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If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check Contact Us: checkthis@newschecker.in Fact checks doneFOLLOW US Coronavirus WHO और स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी की जा रही जानकारियों और सूचनाओं के बावजूद लोगों के बीच अफवाहों का दौर बढ़ता जा रहा है। एक बार फिर COVID-19 से जुड़ी एक मैसेज सोशल मीडिया और WhatsApp पर वायरल हो रहा है। यह मैसेज इस प्रकार है: “हम इस हालत में नहीं है कि लॉकडाउन का दूसरा चरण लगाया जा सके। इसलिए ये महत्वपूर्ण सूचना शेयर की जा रही है। स्वास्थ्य प्रणाली के पतन के कारण हम हेल्थ एक्सपर्ट ने मिल कर लोगों के लिए ये मैसेज तैयार किया है। अगर आप अस्पताल जाने का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें और इन नियमों का पालन करें। कोरोनावायरस की चपेट में आने के बाद इसके लक्षण तीसरे दिन से दिखाई देते हैं। पहले फेज में दिखने वाले लक्षण शरीर में दर्द, आंखों में दर्द, सिरदर्द, उल्टी होना, दस्त लगना, नाक बहना या फिर नाक का बंद हो जाना, आंखों में जलन, पेशाब करते समय जलन होना। बुखार जैसा महसूस होना और गले में खराश। इसके बाद वायरल मैसेज में बताया गया है कि लक्षणों के दिनों को गिनना बहुत ज्यादा जरूरी है। पहले, दूसरे, तीसरे दिन तक यही लक्षण रहते हैं, तो बुखार के आने से पहले सावधान हो जाएं। तरल पदार्थों का सेवन करना शुरू कर दें। इस समय बहुत सारा पानी और तरल पदार्थ पीना बहुत जरूरी है। इस फेज पर अपने गले को नम रखने के लिए और अपने फेफड़ों को साफ रखने के लिए खूब सारा पानी पीएं। दूसरा फेज – चौथे दिन से आठवें दिन तक दिखने वाले लक्षण – शरीर में सूजन संबंधी परेशानी, स्वाद और गंध का महसूस न होना, कम काम करते ही थकान हो जाना,सीने में दर्द, छाती में कसन जैसी महसूस होना और पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना (गुर्दे के आस-पास दर्द)। वायरल मैसेज में आगे लिखा हुआ है, ये वायरस आपकी नसों पर अटैक करता है। इसलिए विटामिन-सी और ऑक्सीजन से भरपूर चीजों का सेवन करें। क्योंकि कोविड 19 शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को कम करता हैं। जिसके कारण शरीर में खून की गुणवत्ता खराब होने लगती है। तीसरा फेज – इलाज नौवें दिन उपचार चरण शुरू होता है। जो कि 14वें दिन तक चलता है। इलाज में देरी न करें, जितना जल्दी इलाज होगा उतना जल्दी सही होगा। कुछ को सेहतमंद रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखें और फॉलो करें – 15 से 20 मिनट तक धूप में बैठे। हर दिन आधा से 1 लीटर तक पानी पीएं। आप जो भी खाना खाएं वो गर्म होना चाहिए, ठंडा नहीं। ध्यान रखें कि कोरोना वायरस का pH 5.5 से 8.5 तक होता है। इसलिए अगर खुद को कोरोना वायरस से बचाना है, तो अल्कलाइन फूड का सेवन करें। जिसका स्तर वायरस के पीएच से ज्यादा हो। जैसे कि केला और नींबू- 9.9 पीएच, पीला नींबू – 8.2 पीएच, एवोकाडो – 15.6 पीएच, लहसुन – 13.2 पीएच, आम – 8.7 पीएच, अनानास – 12.7 पीएच, संतरा – 9.2 पीएच। आप जो गर्म पानी पीते हैं। वो आपके गले के लिए अच्छा है। लेकिन यह कोरोना वायरस से आपकी नाक के परानासल साइनस के पीछे 3 से 4 दिनों तक छिपा रहता है। हम जो गर्म पानी पीते हैं, ये वहां पर नहीं पहुचंता है। इसलिए कुछ दिनों बाद ये वायरल आपके फेफड़ों तक पहुंच जाता है। इस वायरस से छुटकारा पाने के लिए रोजाना स्टीम लें। ताकि गर्माहट आपके परानासल साइनस तक पहुंच सके। आपको इस वायरस को भाप के जरिए नाक में ही मारना होगा। 