Fact Check: महाराष्ट्र में दुकानों में तोड़फोड़ करने वाले लड़के की पिटाई का पुराना वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल
महाराष्ट्र के पुणे में दिसंबर 2022 में दो युवकों ने धारदार हथियार लेकर दुकानों में तोड़फोड़ और बाइक सवार पर हमला किया था, जिसके बाद पुलिस ने उनमें से एक को पकड़कर उसकी पिटाई की थी। उस घटना के वीडियो को यूपी से जोड़कर फर्जी सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है।
By: Sharad Prakash Asthana
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Published: Feb 24, 2025 at 04:59 PM
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नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश से जोड़कर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें दो युवक दुकानों में तोड़फोड़ करते और राह चलते लोगों को मारते हुए देखे जा सकते हैं, जिसके बार पुलिसकर्मी उनमें से एक को पकड़कर उसकी पिटाई कर देते हैं। कुछ यूजर्स वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि यूपी पुलिस ने तोड़फोड़ करने वाले जिहादी युवक की पिटाई की।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो महाराष्ट्र के पुणे में करीब दो साल पहले हुई वारदात का है। इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
वायरल पोस्ट
फेसबुक यूजर Shubham Singh Rajput ने 21 फरवरी को वीडियो पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा, “वाह योगी जी की पुलिस जिहादी की बिरयानी बना दी, योगिजी के ड्रोन कैमरे का नतीजा। हाथों हाथ एक्शन।“
पड़ताल
वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने इसका कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस से सर्च किया। 30 दिसंबर 2022 को इससे संबंधित वीडियो न्यूज को एएनआई के हैंडल से पोस्ट किया गया है। इसमें वायरल वीडियो के एक हिस्से को देखा जा सकता है। इसके अनुसार, महाराष्ट्र के पुणे भारती विद्यापीठ पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सिंहगढ़ लॉ कॉलेज परिसर के सामने कथित तौर पर ‘कोयता गैंग’ से जुड़े कुछ बदमाशों ने पुणे के लोगों को धारदार हथियार से डराने करने की कोशिश की।
29 दिसंबर 2022 को लोकमत के एक्स हैंडल से वायरल वीडियो के एक हिस्से को पोस्ट कर इसे पुणे का बताया गया। जानकारी के अनुसार, पुलिस ने शराब पीकर हंगामा करने वाले युवकों की पिटाई की।
30 दिसंबर को पुलिसनामा नाम की एक वेबसाइट पर इस दोनों आरोपियों के नाम दिए गए हैं। दोनों में से कोई मुस्लिम नहीं था। (आरोपी के नाबालिग होने की वजह से हम वेबसाइट का लिंक नहीं दे रहे हैं।)
इस बारे में हमने भारती विद्यापीठ थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर सावलाराम सलगावकर से संपर्क किया। उनका कहना है कि यह वीडियो दिसंबर 2022 का है। अभी ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। इसमें आरोपी नाबालिग थे। इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
पुणे के पुराने वीडियो को सांप्रदायिक दावे से शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक राजनीतिक दल से जुड़े यूजर के करीब 4500 फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: महाराष्ट्र के पुणे में दिसंबर 2022 में दो युवकों ने धारदार हथियार लेकर दुकानों में तोड़फोड़ और बाइक सवार पर हमला किया था, जिसके बाद पुलिस ने उनमें से एक को पकड़कर उसकी पिटाई की थी। उस घटना के वीडियो को यूपी से जोड़कर फर्जी सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है।
Claim Review : यूपी पुलिस ने तोड़फोड़ करने वाले जिहादी युवक की पिटाई की।
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Claimed By : FB User- Shubham Singh Rajput
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Fact Check : झूठ
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