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  • Last Updated on अप्रैल 8, 2024 by Neelam Singh सारांश एक फेसबुक पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि लहसुन, प्याज, लौंग, काली मिर्च और मेथी दानों को सरसों के तेल में पकाने के बाद घुटनों में लगाने से जोड़ों का दर्द नहीं होता है। जब हमने इस वीडियो का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा ज्यादातर गलत है। दावा एक फेसबुक पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि लहसुन, प्याज, लौंग, काली मिर्च और मेथी दानों को सरसों तेल में पकाने के बाद घुटनों में लगाने से जोड़ों का दर्द नहीं होता है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि आटे की लोई की मदद से घुटने के ऊपर गोलाकार बनाकर उसमें सरसों का तेल (ऊपर बताए गए सभी चीजों को डालकर) डालने से कभी घुटनों का दर्द नहीं होता है। तथ्य जाँच घुटनों में दर्द क्यों होता है? वयस्कों में घुटनों का दर्द होना एक बहुत ही आम समस्या है, जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है। ऐसे कई अलग-अलग कारण हैं, जिनकी वजह से एक वयस्क को घुटने में दर्द का अनुभव हो सकता है, जिसके कारण भिन्न हो सकते हैं। इनमें से कुछ सबसे सामान्य हैं- - अत्यधिक प्रयोग: यह घुटने के दर्द का सबसे आम कारण है। यह दौड़ने, कूदने या सीढ़ियां चढ़ने जैसी गतिविधियों के कारण हो सकता है। अत्यधिक प्रयोग से घुटने के ऊतकों में जलन हो सकती है, जिससे दर्द और सूजन हो सकती है। इसे Jumper’s knee (patellar tendonitis) भी कहा जाता है। - चोटें: घुटनों में चोट लगना भी घुटनों के दर्द का एक प्रमुख कारण है। जैसे – लिगामेंट में सूजन होना या किसी कारण हड्डियों का टूटना भी दर्द का कारण बन सकते हैं। ये चोटें अचानक लगने वाले प्रभाव से हो सकती हैं, जैसे कि गिरना या किसी दुर्घटना के कारण। - गठिया: ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड आर्थराइटिस, गठिया के दो सामान्य प्रकार हैं, जो घुटने को प्रभावित कर सकते हैं। गठिया के कारण घुटनों में दर्द, कठोरता और सूजन हो सकती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस में धीरे-धीरे बढ़ती उम्र के साथ घुटनों की समस्या बढ़ने लगती है। वहीं रुमेटीइड गठिया एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली घुटने सहित शरीर के कई जोड़ों में स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है। यह घुटने के जोड़ के आसपास के कैप्सूल, सिनोवियल झिल्ली की सूजन का कारण बनता है। सूजन वाली कोशिकाएं ऐसे पदार्थ का रिसाव करती है, जो समय के साथ घुटने के cartilage को कमजोर कर देते हैं। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। - बर्साइटिस (Bursitis): बर्साइटिस में तरल पदार्थ से भरी थैलियों में सूजन होने लगती है, जो घुटने के आसपास की हड्डियों, टेंडन और मांसपेशियों को सहारा देती है। यह अत्यधिक प्रयोग, चोट या कुछ बीमारियों के कारण हो सकता है। - वजन: अधिक वजन या मोटापे के कारण घुटनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दर्द हो सकता है। क्या प्याज, लहसुन, लौंग, मेथी दाना और काली मिर्च घुटनों के दर्द को ठीक करते हैं? फिलहाल, निश्चित रूप से इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, जो लहसुन, प्याज, काली मिर्च, मेथी (मेथी के बीज) और सरसों के तेल का मिश्रण दर्द से राहत दिलाने को लेकर प्रमाणिकता की पुष्टि करता हो। हालांकि इन सामग्रियों में कुछ गुण हैं, जो संभावित लाभ प्रदान कर सकते हैं। जैसे – - लहसुन: इसमें सूजन-रोधी यौगिक होते हैं, जो संभावित रूप से कुछ प्रकार के दर्द में मदद कर सकते हैं। आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, लहसुन में diallyl disulphide नामक यौगिक होता है, जो प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स (pro-inflammatory cytokines) के प्रभाव को सीमित करता है। लहसुन सूजन से लड़ने और गठिया के कारण होने वाली उपास्थि (cartilage) की हानि को रोकने में मदद कर सकता है लेकिन ये घुटनों के सभी प्रकार के दर्द से राहत देगा या पूरी तरह से ठीक कर देगा, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है। - प्याज: इसमें भी एंटी-इंफ्लेमेटरी यानी सूजनरोधी गुण होते हैं। आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, प्याज फ्लेवोनोइड्स का भी सबसे समृद्ध स्रोत होता है, जो कि एक एंटीऑक्सिडेंट है। यह शरीर की कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान को समाप्त करता है। प्याज में पाया जाने वाला एक फ्लेवोनोइड, जिसे क्वेरसेटिन कहा जाता है, जानवरों और कोशिका संस्कृतियों में ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटीइड गठिया में सूजन पैदा करने वाले ल्यूकोट्रिएन, प्रोस्टाग्लैंडीन और हिस्टामाइन को रोक सकता