50 डिग्री सेल्सियस पर ये वायरस कमजोर होने लगता है। 60 डिग्री सेल्सियस पर ये वायरस इतना ज्यादा कमजोर हो जाता है कि मनाव प्रतिरक्षा प्रणाली इसके खिलाफ लड़ सकती है। 70 डिग्री सेल्सियस पर यह वायरस पूरी तरह से मर जाता है। ऐसे ही भाप काम करता है। जो घर में रहते हैं, उन्हें दिन में एक बार भाप लेनी है। जो बाजार जाते हैं उन्हें दिन में दो बार भाप लेनी है। वो जो ऑफिस जाते हैं, लोगों से मिलते हैं उन्हें दिन में तीन बार भाप लेनी है। डॉक्टरों के अनुसार मुंह और नाक से भाप लेने से कोरोना वायरस को मारा जा सकता है। अगर सभी लोग एक हफ्ते कर भाप लेने की मुहिम शुरू कर दें, तो एक हफ्ते में ही ये महामारी खत्म हो जायेगी। इसके कोई साइड-इफेक्ट नहीं है। इसलिए सभी को इस मैसेज को फॉरवर्ड करें, सभी के साथ इसे शेयर करें।” WHO की वेबसाइट के अनुसार वायरस के संपर्क में आने के बाद कम से कम 5 से 6 दिन बाद लक्षण दिखाई देने शुरू होते हैं। कई बार लक्षण दिखने में 14 दिन तक का भी समय भी लग जाता है। वेबसाइट पर बताया गया है कि कोरोना का प्रभाव हर इंसान पर अलग-अलग तरीके का है। कई लोगों में हल्के लक्षण ही होते हैं और वो बिना अस्पताल गए ही ठीक हो जाते हैं। जबकि कई लोगों के साथ ऐसा नहीं होता है। WHO के मुताबिक कोरोना के लक्षणों को कम दिखाई देने वाले लक्षण, ज्यादा दिखाई देने वाले लक्षण और गंभीर हालत में दिखाई देने वाले लक्षणों में बांटा गया है। किस दिन कौन-सा कोरोना का लक्षण दिखाई देगा ऐसी कोई जानकारी हमें WHO की वेबसाइट पर नहीं मिली। हमने स्वास्थ्य मंत्रालय वेबसाइट की वेबसाइट पर जाकर भी सर्च किया। लेकिन वहां पर भी ऐसा कोई जिक्र हमें नहीं मिला। हमने इस बारे में अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. निखिल मोदी से भी बातचीत की। उन्होंने हमें बताया कि कोरोनावायरस के लक्षणों को लेकर दिनों की बात का दावा गलत है। कोरोना के लक्षणों को लेकर कोई दिन तय नहीं है। कोई भी लक्षण कभी भी आ सकता है। कई बार लक्षण दिखने में 5 से 6 दिन लग जाते हैं, तो वहीं कई लोगों में 15 से 20 दिन बाद लक्षण दिखाई देते हैं। जबकि कई कोरोना के केस ऐसे भी हैं, जिनमें मरीजों में लक्षण ही नहीं दिखाई दिए हैं। WHO की वेबसाइट के अनुसार बुखार, सूखी खांसी और थकान सबसे ज्यादा पाया जाने वाला आम लक्षण है। जबकि गले में खराश, दस्त, आंख आना, त्वचा पर लाल रंग के चकत्ते पड़ना, हाथ-पैरों की उंगलियों का रंग बिगड़ना, स्वाद और गंध का चले जाना कम सामान्य लक्षण हैं। तो वहीं सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द और चीजों का ध्यान न रहना गंभीर स्टेज पर दिखने वाले लक्षण हैं। सच्चाई – Vitamin-C और तरल पदार्थ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। ये इम्यून सिस्टम को भी बेहतर करने में मददगार