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Fact Check
सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक चित्र को श्रद्धांजलि अर्पित करने की तस्वीर पहले ईवीएम मशीन की फिर महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की पूजा करने के दावे के साथ शेयर की गई.
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद जहां एनडीए के कार्यकर्ता जीत को लेकर उत्साहित थे, तो वहीं महागठबंधन सहित कई दलों ने हार के लिए ईवीएम मशीनों के जरिये हुए चुनावों को जिम्मेदार ठहराया था. हार के बाद से ही महागठबंधन के सबसे बड़े धड़े यानि राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा चुनावों के दौरान, चुनाव आयोग की सांठगांठ से धांधली का आरोप लगाया गया था.
बिहार में 2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान राजद के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा हरियाणा के एक पुराने वीडियो को बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान हुई धांधली के सबूत के तौर पर पेश किया गया था, जो हमारी पड़ताल में भ्रामक साबित हुआ.
चर्चा-परिचर्चा के इस दौर को आगे बढ़ाते हुए, महागठबंधन के समर्थक सोशल मीडिया यूजर्स ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ईवीएम मशीन की पूजा करने की एक तस्वीर शेयर कर इसे एनडीए और चुनाव आयोग में सांठगांठ का प्रत्यक्ष प्रमाण बताया. यह दावा तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से शेयर किया गया.
वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए सबसे पहले तस्वीर को गूगल पर ढूंढा, जहां गूगल द्वारा जेनेरेटेड डिफ़ॉल्ट कीवर्ड्स से हमें यह जानकारी मिली कि वायरल तस्वीर का सच कुछ और ही है, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा ईवीएम की पूजा के तौर पर पेश किया जा रहा है.
तस्वीर को गूगल पर सर्च करने के बाद हमें यह जानकारी भी मिली कि वायरल तस्वीर को पूर्व में भी अलग-अलग दावों के साथ शेयर किया जा चुका है.
गूगल सर्च से प्राप्त परिणामों में हमें वायरल तस्वीर का असल वर्जन भी प्राप्त हुआ. जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को ईवीएम पर नहीं बल्कि किसी ऐतिहासिक व्यक्ति के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजा-अर्चना करते दिखाया गया है. बता दें कि वायरल तस्वीर को लेकर Outlook, Bharat Bharati तथा India Facts नामक वेबसाइट्स द्वारा प्रकाशित लेख भी प्राप्त हुए, जिनमें वायरल तस्वीर का असल वर्जन शेयर कर इसके बारे में जानकारी दी गई है.
इसके बाद हमें भाजपा की मीडिया विंग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ‘BJP Live’ द्वारा 28 मई, 2014 को किया एक ट्वीट मिला। ट्वीट में यह जानकारी दी गई है कि ‘प्रधानमंत्री मोदी ने वीर सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की’.
इसके अलावा हमें कई अन्य ऐसे सबूत मिले जिनसे यह साफ़ हो गया कि वायरल तस्वीर फोटोशॉप्ड है तथा असल तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे.
इसके अलावा हमें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 28 मई, 2014 को किया गया एक ट्वीट भी मिला। ट्वीट में उन्होंने सावरकर को श्रद्धांजलि दी है. हालांकि इस ट्वीट के साथ उन्होंने कोई भी तस्वीर शेयर नहीं की थी.
इसके बाद हमने वायरल तस्वीर और असल तस्वीर के बीच एक तुलनात्मक अध्ययन किया। जहां यह बात साफ़ हो गई कि वायरल तस्वीर फोटोशॉप्ड है तथा असल तस्वीर में प्रधानमंत्री सावरकर को श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे थे.
इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ़ हो जाती है कि वायरल तस्वीर फोटोशॉप्ड है तथा असल तस्वीर में प्रधानमंत्री सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे ना कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की.
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Runjay Kumar
February 10, 2025
Komal Singh
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Runjay Kumar
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