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Fact Check
LiveSamachar18news द्वारा 14 जून 2021 प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा फर्ज़ी पत्रकारों के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी शुरू कर दी गई है। सूचना प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि जितने भी पत्रकारों के पास प्रेस कार्ड हैं, उन सभी पत्रकारों की तत्काल जांच की जाएगी। जांच में यदि कोई भी फर्जी पत्रकार पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Livesamachar18news द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां देखा जा सकता है।
लोकल न्यूज़ वेबसाइट Day Night News द्वारा भी 15 जून 2021 को वायरल दावे से संबंधित खबर प्रकाशित की गई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, सूचना प्रसारण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि देश भर में जितने भी फर्ज़ी पत्रकार हैं, अब उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
Day Night News द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां देखा जा सकता है।
फर्ज़ी पत्रकारों के खिलाफ एक्शन की खबर को फेसबुक और ट्विटर पर भी कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Crowd Tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी वायरल दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फर्ज़ी पत्रकारों के खिलाफ एक्शन लिए जाने की खबर की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। Google Keywords Search की मदद से खोजने पर हमें वायरल दावे से संबंधित कोई रिपोर्ट नहीं मिली। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा यदि फर्ज़ी पत्रकारों के खिलाफ इस तरह का कोई फैसला लिया गया होता तो इससे संबंधित खबर मेनस्ट्रीम मीडिया में जरूर होती।
पड़ताल के दौरान हमने Ministry of Information and Broadcasting की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। लेकिन हमें यहां भी ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली, जिससे साबित होता हो कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा फर्ज़ी पत्रकारों के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी की जा रही है।
वायरल पोस्ट में कहा जा रहा है कि सूचना प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने फर्ज़ी पत्रकारों के खिलाफ एक्शन लिया है। लेकिन सूचना प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर नहीं, बल्कि प्रकाश जावड़ेकर हैं।
इसके बाद हमने कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को खंगाला। उनके ट्विटर बायो में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि वह सूचना प्रसारण राज्य मंत्री हैं।
कुछ अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें 31 मई 2019 को India TV द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक प्रकाश जावड़ेकर को सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया था। इसके अलावा उनके पास पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन की जिम्मेदारी भी है।
ट्विटर पर खोजते समय हमें 17 जून 2021 को PIB Fact Check द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला। ट्वीट में दी गई जानकारी के मुताबिक, जाली पत्रकारों के खिलाफ एक्शन लिए जाने की खबर फर्ज़ी है। पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर द्वारा इस तरह का कोई भी दावा नहीं किया गया है।
वायरल दावे की तह तक जाने के लिए हमने सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेड़कर के पर्सनल असिसटेंट, पीए (Personal Assistant, PA) सत्या (Satya) से संपर्क किया। बातचीत में उन्होंने बताया कि मंत्रालय द्वारा फर्ज़ी पत्रकारों के खिलाफ इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है।
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि वायरल अखबार की कटिंग में किया जा रहा दावा फर्ज़ी है। पड़ताल के दौरान हमने पाया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि वर्तमान समय में राज्य वर्धन सिंह राठौर देश के सूचना प्रसारण मंत्री नहीं हैं।
Google Keywords Search
Ministry of Information and Broadcasting
कैबिनेट मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
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