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| - Last Updated on अगस्त 16, 2023 by Neelam Singh
सारांश
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि एक आयुर्वेदिक स्प्रे द्वारा कुछ ही दिनों में रीढ़ की हड्डी के दर्द को खत्म किया जा सकता है। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा ज्यादातर गलत है।
दावा
एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि एक आयुर्वेदिक स्प्रे द्वारा कुछ ही दिनों में रीढ़ की हड्डी के दर्द को खत्म किया जा सकता है।
तथ्य जाँच
गर्दन का दर्द क्या है?
गर्दन या रीढ़ के दर्द को सर्वाइकल दर्द भी कहा जाता है। रीढ़ की हड्डियां तंत्रिकाओं, मांसपेशियों, लिगामेंट्स और टेंडन से बनी होती है, जो गर्दन को सभी दिशाओं में हिलने में मदद करती है। रीढ़ की हड्डियों में दर्द सर्वाइकल स्पॉन्डिलोलिसिस या ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होता है। इन दोनों कारणों से गर्दन से जुड़ी हड्डियां, डिस्क या जोड़ों में बदलाव होने के कारण दर्द की शिकायत होती है।
रीढ़ की हड्डी में मस्तिष्क से शरीर तक संदेश भेजने के लिए स्पाइनल कॉड अर्थात् मेरुदण्ड भी होता है। यही कारण है कि रीढ़ की हड्डी से उठने वाला दर्द गर्दन और कंधों को भी प्रभावित करता है। शोध बताते हैं कि अधिकांश रीढ़ का दर्द कार्टिलेज और हड्डियों के आपस में लगातार घिसने के कारण होता है इसलिए यह सामान्यतौर पर उम्रदराज लोगों में पाया जाता है।
रीढ़ के दर्द का उपचार उसके कारकों पर निर्भर करता है। अगर इस दर्द का कारण मांसपेशी में तनाव या लिगामेंट्स स्प्रैन अर्थात् लिगामेंट्स में होने वाला मोच है, तो इसका उपचार आराम करना, बर्फ से दर्द वाली जगह को सेंकना और दर्द की दवाओं के सेवन से होता है लेकिन डॉक्टर गैर-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लामेटरी दवाएं, कॉर्टिकोस्टेरॉइड, मांसपेशियों को आराम पहुंचाने वाली दवाएं, संक्रमण-रोधक दवाएं और एंटीडिप्रेसेंट भी दे सकते हैं।
पीठ का दर्द क्या है?
पीठ के दर्द को लुम्बर का दर्द भी कहा जाता है या इसे निचले भाग का दर्द भी कह सकते हैं। लुम्बर रीढ़ की हड्डी का ही एक हिस्सा है, जिसमें पांच रीढ़ की हड्डियां शामिल होती हैं। यह शरीर के वजन को सहारा प्रदान करती हैं, स्पाइनल कॉड की सुरक्षा करती है और शारीरिक गतिविधियों में मदद करती है।
जब ये पांच रीढ़ की हड्डियां नकारात्मक रूप से प्रभावित होती हैं, तो पीठ का दर्द, गठिया, अपघटक हड्डी (Degenerative Bones) एवं डिस्क रोग और स्टेनोसिस होने की संभावना होती है। इसके निम्नलिखित कारक हो सकते हैंः
- रीढ़ की हड्डियों और मांसपेशियों में खिंचाव के कारण
- साइटिका
- उम्र का बढ़ना
- दुर्घटना
- भारी वजन उठाना
- वजन का बढ़ना
- आनुवांशिक
- गर्भावस्था
पीठ दर्द को ठीक करने के लिए दर्द निवारक दवाइयां, दर्द को सुन्न करने वाले इंजेक्शन, न्यूरोमॉड्यूलेटरी एजेंट चिकित्सकों द्वारा दिए जाते हैं। इसके अलावा नियमित शारीरिक गतिविधियां, बर्फ से सेंकना, एक्यूपंक्चर द्वारा भी पीठ के दर्द को कम किया जा सकता है।
अगर इन उपायों द्वारा सुधार नहीं होता है, तब चिकित्सक सर्जरी की सलाह देते हैं। जैसे- लैमिनेक्टोमी, डिस्केक्टोमी और माइक्रोडिस्केक्टोमी, स्पाइनल फ्यूजन, फोरामिनोटोमी, डिस्क रिप्लेसमेंट सर्जरी, लेजर सर्जरी, रेडियोफ्रीक्वेंसी लेशनिंग आदि शामिल हो सकता है।
कमर दर्द क्या है?
