सारांश
व्हाट्सएप पर एक सन्देश कई बार सामने आये है जो यह दावा करता है की गरम नारियल का पानी पीने कैंसर ठीक हो सकता है। इस दावे को मुंबई में टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक डॉ राजेंद्र बडवे ने मान्यता दी है। हमे इस दावे की जांच की और पाया की यह पूरी तरह से गलत है।
दावा
व्हाट्सएप पर एक सन्देश कई बार सामने आये है जो यह दावा करता है की गरम नारियल का पानी पीने कैंसर ठीक हो सकता है। सन्देश यह दावा करता है की नारियल के फांक और गरम पानी का मिश्रण “क्षारीय/अम्ल” बन जाता है और शरीर में घातक कोशिकाएं को मरता है।
क्या नारियल का पानी कैंसर का इलाज कर सकता है?
इस दावे को दुनिया के प्रमुख तथ्य चेक प्लेटफॉर्म्स ने नकार दिया है। उनमें से कई ने वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट को उद्धृत किया है। (स्रोत: यहां क्लिक करें और यहां क्लिक करें)
हमने वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ मनीष सिंघल से बात की। उसका कहना है की “जिस डॉक्टर को इस दावे का श्रेय जाता है उन्होने इस कथन का खंडन किया है। इस मिथक को सच मान कर बहुत सारे रोगिओं ने अपना नियमित उपचार बंद कर दिया है। यह पूरी तरह से असत्य है। हालाँकि नारियल का पानी अपने आप में स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है जैसे की आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करना, लेकिन यह कैंसर का इलाज नहीं कर सकता है।”
क्या क्षारीय घोल कैंसर को ठीक कर सकता है?
इस पोस्ट में यह भी दावा किया गया है की गरम नारियल के पानी की कैंसर को ठीक करने की क्षमता इसकी “क्षारीय” प्रकृति से आती है। इस संदर्भ में डॉ सिंघल का कहना है “कैंसर को ठीक करने वाला यह क्षारीय भोजन एक मिथक है जो प्रयोगशाला में पेट्री डिश पर किए गए कुछ शोधों से सामने आया है। मानव शरीर काफी अलग तरह से काम करता है। भोजन के माध्यम से शरीर के PH को अम्लीय या क्षारीय नहीं बनाया जा सकता है। अगर किसी तरह शरीर का PH बदल जाता है, तो एक व्यक्ति को ICU में ले जा सकता है।”
क्या नारियल पानी और कैंसर पर इसके प्रभाव पर चिकित्सा शोध हैं?
कैंसर कोशिकाओं पर नारियल पानी के प्रभाव के विषय में कुछ चिकित्सा अनुसंधान हैं और ज्यादातर मामलों में, परिणाम सकारात्मक रहे हैं।
हाल ही में 2019 में किये गए एक अनुसंधान में नारियल पानी के सिरके को संभावित कैंसर विरोधी पूरक आहार पाया गया है। इस अध्यन में स्तन कैंसर कोशिकाओं पर नारियल पानी के सिरका के ट्यूमर विरोधी प्रभावों की जांच की गई और परिणाम सकारात्मक मिले है।
एक अन्य शोध में, हरे नारियल के पानी में ऋणात्मक(एनाओनिक) कैंसर विरोधी पेप्टाइड पाया जाता है, जिसका अर्थ है कि उन्हें कुछ हद तक कैंसर से बचाने में सक्षम माना जाता है।
लेकिन इस पर ध्यान देने की जरूरत है की इनमें से अधिकांश शोध इन-विट्रो किये गए है यानि की कोशिकाओं पर यह शोध प्रयोगशाला वातावरण में किये जाते है। वास्तव में उनमें से बहुत कम मनुष्यों पर वास्तविक जीवन में किए गए हैं। इसलिए, वे आगे के अध्ययन या बेहतर आहार के संकेत के रूप में कार्य करते हैं, लेकिन उन्हें नियमित उपचार प्रतिस्थापन के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।