schema:text
| - Last Updated on मई 17, 2024 by Neelam Singh
सारांश
एक पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि 1 नींबू का रस 01 गिलास कच्चे दूध में मिलाकर एक हफ्ता रोज सुबह खाली पेट पीने से जल्द ही बवासीर जड़ से खत्म हो जाएगा। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा अधिकतर गलत है।
दावा
एक वेबसाइट द्वारा जारी पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि 1 नींबू का रस 1 गिलास कच्चे दूध में मिलाकर एक हफ्ता रोज सुबह खाली पेट पीने से जल्द ही बवासीर से आराम मिल जाएगा।
तथ्य जाँच
बवासीर क्या है?
बवासीर को hemorrhoids भी कहा जाता है, जिसमें गुदा और मलाशय की रक्त वाहिकाओं में सूजन हो जाती है। ये आंतरिक हो सकते हैं, मलाशय के अंदर स्थित हो सकते हैं या गुदा से बाहर भी निकल सकते हैं। हालांकि बवासीर की समस्या काफी आम होती है। यह वयस्कों को उनके जीवन में किसी न किसी समय प्रभावित करता ही है।
शोध के अनुसार बवासीर के सबसे आम लक्षणों में मल त्याग के दौरान दर्द रहित रक्तस्राव, गुदा के आसपास खुजली और जलन और गुदा के पास सूजन या गांठ शामिल हैं। बवासीर होने के कारणों में मल त्याग के दौरान तनाव, आहार, पुरानी कब्ज, दस्त, गर्भावस्था, मोटापा और उम्र बढ़ना भी शामिल हैं, जो बवासीर के विकास में योगदान कर सकते हैं। हालांकि स्थिति की गंभीरता के आधार पर, बवासीर के लिए कई प्रकार के उपचार विकल्प उपलब्ध हैं।
क्या आहार से बवासीर ठीक हो सकता है?
एक निश्चित सीमा तक। चिकित्सा विशेषज्ञ अक्सर बवासीर को ठीक करने या प्रबंधित करने के लिए आहार में संशोधन का सुझाव देते हैं। फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करने से मल नरम या मुलायम हो जाता है और मल त्यागने में आसानी होती है। इसके अलावा, पानी और तरल पदार्थ पीने से आहार में फाइबर मल को बेहतर तरीके से पारित करने में मदद कर सकता है। बवासीर रोग में चिकित्सक से यह पूछना आवश्यक है कि बॉडी मास इंडेक्स, स्वास्थ्य स्थिति, गतिविधि स्तर और भौगोलिक स्थिति के आधार पर प्रतिदिन कितना फाइबर और पेय लेना स्वास्थ्यवर्धक है।
नींबू और दूध के मिश्रण से बवासीर को ठीक करने को लेकर डॉ. शरद मल्होत्रा, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, आकाश हॉस्पिटल ने कहा, “आहार बवासीर का इलाज नहीं कर सकता है लेकिन लक्षण सुधारने में मदद कर सकता है। कब्ज से बचने के लिए सहायक आहार में साबुत अनाज, फलियां, छिलके वाले फल और फाइबर शामिल होना चाहिए। प्रसंस्कृत वसा और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन से बचना चाहिए क्योंकि वे आंतों की गतिशीलता को कम करते हैं और कब्ज को बढ़ाते हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि बवासीर के उपचार में फाइबर युक्त आहार या मल को नरम करने वाली दवाएं शामिल करना, कब्ज पैदा करने वाली अन्य दवाओं या भोजन से परहेज, गुदा नलिका की नसों में दबाव कम करने के लिए दवाएं, एंडोस्कोपी निर्देशित इंजेक्शन थेरेपी या बैंडिंग और सर्जरी शामिल हैं।
क्या दूध और नींबू का मिश्रण बवासीर को ठीक करता है?
