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| - Fact Check: गोधरा ट्रेन आगजनी के दोषी रफीक हुसैन भटुक के नाम से वायरल तस्वीर वकील आर सी कोडेकर की है
गोधरा में ट्रेन में आग लगाए जाने के मामले के दोषी रफीक हुसैन भटुक के नाम से वायरल हो रही तस्वीर वास्तव में आर सी कोडेकर की है, जो गोधरा ट्रेन कांड, गुलबर्गा सोसाइटी केस और ब्रिटिश नागरिक की हत्या समेत अन्य 2022 के दंगा मामलों में अभियोजन पक्ष के वकील थे।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Dec 6, 2024 at 04:20 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हालिया फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ की रिलीज के बाद सोशल मीडिया पर गोधरा के संदर्भ में एक वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि इसमें नजर आ रहे व्यक्ति रफीक हुसैन भटुक है, जो गोधरा ट्रेन में आग लगाए जाने की घटना के बाद से 14 सालों तक फरार था और उसे आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। दावा किया जा रहा है कि गोधरा में ट्रेन में आग लगाने के लिए इसी के पेट्रोल पंप से पेट्रोल की व्यवस्था की गई थी।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल पोस्ट में नजर आ रही तस्वीर गोधरा दंगों के किसी आरोपी की नहीं, बल्कि आर सी कोडेकर की है, जो विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर) थे। गौरतलब है कि उनकी तस्वीर को न्यूज एजेंसी एएनआई ने रफीक हुसैन भटुक का बताते हुए ट्वीट किया था । हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी इस गलती को सुधारते हुए स्पष्टीकरण जारी किया था और बताया था कि यह तस्वीर विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर की है। गोधरा में ट्रेन में आग लगाने के मुख्य आरोपी रफीक हुसैन भटुक को उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है।
क्या है वायरल?
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर भी कई यूजर्स ने इस स्क्रीनशॉट को शेयर किया है। उन्होंने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “*यह है रफीक हुसैन भटूक. ये गोधरा में नेता था। दो पेट्रोल पंप थे और इसी ने साबरमती ट्रेन को जलाने के लिए पेट्रोल की व्यवस्था की थी। यह 14 साल तक फरार रहा गुजरात आईबी की नजर इसके रिश्तेदारों और उसके परिवार वालों पर थी सबके फोन सर्विलांस पर थे और 1 दिन इसने अपने बेटे को फोन किया क्योंकि इसका पोता हुआ था सर्विलांस में इसने लोकेशन दिल्ली बताया फिर इसने अपने बेटे से कहा कि मैं फलाने तारीख को चुपके से गोधरा आ रहा हूं मुझे अपने पोते का मुंह देखना है फिर पुलिस ने सोचा दिल्ली में गिरफ्तार करने से अच्छा है कि इसे गोधरा आने दो और यह गोधरा आया स्टेशन पर सादे कपड़े में पुलिस तैनात थी और उसे गिरफ्तार कर लिया गया कल इसका पूरा कुकर्म अदालत में साबित हो गया और इसे आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई याद करिए जब लालू यादव कहते थे कि गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग तो यूं ही लग गई थी किसी ने आग नहीं लगाई.. सब कुबूल करके पुलिस को इस ने बताया कि यह 14 साल तक पुरानी दिल्ली के लाजपत राय मार्केट में रहता था ! इतनी बड़ी और महत्वपूर्ण इस न्यूज को क्या किसी पत्रकार ने दिखाया? सोचिए इन मजहबी आतंकवादियों का कितना बड़ा इको सिस्टम है.”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते संदर्भ में शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल वीडियो में नजर आ रही तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर भास्कर.कॉम की रिपोर्ट में लगी मिली, जिसे दो वर्ष पहले प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट में इस तस्वीर का इस्तेमाल गोधरा ट्रेन के डिब्बे में आग लगाने के आरोपी रफीक हुसैन भटुक को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने से संबंधित है।
