About: http://data.cimple.eu/claim-review/4d58d514d3c32ab5191f9965240fcc5dfbc803d8399e030ed68ef441     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • Fact Check: यह तस्वीर यूपी में CAA के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन से संबंधित नहीं है - By: Abhishek Parashar - Published: Dec 24, 2019 at 06:13 PM - Updated: Aug 30, 2020 at 07:44 PM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यह उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हुए प्रदर्शन की है। विश्वास न्यूज की जांच में यह तस्वीर फर्जी निकली। वायरल हो रही यह तस्वीर नागरिकता संशोधन कानून के अस्तित्व में आने से कई साल पहले की है। क्या है वायरल पोस्ट में? फेसबुक यूजर हनुमान सहारन (Hanuman Saharan) ने पत्थर फेंक रहे एक प्रदर्शनकारी की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘रहमान चचा 500 लेकर पत्थर फेंकने गए थे…यूपी पुलिस ने उन्हें 1,50,000 का नोटिस भेज दिया।’ फेसबुक यूजर हनुमान सहारन (Hanuman Saharan) ने पत्थर फेंक रहे एक प्रदर्शनकारी की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘रहमान चचा 500 लेकर पत्थर फेंकने गए थे…यूपी पुलिस ने उन्हें 1,50,000 का नोटिस भेज दिया।’ फेसबुक के अलावा सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म पर भी इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया गया है। पड़ताल नागरिकता संशोधन कानून के उत्तर प्रदेश समेत देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। रिवर्स इमेज में हमें यह तस्वीर कई अन्य यूजर्स की प्रोफाइल पर मिली, जो करीब तीन साल पुरानी है। 11 जनवरी 2016 को india.com की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर (Burning Bengal: Right-wingers on Twitter take Mamata Banerjee to task for downplaying Malda riots) में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। खबर के मुताबिक, यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की है। पश्चिम बंगाल के मालदा में हुए सांप्रदायिक दंगों को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। हालांकि, विश्वास न्यूज इस तस्वीर के मालदा से जुड़े होने की स्वतंत्र पुष्टि नहीं करता है। पश्चिम बंगाल में दैनिक जागरण के सीनियर एडिटर गोपाल ओझा ने कहा, ‘यह तस्वीर मालदा की नहीं है।’ Tineye के जरिए किए गए रिवर्स इमेज सर्च में भी हमें यह तस्वीर मिली, जिसे सबसे पहले 8 जनवरी 2016 को अपलोड किया गया था। इंडिया डॉट कॉम की जिस खबर में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है, वह 11 दिसंबर 2016 को लिखी गई है, जबकि नागरिकता संशोधन विधेयक 10 दिसंबर 2019 को लोकसभा से पारित होने के बाद 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा से पास हुआ। इसके बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और यह विधेयक कानून बन गया। इस विधेयक के खिलाफ 10 दिसंबर से देश भर में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई। अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 21 दिसंबर को प्रदर्शन हुआ था, जिसके बाद सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया। ‘इंडिया टुडे’ की वेबसाइट पर 21 दिसंबर को प्रकाशित खबर में उत्तर प्रदेश में हुए विरोध प्रदर्शन के वीडियो को देखा जा सकता है। पूरे प्रदेश में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने उन प्रदर्शनकारियों की संपत्तियों को जब्त करना शुरू कर दिया है, जिन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काते हुए संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश सरकार का यह फैसला 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले के मुताबिक है, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की संपत्ति जब्त कर उसकी भरपाई की जानी चाहिए। हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के लखनऊ के रेजिडेंट एडिटर सदगुरु शरण अवस्थी ने कहा कि यह तस्वीर लखनऊ में हुए विरोध प्रदर्शन की नहीं है। नागरिकता संशोधन कानून के अस्तित्व में आने के बाद से सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों और वीडियो का अंबार लगा हुआ है, जिसे इस कानून के खिलाफ हो रहे हालिया विरोध प्रदर्शनों से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। पुरानी घटनाओं की तस्वीरों और वीडियो को सीएए और एनआरसी से जोड़कर दुष्प्रचार किया जा रहा है, जिसकी सच्चाई विश्वास न्यूज पाठकों तक पहुंचा रहा है। ऐसे सभी फर्जी खबरों की पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है। निष्कर्ष: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दावे के साथ जिस प्रदर्शनकारी की तस्वीर को वायरल किया जा रहा है, वह उत्तर प्रदेश की नहीं है। - Claim Review : यूपी पुलिस ने मुस्लिम प्रदर्शनकारी को थमाया डेढ़ लाख रुपये का नोटिस - Claimed By : FB User-Hanuman Saharan - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • English
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 11 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software