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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया गया है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने हिंदुओं के त्यौहारों पर प्रतिबंध लगा दिया। पोस्ट में तीन अलग-अलग दावे करके राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा जा रहा है।
फेसबुक यूजर्स ने इस पोस्ट को शेयर कर दावा किया कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने हिंदुओं के त्यौहारों पर प्रतिबंध लगा दिया।
कई ट्विटर यूजर्स ने भी इस पोस्ट को शेयर कर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है।
पहला दावा-
गहलोत सरकार ने नवरात्र पर हिंगलाज माता मंदिर में धार्मिक आयोजन पर प्रतिंबध लगा दिया
यह दावा पिछले महीने भी वायरल हुआ था। उस वक्त Newschecker English ने इस दावे की पड़ताल की थी। हमारी पड़ताल में पता चला कि कुछ चिन्हित लोगों को छोड़कर पुलिस प्रशासन ने हिंगलाज माता मंदिर में किसी व्यक्ति के प्रवेश या पूजा पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था। इसके अलावा, मंदिर परिसर के भीतर किसी भी पूजा या अनुष्ठान पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था।
इस तरह स्पष्ट है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा हिंगलाज माता मंदिर में धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध लगाने का दावा भ्रामक है।
दूसरा दावा-
अजमेर रामनवमी पर शोभा यात्रा निकालने पर लगी रोक
दावे की सत्यता जानने के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया। हमें दैनिक भास्कर द्वारा 10 अप्रैल 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक, रामनवमी के अवसर पर अजमेर में विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम हुए। इस दौरान चांद बावड़ी के चंद्रेश्वर महादेव मंदिर से दोपहर बाद तीन बजे जुलूस की शुरूआत हुई। जुलूस में 10 झांकियां, 3 काली माता के अखाड़े, बैंड एवं ढोल शामिल हुए। ये जुलूस शहर के कई जगहों से गुजरा जहां इसका जगह-जगह स्वागत किया गया।
इस खबर को कई अन्य मीडिया संस्थानों ने भी अप्रैल 2022 में प्रकाशित किया था, जिसे यहां और यहां पढ़ा जा सकता है।
इसके अलावा, हमें Syed Ahmed Chisti नामक एक यूजर द्वारा 11 अप्रैल 2022 को किया गया एक ट्वीट मिला। ट्वीट के मुताबिक, रामनवमी के मौके पर हर साल की तरह इस बार भी जुलूस निकाला गया, जो कि अजमेर शरीफ़ दरगाह के सामने से गुजरा। सभी धर्म के लोगों ने शांतिपूर्वक जुलूस को विदा किया। इस तरह स्पष्ट है कि अजमेर में रामनवमी पर शोभा यात्रा निकालने पर रोक लगाए जाने का दावा भी भ्रामक है।
तीसरा दावा-
अलवर में जैन समाज की शोभयात्रा देखने और झंडे लगाने पर प्रतिबंध
दावे का सच जानने के लिए हमने दैनिक भास्कर अलवर के संपादक राजेश रवि से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “शोभायात्रा देखने को किसी तरह कि कोई रोक नहीं लगाई गई थी। शुरुआत में करौली में उसके कुछ दिन पहले हुई घटना को लेकर निर्देश आए थे, जिसको लेकर कन्फयूजन हुई थी। लेकिन जिस दिन शोभायात्रा निकाली गई उस दिन कोई रोक नहीं थी। उस दिन एहतियात के तौर पर सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई थी। सब कुछ कुशलपूर्वक संपन्न हुआ था।”
पड़ताल के दौरान अनिल जैन नामक फेसबुक यूजर द्वारा 14 अप्रैल, 2022 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसमें कई लोग शोभायात्रा निकालते हुए नज़र आ रहे हैं।
Newschecker ने अलवर निवासी अनिल जैन से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “अलवर में महावीर जयंती पर शोभायात्रा निकालने या देखने पर किसी भी तरह की कोई रोक नहीं लगाई गई थी। हमने इसमें हिस्सा लिया और ये सकुशल आयोजित किया गया था।”
इस तरह यहां भी स्पष्ट है कि अलवर में जैन समाज की शोभायात्रा देखने और झंडे लगाने पर प्रतिबंध का दावा भी गलत है।
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि गहलोत सरकार द्वारा हिंदू त्यौहारों पर प्रतिबंध लगाए जाने का दावा गलत है।
Our Sources
Report Published by Dainik Bhaskar, TV9 & Amar Ujala in April 2022
Tweet by Syed Ahmed Chisti on April 2022
Conversation With Dainik Bhaskar Alwar Editor Rajesh Ravi
Facebook Post by Anil Jain on April 14, 2022
Conversation with Anil Jain
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