हैं। लेकिन इनका सेवन करने से कोरोना सही नहीं होता है। अभी तक ऐसी कोई भी रिपोर्ट सामने नहीं आई है। WHO द्वारा भी इस दावे को खारिज किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भी ऐसे सभी दावों को गलत बताया गया है। अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. निखिल मोदी का कहना है कि ये दावा गलत है। किसी भी तरह के विटामिन से कोरोना ठीक नहीं होता है। सच्चाई – WHO ने इस दावे को सिर्फ एक अफवाह बताया है। WHO के मुताबिक खुद को 25 डिग्री से ज्यादा तापमान में रखने से या फिर धूप में बैठने से कोरोनावायरस को खत्म करने में मदद नहीं मिलेगी। बल्कि ऐसा करने से आपको कई और परेशानियों और बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। सच्चाई – हमने इस दावे की जांच कि लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली कि ज्यादा पानी पीने या फिर गर्म पानी पीने से बैक्टीरिया या वायरस जैसे सूक्ष्म जीवों को खत्म किया जा सकता है। डॉ. निखिल मोदी ने भी इस दावे को गलत बताया है। उनका कहना है कि बीमारी के समय अक्सर मरीज़ कुछ खा नहीं पाते हैं। इसलिए उन्हें तरल पदार्थ का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ज्यादा पानी पीने की सलाह भी इसलिए दी जाती है, ताकि शरीर में डीहाइड्रेशन की समस्या न हो। लेकिन गर्म पानी या फिर पानी से किसी भी तरह का वायरस खत्म नहीं होता है। गर्म खाना खाने से भी वायरस पर कोई असर नहीं होता है। ये बातें सिर्फ अफवाह हैं। WHO और स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों का पालन करके ही इस वायरस से बचा जा सकता है। सर्च के दौरान हमें इस दावे से जुड़ी जानकारी WHO की वेबसाइट पर भी मिली। WHO की वेबसाइट पर ऐसे सभी दावों को गलत बताया गया है। गर्म खाना खाना, गर्म पानी पीना या फिर गर्म पानी में नहाने से कोरोना पर कोई असर नहीं होता है। सच्चाई – आपकी जानकारी के लिए बता दें कि pH वैल्यू किसी भी सॉल्यूशन की एसिडिटी और बेसिक क्षमता को नापने का एक स्केल होती है। अगर किसी सॉल्यूशन का pH 7 से कम होता है, तो उसे एसीडिक कहा जाता है। अगर सॉल्यूशन का pH 7 से ज्यादा है, तो वो बेसिक यानी अल्कलाइन कहलाते हैं। जबकि कोरोना एक वायरस है, न कि सॉल्यूशन जिसकी pH वैल्यू होगी। WHO और स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर भी कोरोनावायरस के pH से जुड़ी कोई भी जानकारी मौजूद नहीं है। डॉ. निखिल मोदी ने बातचीत में बताया कि कोरोनावायरस की कोई pH वैल्यू नहीं है। किसी भी जीवित जीव की pH वैल्यू नहीं होती है। कोरोनावायरस के pH वैल्यू को लेकर अभी तक ऐसी कोई रिसर्च सामने नहीं आई है। अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. निखिल मोदी के मुताबिक अभी तक किसी भी शोध में ये साबित नहीं हुआ है कि अल्कलाइन फूड या फिर किसी भी तरह के खाद्य पदार्थ का सेवन करने से COVID-19 नहीं होता है। आयुष मंत्रालय के मुताबिक कई तरह के औषधीय काढ़े कोरोना से बचाव करने में कारगर ज़रूर है। पड़ताल के दौरान हमें AFP की एक रिपोर्ट मिली। जिसमें WHO के सलाहकार Dr Cory Couillard ने इस दावे को गलत बताया था। उन्होंने AFP को बताया कि अभी तक ऐसा