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  • यह असम में पुलिस कार्यवाही नहीं बल्कि झारखंड पुलिस की मॉक ड्रिल है बूम ने पाया कि वीडियो नवंबर 2017 में झारखंड पुलिस द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल है। झारखंड पुलिस द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल का दो साल पुराना वीडियो ग़लत दावे के साथ वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो असम में नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ बढ़ते विरोध के मद्देनजर पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाही का है। इसी वीडियो को बूम ने इस साल अगस्त में भी ख़ारिज़ किया था। अगस्त में यह वीडियो कश्मीर में धारा 370 निरस्त होने के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्यवाही होने के फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हुआ था। व्हाट्सएप्प पर वायरल हुई 15 सेकंड की क्लिप में राइफलों से लैस दो पुलिस कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को लक्षित करते हुए दिखाया गया है। ये प्रदर्शनकारी 'हमारी मांगे पूरी करो' का नारा लगा रहे हैं। पुलिसकर्मियों द्वारा दो गोली चलाई गई जिसके बाद दो प्रदर्शनकारी जमीन पर गिर गए। सुरक्षाकर्मी तब एक स्ट्रेचर के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और 'घायल' प्रदर्शनकारियों को दूर ले जाते दिखाई दिए। इस सप्ताह संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने को लेकर पूर्वोत्तर में, विशेष रूप से असम में, व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर वीडियो शेयर किया जा रहा है। इस फ़ैक्ट चेक को लिखने के समय तक असम में नागरिकता विरोधी बिल प्रदर्शनों में कम से कम दो प्रदर्शनकारी मारे गए। हालांकि, वायरल हो रहा वीडियो (नीचे) मौजूदा विरोधों से संबंधित नहीं है। इस क्लिप को असम में विभिन्न कैप्शन के साथ मैसेजिंग ऐप और सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। Check India and Assam. It's burning. social network blocked. Amenities blocked and people are being killed with the passing of the #CABBill2019— Medhabrata Buragohain (@medhabrata) December 12, 2019 Show the world how the "largest democracy" is treating its democracy as the news channels are barred to spread the issue. pic.twitter.com/FYAyPg18X1 फ़ैक्ट चेक वीडियो सत्यापित करने वाले टूल, इनविड का इस्तेमाल करते हुए, हमने वीडियो को मुख्य फ़्रेम में तोड़ा और रिवर्स इमेज सर्च किया और समान वीडियो पाया, जिसे 1 नवंबर, 2017 को झारखंड की खुंटी पुलिस द्वारा मॉक ड्रिल बताते हुए अपलोड किया गया था। पहले भी इसी वीडियो को झूठे दावे के साथ फैलाया गया है। तब दावा किया गया था कि यह वीडियो मंदसौर में किसानों पर मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी का वीडियो है। इसी तरह के कीवर्ड का इस्तेमाल करके खोज करने पर हमें एक और वीडियो मिला है जिसका शीर्षक है,'झारखंड पुलिस खुंटी (ट्रांसिंग का हिस्सा) रिहर्सल। यह वीडियो 4 नवंबर, 2017 को अपलोड किया गया था। वीडियो में प्रशिक्षण अभ्यास को एक अलग कोण से देख सकते हैं और यह स्पष्ट करता है कि कार्रवाई एक मॉक ड्रिल है। वीडियो का विस्तृत विवरण यहां पढ़ें।
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