सर्च में हमें यह तस्वीर न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक एक्स हैंडल पर लगी मिली, जिसे दो जुलाई 2022 को जारी किया गया है। तस्वीर के साथ दी गई जानकारी में बताया गया है, “Criminal Rafiq Hussain Bhatuk, accused in Godhra train coach fire, who was absconding from 19 yrs & was arrested last yr by Godhra police has been given the punishment of life imprisonment under conspiracy to murder by Godhra sessions court:RC Kodekar, Special Public Prosecutor”
(“19 सालों से फरार गोधरा ट्रेन अग्निकांड के आरोपी रफीक हुसैन भटुक को पिछले साल गोधरा पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसे गोधरा सत्र न्यायालय द्वारा हत्या की साजिश के तहत आजीवन कारावास की सजा दी गई है:आरसी कोडेकर, विशेष लोक अभियोजक”)
इसी तस्वीर के साथ 16 फरवरी 2024 को स्पष्टीकरण जारी करते हुए बताया गया है, “पूर्व में किए गए ट्वीट में नजर आ रहे व्यक्ति विशेष लोक अभियोजक आर सी कोडेकर हैं, न कि अपराधी रफीक भटुक।”
अन्य रिपोर्ट्स में भी कोडेकर का जिक्र इसी संदर्भ में किया गया है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, आर सी कोडेकर गोधरा ट्रेन कांड, गुलबर्गा सोसाइटी केस और ब्रिटिश नागरिक की हत्या समेत अन्य 2022 के दंगा मामलों में अभियोजन पक्ष के वकील थे और उन्होंने उनकी तस्वीर को गलत संदर्भ में शेयर किए जाने के मामले में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज कराया था।
जागरण.कॉम की 16 फरवरी 2021 की रिपोर्ट में भटुक की गिरफ्तारी का जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, “गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस की बोगी में आग लगाने के मामले में 19 साल बाद मुख्य आरोपितों में शामिल रफीक हुसैन भटुक को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है। उसे गोधरा कस्बे से गिरफ्तार किया गया है। भटुक उस समूह का हिस्सा था, जिसने 27 फरवरी, 2002 को बोगी जलाने का पूरा षड्यंत्र रचा था। इसमें 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी।”
रिपोर्ट के मुताबिक, “गोधरा से भागने के बाद उसने ज्यादातर समय दिल्ली में बिताया, जहां उसने रेलवे स्टेशनों और कई कंस्ट्रक्शन साइट पर काम किया। वह घर-घर जाकर सामान भी बेचा करता था। उसने अपने परिवार को भी गोधरा के सुल्तान फलिया इलाके के पुराने घर से हटा लिया था।एसपी पाटिल ने बताया कि इस मामले में तीन आरोपित सलीम इब्राहिम उर्फ सलीम पानवाला, शौकत चरखा और अब्दुल मजीद यूसुफ अभी फरार चल रहे हैं। माना रहा है कि तीनों भागकर पाकिस्तान चले गए हैं।”
‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट में भटुक की तस्वीर लगी हुई है और रिपोर्ट के मुताबिक, “उसने साजिश रची और भीड़ को उकसाया। साथ ही उसने ट्रेन की बोगियों को आग लगाने के लिए पेट्रोल का भी इंतजाम किया।”
वायरल तस्वीर को लेकर हमने उनके छोटे भाई रसिक कोडेकर (एडवोकेट) से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “तस्वीर आर सी कोडेकर की ही हैं।”
हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव और अन्य उप-चुनावों से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनाव सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: गोधरा में ट्रेन में आग लगाए जाने के मामले के दोषी रफीक हुसैन भटुक के नाम से वायरल हो रही तस्वीर वास्तव में आर सी कोडेकर की है, जो गोधरा ट्रेन कांड, गुलबर्गा सोसाइटी केस और ब्रिटिश नागरिक की हत्या समेत अन्य 2022 के दंगा मामलों में अभियोजन पक्ष के वकील थे।
- Claim Review : गुजरात के गोधरा में ट्रेन में आग लगाने वाले रफीक हुसैन भटुक की तस्वीर।
- Claimed By : Tipline User
- Fact Check : झूठ
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