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  • Authors A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker. सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद दिल्ली में रहने वाले एक व्यक्ति का शरीर चुम्बकीय बन गया है. हममें से अधिकतर लोग बचपन से ही अलग-अलग तरह के टीके लगवाते आये हैं. शहरों से लेकर गांवों तक स्वास्थ्यकर्मी छोटे बच्चों को कभी चेचक तो कभी पोलियो का टीका लगाते आसानी से देखे जा सकते हैं. पिछले वर्ष जब फाइज़र नामक वैक्सीन निर्माता कंपनी ने कोरोना वैक्सीन के सफल परिक्षण की घोषणा की थी तब हर तरफ खुशी की लहर दौड़ गई. लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जो कोरोनावायरस को एक साधारण फ्लू बताकर पहले मास्क पहनने से और बाद में वैक्सीन लगवाने से इनकार करते आ रहे हैं. भारत में भी ऐसी कई संस्थाएं एवं ग्रुप्स मौजूद हैं जो लोगों को मास्क ना लगाने के लिए प्रेरित करते हैं और वैक्सीन को लेकर भ्रामक और गलत जानकारियां शेयर करते हैं. कोरोना वायरस और इसकी वैक्सीन को लेकर पूर्व में वायरल कुछ प्रमुख दावों को लेकर हमारी पड़ताल नीचे पढ़ी जा सकती है. - कोरोनावायरस को लेकर भ्रामक और गलत जानकारियों से भरे पैम्फलेट बांटे गए. - कोरोना की वैक्सीन की जगह युवाओं को एंटी-फर्टिलिटी का टीका लगाया जायेगा जिससे संतान नहीं होती है. - 5G नेटवर्क की टेस्टिंग से भारत में आयी Covid-19 की दूसरी लहर. - कोरोना वैक्सीन लगवाने के दो साल बाद लोगों की हो जाएगी मौत. - किन-किन लोगों को वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए? - 5G टॉवरों पर लगाई जा रही है कोविड-19 की चिप. - कोरोनावायरस एक ‘Pandemic’ नहीं बल्कि ‘Plandemic’ है. केंद्र सरकार तथा विभिन्न राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी कई जगहों पर लोगों के मन में वैक्सीन लगवाने को लेकर कई तरह के संशय देखने को मिले हैं. फ़िलहाल यह तो नहीं पता कि लोगों को वैक्सीन लगवाने में हो रही हिचकिचाहट का असल कारण क्या है, लेकिन सोशल मीडिया पर वैक्सीन को लेकर वायरल तमाम तरह की भ्रामक और गलत जानकारियों की भी इसमें बहुत बड़ी भूमिका है. इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद दिल्ली में रहने वाले एक व्यक्ति का शरीर चुम्बकीय बन गया है. Fact Check/Verification कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर के चुम्बकीय बन जाने के दावे के साथ शेयर किये जा रहे इस वीडियो की पड़ताल के लिए, हमने सबसे पहले यह जानने का प्रयास किया कि क्या सच में कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर चुम्बकीय बन जाता है. इसके लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च किया. इस प्रक्रिया में हमें कई लेख प्राप्त हुए, जिनमें वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर में चुम्बकीय लक्षण उत्पन्न होने के इस दावे को गलत बताया गया है. उपरोक्त सर्च परिणामों में हमें कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर चुम्बकीय बन जाने के दावे को लेकर BBC और Reuters द्वारा प्रकाशित फैक्ट-चेक रिपोर्ट्स प्राप्त हुई. BBC ने National High Magnetic Field Laboratory के Eric Palm से बात की. जहां उन्होंने BBC को बताया कि “वैक्सीन की वजह से शरीर के चुम्बकीय होने का कोई फिजिकल कारण नहीं है. वैक्सीन लगाने की सुई बहुत छोटी होती है. इनका आकार मिलीमीटर के एक छोटे से हिस्से जितना होता है. इसी वजह से अगर आप बहुत ही ज्यादा ताकतवर चुम्बकीय पार्टिकल भी इंजेक्ट कर दें तो भी यह इतने छोटे आकार का होगा कि इससे आपके शरीर में चुम्बकीय शक्ति उत्पन्न नहीं होगी.दूसरी बात यह है कि आप आसानी से एक सिक्के को अपने शरीर मे चुंबक की तरह चिपका सकते हैं. हम सबने अपने बचपन मे यह किया है. हम बचपन में अपने माथे पर सिक्का चिपका दिया करते थे. यह सरफेस ऑयल या सरफेस टेंशन की वजह से हो सकता है. यह भी हो सकता है कि किसी ने ट्रिक का इस्तेमाल कर ऐसा किया हो. लेकिन सिर्फ वैक्सीन की वजह से चुम्बकीय शक्ति उत्पन्न होना संभव नही है.“ Reuters ने भी अपने फैक्ट-चेक रिपोर्ट में कई विशेषज्ञों से बात की. जहां सबने संस्था को यही बताया कि वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर में चुम्बकीय लक्षण उत्पन्न होने का यह दावा ना सिर्फ सरासर गलत है बल्कि, वैज्ञानिक मापकों के अनुसार यह संभव नहीं है. कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर के चुम्बकीय बन जाने के दावे को लेकर मशहूर सेलिब्रिटी डॉक्टर Jennifer Caudle द्वारा इंस्टाग्राम पर अपलोड किये गए एक वीडियो में डॉक्टर Caudle ने इस दावे को पूरी तरह से गलत बताया है. डॉक्टर Caudle ने उक्त वीडियो में अपनी दोनों बाहों पर मैग्नेट लगाया जो कि उनकी त्वचा से नहीं चिपका. इसके बाद कुछ अन्य कीवर्ड्स की सहायता से गूगल सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो में दिख रहे एक शख्स का एक दूसरा वीडियो प्राप्त हुआ. जिसमें दिल्ली समाचार के एक रिपोर्टर ने उक्त व्यक्ति से बात की है. बातचीत के दौरान वीडियो में दिख रहे व्यक्ति ने बताया कि शरीर में वैक्सीन लगने वाली जगह के सामने कोई भी वस्तु आने पर वह वस्तु शरीर के उस अंग की तरफ आकर्षित हो रही है. बता दें कि पहले भी सोशल मीडिया पर वैक्सीन में चिप लगे होने का दावा किया गया था, जो हमारी पड़ताल में गलत साबित हुआ था. बता दें कि उक्त फेसबुक वीडियो में रिपोर्टर ने शरीर के चुम्बकीय बन जाने का दावा करने वाले इस व्यक्ति के शरीर में विक्स वेपोरब की एक डिब्बी को भी चिपका कर शरीर के चुम्बकीय होने का दावा किया. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि चुम्बक केवल लोहे तथा फेरोमैग्नेटिक धातुओं को ही आकर्षित करता है इसलिए कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर चुम्बकीय बन जाने का यह दावा वैज्ञानिक मापकों पर खरा नहीं उतरता. Conclusion इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने के बाद शरीर चुम्बकीय बन जाने का यह दावा गलत है. वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति के शरीर में कोई वस्तु चिपकने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. जिसे वैक्सीन लगवाने के नाम पर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. Result: Misleading Our Sources किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in Authors A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
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