मध्य प्रदेश का वीडियो महाकुंभ भगदड़ से जोड़कर गलत दावे से वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के पीथमपुर का है जहां जनवरी में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ था. इसी दौरान दो लोग झुलस गए थे.
महाकुंभ भगदड़ से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस गलत दावे से वायरल है कि कचरा जलाने से इनकार करने पर दो की गिरफ्तारी की गई. सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि कचरे के ढेर में लावारिस लाशें पड़ी थीं.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो मध्यप्रदेश के धार जिले स्थित पीथमपुर का है. यहां इसी साल जनवरी में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाए जाने को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में दो लोग बुरी तरह झुलस गए थे.
यूपी के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में बीती 28 जनवरी की देर रात डेढ़ बजे संगम नोज इलाके में भगदड़ मची थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हादसे में 30 की मौत हुई जबकि 60 से अधिक घायल हुए.
कुछ चश्मदीदों का दावा है कि एक से अधिक स्थान पर भगदड़ हुई थी लेकिन पुलिस ने दूसरी घटना के बारे में सार्वजनिक नहीं किया.
वायरल वीडियो में दो शख्स बदहवास हालत में पुलिस की गाड़ी में बैठते हुए नजर आते हैं. उनके चेहरे और शरीर पर जलने के निशान हैं. इस दौरान बाहर से एक शख्स (रिपोर्टर) उनसे पूछता है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया और वे क्या चाहते हैं, इस पर दोनों जवाब देते हैं कि कचरा नहीं जलेगा यहां.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वेरिफाइड यूजर @akash_indian02 ने लिखा, 'महाकुंभ मेले में कई जगहों पर मचने से वहां पर जेसीबी लगा कर मलबे और कचरे का ढेर ट्रैक्टर और ट्रकों में भरकर एक जगह एकत्रित किया है. प्रशासन के लोग उसे जला कर खत्म करना चाहते हैं, उनमें कई लोगों की लाशें भी दबी हुई हैं, प्रशासन इस तरह का दुर्व्यवहार ना करे.' (आर्काइव लिंक)
इसी तरह एक अन्य यूजर ने भी वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'इस दोनों को पुलिस प्रशासन गिरफ्तार क्यों किया इन्हें कचरा जलाने को बोला गया और इन लोगों ने कचरा जलाने से मना कर दिया क्योंकि कचरे में लोगों की लावारिस लाशें पड़ी हैं. योगी सरकार श्रद्धालुओं की लाशें भी नहीं देना चाहती है, योगीजी परिवार को जिंदा या मुर्दा दे.' (आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक
सोशल मीडिया पर महाकुंभ भगदड़ के बाद लाशों के ढेर वाला कचरा जलाने से इनकार पर गिरफ्तारी के दावे से वीडियो वायरल किया जा रहा है. बूम ने पाया कि वीडियो मध्य प्रदेश के धार जिले स्थित पीथमपुर में हुए विरोध प्रदर्शन का है.
वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के पीथमपुर का है
वायरल वीडियो को ध्यान को देखने पर हमने पाया कि पुलिस की वर्दी में मध्य प्रदेश पुलिस (मप्रपु) लिखा है. यहीं से यह स्पष्ट होता है कि वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है.
यहां से संकेत लेकर हमने 'मध्य प्रदेश कचरा जलाने पर आत्मदाह का प्रयास' कीवर्ड की मदद से गूगल पर सर्च किया. इस दौरान हमें 'नई दुनिया' की 3 जनवरी 2025 की एक न्यूज रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया कि यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के विरोध में पीथमपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान दो युवकों ने आत्मदाह की कोशिश की. उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया. इनकी पहचान राजकुमार रघुवंशी और राज पटेल के रूप में की गई.
यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर विरोध
इसके बाद गूगल पर 'राजकुमार रघुवंशी पीथमपुर' कीवर्ड से सर्च करने पर हमें हरिकेश द्विवेदी नाम से एक शख्स का 3 जनवरी 2025 को अपलोड किया गया इंस्टाग्राम पोस्ट मिला जिसमें वायरल क्लिप मौजूद थी. (आर्काइव लिंक)
पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, 'पीथमपुर के राजकुमार रघुवंशी और राज पटेल ने खुद को पेट्रोल डालकर लगाई आग. यूनियन कार्बाइड के कचरे का विरोध लगातार जारी.'
हरिकेश द्विवेदी HKD world Hindi नाम का यूट्यूब चैनल चलाते हैं. उनके फेसबुक पेज HKD World पर तीन जनवरी 2025 को इसी विरोध प्रदर्शन का एक दूसरा वीडियो मिला जिसमें दो लोग अपने ऊपर पेट्रोल छिड़कते नजर आ रहे हैं. इसके बाद जैसे ही माचिस निकालते हैं अचानक से आग पकड़ लेती है.
इसके कैप्शन में लिखा है, 'पीथमपुर के राजकुमार रघुवंशी और राज पटेल ने खुद को लगाई आग. यूनियन कार्बाइड का विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. पीथमपुर में पिछले 8 घंटे से आंदोलन जारी है.'
ईटीवी भारत की रिपोर्ट में धार के एडिशनल एसपी इंद्रजीत बगलवार का बयान भी है. उनके मुताबिक, पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाए जाने के विरोध में आंदोलन कर रहे राजू पटेल और राजकुमार रघुवंशी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया. पुलिस ने दोनों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया.
क्या है मामला?
मालूम हो कि साल 1984 में दो और तीन दिसंबर की रात को भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने में अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस का रिसाव हुआ था. इसमें पांच हजार से अधिक लोगों की जान गई थी.
पिछले साल 3 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कारखाना न खाली कराए जाने को लेकर नाराजगी जताई थी. इसके बाद कोर्ट ने कचरा हटाने के लिए चार हफ्ते की समय सीमा तय की थी.
कोर्ट के आदेश के बाद जनवरी के शुरुआती दिनों में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा इंदौर के नजदीक पीथमपुर की रामकी कंपनी में नष्ट करने के लिए लाया गया था. इसके बाद यहां सियासी और सामाजिक घमासान छिड़ गया और 3 जनवरी 2025 को व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए. बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था लेकिन कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया था.