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| - Fact Check : पाकिस्तान के 2010 के बाढ़ पीड़ितों की पुरानी तस्वीर को भारत का बताकर किया जा रहा शेयर
खाली बर्तन लिए लंबी कतार में खड़े लोगों की तस्वीर हालिया बताकर शेयर की जा रही है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी जांच में में पाया कि यह तस्वीर 2010 में पाकिस्तान में आई बाढ़ के बाद अस्थायी शिविर की है। लोग पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
- By: Jyoti Kumari
- Published: Jan 3, 2025 at 03:19 PM
- Updated: Jan 3, 2025 at 05:12 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें लोगों को खाली बर्तन लिए एक लंबी लाइन में खड़े हुए देखा जा सकता है। अब कुछ यूजर्स वायरल तस्वीर को हालिया बताकर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने जांच में वायरल दावे को भ्रामक पाया। सोशल मीडिया पर वायरल फोटो साल 2010 में पाकिस्तान में आई बाढ़ के बाद सुक्कुर में एक अस्थायी शिविर की है। तस्वीर को अब हालिया बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Rameshwar Prasad Badoni ने (आर्काइव लिंक ) वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “जब काम कुछ नहीं करना केवल मुफ्त का माल लेने और सब्सिडी डकारने की सुविधा है तो मालिक चाहे ताजमहल का हो या लालकिले का या फिर वक्फ बोर्ड का, हालत तो ऐसी होगी ही। देश की अर्थब्यवस्था के दीमक——”
ऐसे ही एक अन्य फेसबुक यूजर Vijay Sharma ने (आर्काइव वर्जन) भी इस फोटो को शेयर किया है और लिखा है,”ताजमहल और लाल किले के वारिस….. कुछ कहना चाहेंगे आप…….===”
पड़ताल
वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। हमें वायरल तस्वीर कई जगह अपलोड मिली। philanthropy.com की वेबसाइट पर तस्वीर से जुड़ी खबर मिली। रिपोर्ट को 23 अगस्त 2010 को प्रकाशित किया गया है। दी गई जानकारी के अनुसार, तस्वीर 23 अगस्त 2010 की है, जब पाकिस्तान में बाढ़ से बचे लोग सुक्कुर में एक अस्थायी शिविर में राहत सामग्री लेने के लिए पहुंचे थे।”
सर्च के दौरान हमें वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती तस्वीर गेट्टी इमेज की वेबसाइट पर मिली। फोटो को 23 अगस्त 2010 को पाकिस्तान में आई बाढ़ के बाद सुक्कुर में एक अस्थायी शिविर में भोजन और पानी का इंतजार करते बाढ़ पीड़ितों की बताया गया है।
वायरल तस्वीर से जुड़ी अन्य रिपोर्ट्स यहां देखी जा सकती है।
सोशल मीडिया पर यह फोटो पहले भी वायरल हो चुकी है, जिसे विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में भ्रामक पाया था। वायरल तस्वीर को लेकर हमने पाकिस्तान के आज टीवी के सीनियर कंटेंट प्रोड्यूसर आदिल अली से संपर्क किया था। उन्होंने हमें बताया था कि वायरल तस्वीर बाढ़ के बाद की है और इसका हाल-फिलहाल से कोई लेना-देना नहीं है।
संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां देखा जा सकता है।
अंत में हमने पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर ने स्वयं को देहरादून का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: खाली बर्तन लिए लंबी कतार में खड़े लोगों की तस्वीर हालिया बताकर शेयर की जा रही है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी जांच में में पाया कि यह तस्वीर 2010 में पाकिस्तान में आई बाढ़ के बाद अस्थायी शिविर की है। लोग पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
- Claim Review : यह वायरल तस्वीर हालिया है।
- Claimed By : फेसबुक यूजर -Rameshwar Prasad Badoni
- Fact Check : भ्रामक
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