कोई शोध या डाटा मौजूद नहीं है, जो ये साबित करता हो कि अल्कलाइन फूड का सेवन करने से कोरोना नहीं होगा। वायरल दावे में खाद्य पदार्थों की पीएच वैल्यू भी गलत बताई गई है। ऑस्ट्रेलियाई वेबसाइट Arrow Scientific के अनुसार केले की पीएच वैल्यू – 5-5.29 पीएच नींबू की पीएच वैल्यू : 2 – 2.60 पीएच एवोकाडो की पीएच वैल्यू : 6.27 – 6.58 पीएच लहसुन की पीएच वैल्यू : 13.2 पीएच आम की पीएच वैल्यू : 5.80- 6 पीएच अनानास की पीएच वैल्यू : 3-3.20 पीएच संतरे की पीएच वैल्यू : 5.32-5.60 पीएच लहसुन को लेकर तो WHO और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनों ने एडवाइजरी जारी करते हुए इसे एक भ्रामक दावा बताया था। WHO और स्वास्थ्य मंत्रालय दोनोें ने कहा था कि वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है कि लहसुन से कोरोना नहीं होता है। सच्चाई – वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि भाप लेने से कोरोनावायरस असर नहीं करता है। अगर एक हफ्ते तक भाप लेने की मुहिम चलाई जाये तो दुनिया से इस महामारी को भगाया जा सकता है। जब हमने दावे के पड़ताल की तो पाया कि ये दावा पूरी तरीके से गलत है। WHO और स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दावे को गलत बताया है। PIB द्वारा भी ट्वीट कर इस दावे को गलत बताया गया है। सच्चाई – जब हमने वायरल दावे के बारे में छानबीन की तो हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट (बच्चों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली) विश्व की शीर्ष संस्था UNICEF की वेबसाइट पर मिली। इस वेबसाइट पर इस दावे को पूरी तरीके से गलत बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक तापमान के ज्यादा होने से कोरोना का असर कम हो जाता है, लेकिन वो मरता नहीं है। साथ ही यह भी बताया गया है कि कोरोना कुछ घंटों में मरता नहीं है, वो कई दिनों तक जीवित रह सकता है और किसी भी तापमान में ट्रांसफर हो सकता है। हमारी पड़ताल में मिले तथ्यों के मुताबिक कोरोनावायरस को लेकर वायरल मैसेज में किए जा रहे सारे दावे भ्रामक हैं। कोरोनावायरस की न तो pH वैल्यू होती है, न ही कोरोना 70 डिग्री में मर जाता है, न ही भाप लेकर कोरोना से बचा जा सकता है और न ही अल्कलाइन फूड से कोरोना का बचाव किया जा सकता है। ये सारे दावे गलत हैं और सिर्फ एक अफवाह हैं। WHO और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ऐसे सभी दावों को गलत बताया गया है। WHO: https://www.who.int/health-topics/coronavirus#tab=tab_3 AFP: https://factcheck.afp.com/health-experts-say-there-no-evidence-eating-alkaline-foods-can-prevent-or-cure-covid-19 Health Ministry: https://www.mohfw.gov.in/ WHO: https://www.who.int/emergencies/diseases/novel-coronavirus-2019/advice-for-public/myth-busters PIB Tweet: https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1245746020291473408 किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in Neha Verma April 18, 2020 Saurabh Pandey April 1, 2021 Neha Verma June 9, 2020
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