है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह सभी लोगों पर एक समान प्रभाव डालता है या अलग-अलग। - काली मिर्च: काली मिर्च में पिपेरिन होता है, जो हल्के या साधारण दर्द को कम करने और सूजन-रोधी प्रभाव डाल सकता है। पशुओं पर किए गए शोध के परिणामों से पता चलता है कि गठिया के दर्द में काली मिर्च में पाए जाने वाले पिपेरिन में सूजन-रोधी, एंटीनोसाइसेप्टिव और एंटीआर्थ्राइटिक प्रभाव होते हैं। यही कारण है कि इसके बेहतर उपयोग, फार्मास्युटिकल या आहार अनुपूरक के रूप में उपयोग के संबंध में पिपेरिन का और अध्ययन किया जाना चाहिए। वर्तमान में मानवों पर इस तरह का कोई शोध नहीं किया गया है। - मेथीः शोध बताते हैं कि मेथी के बीज में ऐसे यौगिक होते हैं, जिनका अध्ययन उनके संभावित सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए किया गया है, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं क्योंकि इसमें linolenic and linoleic acids पाए जाते हैं। जबकि मेथी (ट्राइगोनेला फोनम-ग्रेकम) का इसके संभावित स्वास्थ्य लाभों के लिए अध्ययन किया गया है। मेथी का उपयोग पारंपरिक रूप से दर्द से राहत सहित कई बीमारियों के लिए किया जाता रहा है। हालांकि इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई निर्णायक वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि यह घुटनों के दर्द को ठीक कर सकता है। - लौंगः शोध के मुताबिक लौंग का तेल, जो लौंग के पौधे से निकाला जाता है, उसका पारंपरिक रूप से घुटने के दर्द सहित दर्द से राहत के लिए उपयोग किया जाता रहा है। लौंग के तेल में मुख्य सक्रिय तत्व यूजेनॉल है, जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं। ये गुण घुटने में दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विशेष रूप से घुटने के दर्द के लिए लौंग के तेल के उपयोग का समर्थन करने के लिए सीमित वैज्ञानिक प्रमाण हैं। जबकि कुछ अध्ययनों से पता चला है कि लौंग का तेल सामान्य रूप से दर्द से राहत के लिए प्रभावी हो सकता है। घुटने के दर्द के लिए इसकी प्रभावशीलता निर्धारित करने के लिए और शोध की आवश्यकता है। साथ ही घुटने के दर्द सहित किसी भी चिकित्सीय स्थिति के लिए लौंग के तेल का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। लौंग का तेल कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है और त्वचा में जलन जैसे दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है। डॉ. सुशांत श्रीवास्तव, एमबीबीएस, एमएस (ऑर्थोपेडिक्स) एक अनुभवी ऑर्थोपेडिक सर्जन हैं, जो बाल चिकित्सा ऑर्थोपेडिक्स में विशेषज्ञता रखते हैं। वे वर्तमान में बिहार के किशनगंज में माता गुर्जरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज और लायंस सेवा केंद्र अस्पताल में ऑर्थोपेडिक्स विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। इस वीडियो के बारे में उन्होंने कहा, “इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि घुटने के दर्द के इलाज के लिए विभिन्न संस्कृतियों में प्याज, लहसुन, काली मिर्च और सरसों के तेल में उबली हुई लौंग जैसे घरेलू उपचारों का उपयोग किया गया है। इन उल्लिखित चीजों में सूजन-रोधी गुण होते हैं, लेकिन यह समझने की जरूरत है कि इसे साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।” उन्होंने आगे बताया, “वर्तमान चिकित्सा देखभाल साक्ष्य आधारित चिकित्सा पर काम करती है इसलिए ऐसी किसी भी चीज़ का उपयोग करना सही नहीं होगा जो वैज्ञानिक रूप से समर्थित न हो। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि घुटने का दर्द विभिन्न कारणों से हो सकता है। जैसे- ऑस्टियोआर्थराइटिस, चोट, सूजन, संक्रमण, इत्यादि। यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति सही निदान और उपचार में आगे की कार्ययोजना के लिए प्रमाणित स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श ले। यह भी समझना जरुरी है कि घरेलू उपचार कुछ मामलों और स्थितियों में दर्द को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन वे कभी भी उपचार की सही पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को प्रतिस्थापित नहीं कर सकते हैं। ऐसे में जरुरी है कि शरीर में होने वाले किसी भी दर्द को नज़रअंदाज़ ना करें, अपने वजन को नियंत्रित रखें एवं शरीर को चलायमान रखें।” यदि आप घुटने के दर्द का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने दर्द का कारण निर्धारित करने और उपचार लेने के लिए किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। शीघ्र निदान और उपचार आपके घुटने को और अधिक नुकसान से बचाने और आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है।हमने पहले भी इस तरह के भ्रामक दावे की जाँच की है, जो कमर दर्द से संबंधित है।
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