यह रीढ़ की हड्डी का सबसे निचला भाग होता है। यह शरीर का सबसे मजबूत हिस्सा होता है, जो शरीर को लचीला बनाता है और शक्ति प्रदान करता है।
यह 24 हड्डियों से बना होता है, जिसे Vertebrae के नाम से जाना जाता है। ये हड्डियां एक दूसरे के ऊपर समायोजित रहती हैं। इन हड्डियों के बीच में डिस्क होते हैं और उनके चारों ओर कई मजबूत लिगामेंट्स और मांसपेशियां मौजूद होती हैं, जो इस भाग को सहारा प्रदान करती हैं।
कमर दर्द का कोई एक कारण नहीं हो सकता बल्कि इसके कई कारण होते हैं, जो धीरे-धीरे बढ़ते चले जाते हैं और कमर दर्द का कारण बनते हैं। जैसे- मांसपेशियों में खिंचाव, उठने-बैठने का सही तरीका ना होना, मांसपेशियों का कमजोर होना, शारीरिक गतिविधियों का कम होना इत्यादि। इसके अलावा साइटिका, स्पोंडिलोसिस, संक्रमण, ट्युमर, दुर्घटना, लंबे वक्त तक एक ही अवस्था में बैठे रहना और आनुवांशिकता भी इसका कारण हो सकते हैं।
Back Pain शीर्षक के अंतर्गत प्रकाशित इस शोधपत्र के अनुसार कमर दर्द के उपचार में एक्यूपंक्चर, दर्द निवारक दवाइयां, सर्जरी आदि भी शामिल हो सकते हैं लेकिन ये सभी उपचार रोगी की मेडिकल हिस्ट्री को जानने और समझने के बाद ही किए जाते हैं।
गर्दन, पीठ एवं कमर ये सभी रीढ़ की हड्डी का ही हिस्सा है, जिसे अनेक भागों में विभाजित किया जाता है लेकिन ये सभी रीढ़ की हड्डी का ही भाग होते हैं। अगर किसी एक में दर्द या परेशानी हो, तो पूरे रीढ़ की हड्डी के प्रभावित होने की संभावना होती है।
क्या कोई स्प्रे कमर दर्द को ठीक कर सकता है?
ज्यादातर नहीं, क्योंकि कोई भी इलाज उसके कारकों पर निर्भर होता है कि यह बीमारी या दर्द क्यों हो रहा है। यह जानने के बाद ही चिकित्सक इसके उपचार की ओर अग्रसित होते हैं। जब इस पोस्ट के बारे में हमने डॉ. किरण कुलकर्णी, FIFA- AFC Medical Officer, Consultant in Sports & Exercise Medicine, Dharwad, Karnataka से बात की, तब उन्होंने कहा, “इस तरह के स्प्रे केवल क्षण भर के लिए ही लाभ पहुंचाते हैं अर्थात दर्द को कम करते हैं लेकिन जब बात लंबे वक्त तक असर की होती है, तब ये बेअसर हो जाते हैं। जब तक कमर के दर्द या रीढ़ की हड्डियों की परेशानी का मूल कारण नहीं पता चल पाता, तब तक इसके दर्द को ठीक करना मुश्किल है।”
अतः उपरोक्त शोध पत्रों एवं चिकित्सक के बयान के आधार पर कहा जा सकता है कि यह दावा ज्यादातर गलत है। साथ ही इस तथ्य जाँच के दौरान हमने पोस्ट में दी गई दवा का नहीं बल्कि उनके द्वारा दिए गए दावों की जांच की है, जो उन्होंने वीडियो के द्वारा कही है। पोस्ट में दिखाए जाने वाली दवा का इस तथ्य जाँच से कोई संबंध नहीं है और ना ही हम उक्त दवा की पुष्टि करते हैं।
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