरफ़्तार करने का आदेश पारित करूंगा : यशवंत सिन्हा" एक फ़ेसबुक यूज़र ने स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, "ऐसी घटिया मानसिकता वाले भी राष्ट्रपति बनने का सपना देख रहे हैं.. उमर का तो लिहाज करते." पोस्ट यहां देखें. इसी स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए एक यूज़र ने सवाल पूछा, "क्या किसी की गिरफ्तारी का आदेश। देना राष्ट्रपति के संबैधानिक अधिकारों में आता है?" पोस्ट यहां देखें. क्या NIA ने मुस्लिम आतंकियों की सूचना देने के लिए ज़ारी किया है नंबर? फ़ैक्ट चेक फ़ैक्ट चेक बूम ने राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के इस वायरल बयान की सत्यता जांचने के लिए मीडिया रिपोर्ट्स खंगाला. लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो उनके इस बयान की पुष्टि करती हो. यदि यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रपति बनने पर नूपुर शर्मा को गिरफ़्तार करने के आदेश से जुड़ा कोई बयान दिया होता तो निश्चित तौर पर यह बड़ी ख़बर बनती. हालांकि, जांच के दौरान हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ज़रूर मिलीं जिसमें यशवंत सिन्हा ने नूपुर शर्मा के बयान की तीख़ी आलोचना की थी. 7 जून को सत्य हिंदी के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किये गए इंटरव्यू वीडियो में नूपुर शर्मा विवाद और सरकार द्वारा उन्हें 'फ्रिंज एलिमेंट' कह देने पर यशवंत सिन्हा कहते हैं कि "एक भारतीय होने के नाते और भारतीय संविधान पर विश्वास रखने वाले होने के नाते मैं बहुत व्यथित हूँ और दुखी हूँ. बीजेपी मामूली पार्टी नहीं है. यह आज के दिन सरकारी पार्टी है. बीजेपी के आधिकारिक प्रवक्ता ने यह बात कही है. इसलिए इसको फ्रिंज एलिमेंट कहकर ख़ारिज नहीं किया जा सकता और इस बात को तवज्जो नहीं दी जाये. एक पूरा इकोसिस्टम है आज हमारे मुल्क में. जो इस तरह की बातों का समर्थन करता है. और बीजेपी को इसमें चुनावी लाभ दिखता है. इसलिए बीजेपी इसे बरकरार बनाये रखना चाहती है. टीवी कार्यक्रम के 9 दिनों बाद जब अरब वर्ल्ड ने इसका संज्ञान लिया तब हम बाध्य हुए इसका संज्ञान लेने के लिए." द इंडियन एक्सप्रेस पर 11 जून 2022 को लिखे अपने ओपिनियन पीस में भी यशवंत सिन्हा ने नुपुर शर्मा की आलोचना करते हुए कहा कि भारत ने दुनियाभर में जो सम्मान कमाया था उसपर नूपुर शर्मा विवाद ने पानी फ़ेर दिया. ज़ी न्यूज़ की 3 जुलाई की रिपोर्ट के अनुसार, यशवंत सिन्हा के सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा कि नूपुर शर्मा की ढीली ज़ुबान ने देश में आग लगा दी. हमने यशवंत सिन्हा के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाला. लेकिन वायरल बयान से जुड़ा उनका कोई ट्वीट नहीं मिला. हालांकि, हमें उनके कई ट्वीट में मिले जिनमें वो नूपुर शर्मा विवाद पर पीएम मोदी की ख़ामोशी और स्वयं नूपुर शर्मा की आलोचना करते नज़र आये. यशवंत सिन्हा ने नूपुर शर्मा विवाद पर अपने 5 जून 2022 के ट्वीट में कहा था, "बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता अब फ्रिंग एलिमेंट है. ख़ुद पार्टी का क्या? फ्रिंज दुर्भाग्य से अब केंद्र में है. मोदी है तो मुमकिन है." 6 जून 2022 के एक अन्य ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा, "अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं की टिप्पणी पर पीएम की "मन की बात" क्या है? या वह गुप्त रूप से उनका समर्थन कर रहे हैं?" यशवंत सिन्हा ने 2 जुलाई 2022 के एक ट्वीट में अपना एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "ऑल्ट न्यूज़ के मोहम्मद ज़ुबैर को ये कहकर जेल में बंद कर दिया गया कि वो देश में वैमनस्य फैला रहे हैं. लेकिन भाजपा की एक प्रवक्ता, जिसने जहर फैला दिया इस देश में, उसके खिलाफ अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई. क्या प्रधानमंत्री जी इस पर कुछ बोलेंगे?" इसके बाद हमने यह भी जानना चाहा कि क्या किसी की गिरफ़्तारी का आदेश देना राष्ट्रपति के संवैधानिक अधिकार में है? इसके लिए हमने अधिवक्ता सारिम नावेद से संपर्क किया. इस सवाल के जवाब में उन्होंने बूम को बताया कि किसी की गिरफ़्तारी का आदेश देना राष्ट्रपति के संवैधानिक अधिकार में नहीं आता. हमारी अब तब की जांच से स्पष्ट हो जाता है कि यशवंत सिन्हा के हवाले से राष्ट्रपति बनने पर नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी का आदेश पारित संबंधी बयान मनगढ़ंत है. यशवंत सिन्हा ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया. कराची में भैंसा को गोली मारने का वीडियो भारत के संदर्भ में शेयर किया गया
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