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  • Fact Check: बीजिंग की पुरानी मस्जिद की तस्वीर शिनजियांग के नाम पर हो रही वायरल - By: Abhishek Parashar - Published: May 15, 2019 at 02:54 PM - Updated: Aug 29, 2020 at 05:54 PM नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर चीनी मुसलमानों की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि यह सभी तस्वीरें चीन के शिनजियांग प्रांत की हैं। फेसबुक और ट्विटर पर यह तस्वीरें वैसे समय में वायरल हुई है, जब चीन के कुछ इलाकों में रमजान पर पाबंदी लगाने की खबरें आई हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा दावा गलत साबित होता है। क्या है वायरल पोस्ट में? फेसबुक पर शेयर किए पोस्ट में लिखा हुआ है, ”ये फोटो 2015 की चाइना शिनजियांग प्रान्त की है। भारतीय मीडिया चिल्ला चिल्ला कर कहती है की चीनी मुस्लिमो को इस पर पाबन्दी है उस पर पाबंदी है। मैं Aaj Tak वालो से ये कहना चाहता हु दुश्मनी चाइना की हम भारतीयों से है हमारे धर्म से नही, चाइना को खूब निचे गिराए पर मुस्लिमो को टारगेट करके नही इससे हमारे वतन की बेइज्जती होती है हम ये बेइज्जती बर्दशात नही कर सकते।” ”इंडियन मुस्लिम एकता” पेज से शेयर किए गए इस पोस्ट के साथ चीनी मूल के मुसलमानों की कई तस्वीरें भी शेयर की गई हैं। पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 100 बार से अधिक शेयर किया जा चुका है, वहीं 1300 से अधिक लोगों ने इसे लाइक किया है। पड़ताल पड़ताल की शुरुआत में हमें पता चला कि पोस्ट में शेयर की गईं सभी तस्वीरें पहले भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। हालांकि, उनमें किया गया दावा अलग था। फेसबुक पर हमें अन निसा मुस्लिमा पेज से जून 2018 में शेयर की गई तस्वीरें मिलीं। इस पोस्ट में भी वहीं तस्वीरें थीं। गूगल रिवर्स इमेज से हमें पता चला कि यह सभी तस्वीरें वेरिफाइड फेसबुक हैंडल ‘’Shanghaiist’’ से जुलाई 2015 को पोस्ट की गई थीं। ‘’Shanghaiist’’ के मुताबिक, यह सभी तस्वीरें बीजिंग के नियूजी मस्जिद की हैं, जब महिलाएं ईद उल फितर के मौके पर जमा हुई थीं। तीस दिनों के रमजान के बाद दुनिया भर के मुसलमान ईद का त्योहार मनाते हैं। पोस्ट के मुताबिक, नियूजी मस्जिद बीजिंग की सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक हैं, जिसे पहली बार 996 ईस्वी में लाओ वंश के शासकों ने बनवाया था और बाद में किंग वंश के समय में इसका विस्तार किया गया। जबकि वायरल पोस्ट में दावा किया गया था कि सभी तस्वीरें चीन के शिनजियांग प्रांत की हैं। हमारी पड़ताल में यह दावा गलत साबित होता है। हालांकि, वर्ष को लेकर किया गया दावा सही है। बीजिंग और शिनजियांग के बीच की दूरी करीब 2900 किलोमीटर है। हाल ही में चीन के शिनजियांग प्रांत में मुसलमानों के रमजान पर प्रतिबंध लगाने की रिपोर्ट सामने आई है। द प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिनजियांग के ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की वेबसाइट पर लिखा हुआ है, ‘रमजान के दिनों सामान्य घंटों के दौरान खाने-पीने की सेवाएं बहाल रहेंगी।’ इसके साथ ही इसमें लिखा गया है, ‘रमजान के दौरान उपवास और अन्य धार्मिक गतिविधियों से परहेज करें।’ रिपोर्ट में Save Uighur वेबसाइट के हवाले से बताया गया है , ‘चीन दुनिया का एकमात्र वैसा देश है, जहां मुस्लिमों के उपवास रखने पर पाबंदी है। उईगुर और मुस्लिमों को पिछले तीन सालों से उपवास रखने से प्रतिबंधित किया गया है।’ अन्य रिपोर्ट भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि चीन रमजान के महीनों में उपवास पर प्रतिबंध लगाता रहा है। ‘’द इंडिपेंडेंट’’ की यह रिपोर्ट 2017 में चीन के शिनजियांग प्रांत में रमजान के दौरान मुस्लिमों के रोजे पर प्रतिबंध लगाने की पुष्टि करती है। अल जजीरा की यह रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करता है। फेसबुक पर वायरल हो रही हालिया पोस्ट चीनी के शिनजियांग प्रांत में मुस्लिमों के रमजान पर लगे प्रतिबंध के बाद की हैं। Stalkscan की मदद से की गई स्कैनिंग में यह पेज विचारधारा विशेष की तरफ झुका दिखा। निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में चीनी मुस्लिमों को लेकर किया जा रहा दावा गलत साबित होता है। चीनी मुस्लिमों की जिन तस्वीरों को शिनजियांग का बताकर वायरल किया गया, वह बीजिंग के मस्जिद की पुरानी तस्वीरे हैं। पूरा सच जानें… सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं। - Claim Review : यह फोटो 2015 के चीन के शिनजियांग प्रांत की है। - Claimed By : FB User-इंडियन मुस्लिम एकता - Fact Check : झूठ
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