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| - लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के बीच सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) का एक वीडियो वायरल है.
इस वीडियो में कन्हैया कहते दिख रहे हैं ''सारे शहीदों को शहादत का दर्जा दिया जाए और जो इनको शहीद बना रहे हैं, उनके खिलाफ जंग छेड़ी जाए. मैं बता रहा हूं जिन्हें नक्सली बताकर मारा जा रहा है, वो भी शहीद हैं, भोलेभाले आदिवासी हैं. जो तथाकथित नक्सली हिंसा में शहीद हो रहा है, वो भी इनके जैसा एक गरीब है.''
दावा : वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कन्हैया कुमार ने हिंसा करने वाले नक्सलियों को शहीद कहा.
क्या ये सच है ? : 2016 में NDTV पर हुए कन्हैया कुमार के इंटरव्यू का अधूरा हिस्सा गलत संदर्भ के साथ शेयर किया जा रहा है.
वायरल हो रही क्लिप के आगे और पीछे का पूरा हिस्सा सुनने पर पता चलता है कि कन्हैया उन लोगों को शहीद बता रहे हैं, जिन्हें नक्सली बताकर मार दिया जाता है. साथ ही वो तथाकथित नक्सली हिंसा में शहीद होने वाले सेना के जवान को भी शहीद बता रहे हैं.
इंटरव्यू के एक दूसरे हिस्से में कन्हैया ने ये भी कहा है कि वो नक्सली हिंसा का समर्थन नहीं करते.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : NDTV की ऑफिशियल वेबसाइट पर हमें कन्हैया कुमार का वो पूरा इंटरव्यू मिला, जिसका एक हिस्सा वायरल है.
इंटरव्यू में 37:52 मिनट के बाद वो हिस्सा आता है, जहां कन्हैया नक्सली बताकर मारे गए लोगों के बारे में बात करते हुए कहते हैं,
सारे शहीदों को शहादत का दर्जा दिया जाए और जो इनके खिलाफ. जिन्हें नक्सली बताकर मारा जा रहा हो, वो भी शहीद हैं, भोले - भाले आदिवासी हैं. जो तथाकथित नक्सली हिंसा में शहीद हो रहा है वो भी उनके जैसा एक गरीब का बेटा है. जो इस देश में अनाज उपजा रहे हैं, वो भी इस देश के शहीद हैं. और जो सीमा पर मर रहे हैं वो भी शहीद हैं. इन सभी शहीदों को एकजुट होना है.कन्हैया कुमार
कन्हैया की बात का पूरा संदर्भ क्या है ? : दरअसल, कई रिपोर्ट्स में ये सामने आ चुका है कि कई मुठभेड़ों में किसान, आदिवासियों को नक्सली बताकर या नक्सली समझकर मार दिया गया.
क्या कन्हैया ने नक्सली हिंसा का समर्थन किया ? : इंटरव्यू की क्लिप शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कन्हैया ने नक्सली हिंसा का समर्थन किया है. पर इस इंटरव्यू में ही 10:35 पर कन्हैया कहते हैं,
मेरे घर में मेरा भाई CRPF में था और वो मारा गया, उनका नाम पप्पू था, वो मारे गए. जो मुझे पूछा जाता है, तुम नक्सली लोग हो, वो नक्सली हिंसा में ही मारा गया. लेकिन, इस बात को कैसे मिला दिया जाता है. नक्सली हिंसा अपनी जगह पर गलत है, हम उसको समर्थन नहीं करते. लेकिन, किसी भोले आदिवासी को नक्सली बताकर उसको मार देना, हम इसका भी समर्थन नहीं करते. ये लोग जो भोले भाले आदिवासी को भी मारते हैं, नक्सली बताकर मारते हैं. और आज जो है जो लोग आदिवासियों के पक्ष में खड़े हो रहे हैं उनको नक्सली बताकर मार रहे हैं. ये बहुत खतरनाक ट्रेंड है देश के अंदर. जो देश को लूटते हैं, वो छाती पीटकर देश भक्त होने का दावा करते हैं.कन्हैया कुमार.
हालांकि, इस हिस्से में या पूरे इंटरव्यू में कहीं भी कन्हैया नक्सली हिंसा करने वालों को शहीद का दर्जा देने की बात नहीं कर रहे, जैसा कि दावा किया जा रहा है.
निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार का एडिटेड वीडियो इस गलत दावे से वायरल है कि उन्होंने हिंसा करने वाले नक्सलियों को शहीद का दर्जा देने की बात कही है.
(इस फैक्ट चेक रिपोर्ट में पहले उल्लेख किया गया था कि वायरल वीडियो में गलत ऑडियो जोड़ा गया. पर सटीक तथ्य सामने आने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया गया है)
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