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Fact Check
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सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दावा किया गया है कि नए संचार नियमों के तहत अब भारत सरकार इंटरनेट यूजर्स के निजी डेटा पर नजर रखने वाली है. यह दावा पिछले कई सालों से सोशल मीडिया पर वायरल होता आ रहा है. पूर्व में Newschecker द्वारा 14 नवंबर, 2019 तथा 23 जनवरी, 2021 को इस दावे की पड़ताल की जा चुकी है. हमने अपनी पड़ताल के दौरान यह पाया था कि WhatsApp पर मैसेज भेजने या प्राप्त करने की इस पूरी प्रक्रिया में कुल तीन तरह के चेक मार्क (Check Mark या सही का निशान) का इस्तेमाल होता है. सिंगल चेक मार्क (Single Check Mark) का मतलब होता है कि मैसेज भेजने वाले के फ़ोन से मैसेज जा चुका है, लेकिन प्राप्तकर्ता के फ़ोन पर मैसेज डिलीवर नहीं हुआ है. ग्रे रंग वाले दो चेक मार्क (Two Grey Check Mark) का मतलब होता है कि मैसेज भेजने वाले के फ़ोन से प्राप्तकर्ता के फ़ोन पर डिलीवर हो चुका है, लेकिन प्राप्तकर्ता ने अभी तक मैसेज को पढ़ा नहीं है. नीले रंग वाले दो चेक मार्क (Two Blue Check Mark) का मतलब होता है कि प्राप्तकर्ता ने अपने फ़ोन पर प्राप्त संदेश को पढ़ लिया है. हालांकि, यूजर ने अगर अपने WhatsApp app की सेटिंग में ‘Read Receipt’ नामक फीचर को ऑफ या बंद किया है तो उसके द्वारा मैसेज पढ़ लिए जाने के बावजूद भी ग्रे रंग वाले दो चेक मार्क, नीले रंग वाले दो चेक मार्क में परिवर्तित नहीं होते. WhatsApp की वेबसाइट पर इस बारे में पूरी जानकारी दी गई है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले PIB (प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो) द्वारा संचालित PIB Fact Check ने भी 29 जून, 2022 को शेयर किये गए एक ट्वीट में इस दावे को फर्जी बताया था.
WhatsApp के एक प्रवक्ता ने Newschecker को बताया कि WhatsApp डेटा की निगरानी का यह दावा पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा, “प्लेटफार्म पर भेजे गए सभी संदेश (Messages) केवल भेजने वाले (sender) और प्राप्तकर्ता (receiver) द्वारा ही पढ़े, सुने या देखे (End-to-end encryption) जा सकते हैं, WhatsApp खुद भी इन मैसेजों को पढ़, सुन या देख नहीं सकता है. हमारे लिए यूजर्स और उनके डेटा की सुरक्षा एवं गोपनीयता सर्वोपरि है.”
Update– इस लेख को नए दावे के साथ 21 फरवरी, 2024 को रिपोस्ट किया गया है।
PIB Fact Check Tweet on 29 June, 2022
Conversation with WhatsApp Spokesperson
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