सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कई मिसाइलों को लॉन्च होते देखा जा सकता है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि हमास (Hamas) और इजरायल (Israel) के बीच चल रहे युद्ध के दौरान लेबनान का हिजबुल्ला (Hezbullah) ग्रुप इजरायल पर हमला कर रहा है.
सच क्या है?: ये वीडियो इजरायल पर हिजबुल्ला के हमले का नहीं है.
वीडियो 2018 का है. इसमें तुर्की के सशस्त्र बलो को सीरिया के आफरीन में मौजूद 'आतंकी संगठनों' पर हमला करते देखा जा सकता है. तुर्की की तरफ से ऑपरेशन ऑलिव ब्रांच के तहत ये हमला किया गया था.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकालकर उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
इससे हमें फेसबुक पर तुर्की के एक न्यूज चैनल TRT Haber का शेयर किया यही वीडियो मिला.
ये वीडियो साल 2018 में शेयर किया गया था. वीडियो कैप्शन टर्किश भाषा में था, जिसका अनुवाद इस प्रकार है, ''ऑपरेशन ऑलिव ब्रांच के तहत, तुर्की की सशस्त्र सेना ने मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर के साथ आफरीन में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हमला किया''.
जरूरी कीवर्ड के साथ सर्च करने पर हमें Anadolu Ajansi की 24 जनवरी 2018 की एक रिपोर्ट भी मिली, जिसमें तुर्की के ऑपरेशन ऑलिव ब्रांच के बारे में बताया गया था. जिसके तहत आफरीन से आतंकी तत्वों को हटाना था.
तुर्की की एक और न्यूज वेबसाइट Star ने भी यही वीडियो शेयर किया था. इसके टाइटल के मुताबिक, तुर्की सशस्त्र बलों ने आफरीन में पीवाईडी टारगेट को मारना शुरू कर दिया था.
क्या है हिजबुल्ला?: यह लेबनान का एक 'शिया मुस्लिम' राजनीतिक दल और अर्द्धसैनिक संगठन है. लेबनान में यह राजनीतिक दल के तौर पर काम करता है. इसका नेतृत्व हसन नसरल्लाह साल 1992 से कर रहे हैं.
ये पहली बार लेबनानी गृहयुद्ध के दौरान तब उभरा जब 1982 में देश पर इजरायली सेना ने हमला कर दिया.
इजरायल और हिजबुल्ला के बीच तनाव: दोनों देशों के संबंधों का इतिहास उतार-चढ़ाव भरा रहा है. हालांकि, इजरायल-हमास जंग के दौरान तनाव की स्थिति जरूर है.
CNN के मुताबिक, 17 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच गोलीबारी में 4 लेबनानी बच्चों की मौत हो गई.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि हिजबुल्ला ने इजरायली सैन्य ठिकानों पर हमला किया था.
निष्कर्ष: साफ है कि साल 2018 का पुराना वीडियो इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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