नहीं। इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि नींबू और दूध से बवासीर ठीक हो सकता है। वास्तव में, अगर आपको बवासीर है, तो दूध से परहेज करने की हिदायत दी जाती है क्योंकि इसकी प्रवृत्ति कब्ज पैदा करने की होती है।
हालांकि किसी भी दावे में मिश्रण में प्रत्येक घटक के अनुपात के बारे में विस्तार से नहीं बताया गया है लेकिन हमने इस बात पर विचार किया कि निश्चित अनुपात में नींबू और दूध से छाछ बन सकता है, जो भारतीयों के लिए गर्मियों में एक लोकप्रिय पेय है।
आहार विशेषज्ञ कामना चौहान बताती हैं, “आहार बवासीर की बीमारी को ठीक नहीं कर सकता है लेकिन यह लक्षणों को कम कर सकता है। उच्च फाइबर युक्त भोजन खाने से मल नरम हो सकता है और मल त्यागने में आसानी हो सकती है। इससे बवासीर कम दर्दनाक हो सकती है। पानी और अन्य तरल पदार्थ पीने से आपके आहार में फाइबर बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिल सकती है।”
ऐसा कोई प्रमाण नहीं है, जो पुष्टि करता हो कि दूध में नींबू का रस मिलाने से बवासीर पूरी तरह ठीक हो सकता है। इसके विपरीत जैसे ही दोनों सामग्रियां मिश्रित होंगी, नींबू का रस दूध के दही को तरल पदार्थ से अलग कर देगा और इसे पीना मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि जब हमने इस विषय पर और खोज कि तब हमें कुछ सबूत मिले जो दर्शाते हैं कि नींबू का रस कोशिकाओं और रक्त वाहिकाओं को मजबूत कर सकता है। ऐसा गुण बवासीर रोग को कम कर सकता है। एक अन्य शोध पत्र में बवासीर पर नींबू के सामयिक अनुप्रयोग की सिफारिश की गई है।
घरेलू उपचार के माध्यम से बवासीर को ठीक करने की कोशिश करने और चिकित्सक की सलाह न लेने के क्या खतरे हो सकते हैं?
बवासीर तुलनात्मक रूप से वयस्कों में होने वाली एक आम बीमारी है और ज्यादातर इससे कोई बड़ी समस्या नहीं होती है। हालांकि, वे कभी-कभी फट सकते हैं या रक्तस्राव का कारण बन सकते हैं। ऐसे मामलों में चिकित्सकीय सहायता न लेना और घरेलू उपचार आजमाते रहना खतरनाक हो सकता है।
दूध के संदर्भ में, उपलब्ध साक्ष्य इससे परहेज करने की सलाह देते हैं क्योंकि दूध में फाइबर नहीं होता है, इसलिए यह कब्ज की समस्या को कम करने के बजाय बढ़ा सकता है। फिर भी, कुछ लोग दूध पीने के बाद अप्रभावित रह सकते हैं।
अंतर्निहित कारणों को समझे बिना घरेलू उपचार के साथ बवासीर का इलाज करने की कोशिश करने से बवासीर का इलाज नहीं हो सकता है। ऐसी स्थिति एनीमिया का कारण बन सकती है और गुदा की मांसपेशियों में बवासीर, गैंग्रीन नामक दर्दनाक स्थिति पैदा कर सकती है, जिससे ऊतकों को हानि हो सकती है।
अतः इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि नींबू और दूध मिलाकर सेवन करने से बवासीर पूरी तरह ठीक हो जाएगा। बवासीर रोग से ग्रसित मरीज लोग चल रहे उपचार के साथ व्यक्तिगत रूप से नींबू और दूध का सेवन तभी कर सकते हैं, जब चिकित्सक इसकी सलाह दें इसलिए यह दावा ज्यादातर गलत है।
आप हमारे द्वारा तथ्य जाँच किए अन्य लेखों को भी पढ़ सकते हैं। जैसे- जायफल चेहरे के काले धब्बों को ठीक कर सकता है और भीगे बादाम के छिलकों में कैंसर कारक गुण होते हैं.
|