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| - Last Updated on दिसम्बर 26, 2023 by Neelam Singh
सारांश
फेसबुक पर जारी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है, “तेजपत्ता के पत्ते को नियमित रूप से कुछ दिन तक चूसते रहने से हकलापन दूर हो जाता है। रुक-रुक कर बोलने वाले या हकलाने वाले व्यक्ति को तेजपत्ता जीभ के नीचे रखने से हकलापन तथा रुक-रुककर बोलना दूर हो जाता है।” जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि दावा गलत है।
दावा
फेसबुक पर जारी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है, “तेजपत्ता के पत्ते को नियमित रूप से कुछ दिन तक चूसते रहने से हकलापन दूर हो जाता है। रुक-रुक कर बोलने वाले या हकलाने वाले व्यक्ति को तेजपत्ता जीभ के नीचे रखने से हकलापन तथा रुक-रुककर बोलना दूर हो जाता है।”
तथ्य जांच
हकलाना या हकलाहट क्या है?
हकलाना एक भाषा विकार है, जिसमें लोग साफ-साफ शब्दों का उच्चारण नहीं कर पाते हैं यानी कि वे ठीक तरह से कोई शब्द या वाक्य नहीं बोल पाते क्योंकि बोलने के दौरान उन्हें कई बार रुकावट का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर हकलाहट के निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं-
- ध्वनि या शब्दांशों को बार-बार दोहराना
- किसी शब्द का उच्चारण ना कर पाना
- बोलते वक्त जबड़ों पर बहुत जोर देना
यह बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकता है लेकिन गंभीरता में भिन्न हो सकता है। हकलाना बुद्धि से संबंधित कोई विकार नहीं है बल्कि इसे स्पीच थेरेपी की मदद से कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है।
हकलाने से जुड़े कुछ कारक इस प्रकार हैं:
- विकासात्मक हकलाना (बाल-शुरुआत प्रवाह विकार) – यह विकार तब उत्पन्न होता है, जब एक बच्चे का विकास हो रहा होता है। यह एक न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर है क्योंकि इसमें मस्तिष्क का विकास अपेक्षा से अलग तरीके से होता है।
- लगातार हकलाना – यह विकासात्मक हकलाना है, जो वयस्क होने तक जारी रहता है।
- किसी अन्य कारणवश – इस अवस्था में हकलाहट किसी बीमारी या चोट के कारण विकसित होती है, जो मस्तिष्क को प्रभावित करती है।
तेजपत्ता क्या होता है?
यह एक खुशबूदार पत्ता होता है, जिसकी सुगंध तेज होती है। इसकी स्थानीय उत्पत्ति एशिया प्रांत में दर्ज की गई है, जहां से ये मध्य सागरिय और अन्य समान तापमान वाले क्षेत्रों में फैल गया। हालांकि तेजपत्ता के कुछ औषधीय गुण हैं। जैसे- सूजनरोधी, एंटी-फंगल, पेट संबंधित पाचन से जुड़ी परेशानियां आदि। भारतीय व्यंजनों में तेजपत्ता का इस्तेमाल अनेकों प्रकार से किया जाता है।
क्या जीभ के नीचे तेजपत्ता रखने से हकलाहट ठीक हो सकता है?
इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि जीभ के नीचे तेजपत्ता रखने से हकलाहट की समस्या ठीक हो सकती है। हकलाने का कोई इलाज नहीं है लेकिन ऐसे प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं, जो लोगों को उनकी हकलाहट को प्रबंधित करने और उनके संचार कौशल में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। इन उपचारों में आमतौर पर स्पीच थेरेपी शामिल होती है, जो लोगों को अपनी श्वास को नियंत्रित करना, अपनी मांसपेशियों को आराम देना और अधिक धाराप्रवाह बोलना सीखने में मदद कर सकती है।
जीभ के नीचे तेजपत्ता रखना हकलाने के लिए एक मान्यता प्राप्त उपचार नहीं है और इसका इस स्थिति पर कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। यदि आप हकलाने के बारे में चिंतित हैं, तो निदान और उपचार के लिए भाषण-भाषा रोगविज्ञानी (speech-language pathologist) से मिलना महत्वपूर्ण है। वे आपकी व्यक्तिगत जरूरतों का आकलन कर सकते हैं और एक उपचार योजना विकसित कर सकते हैं, जो आपके लिए सही हो।
हकलाने का इलाज कैसे किया जाता है?
हकलाहट के लिए स्पीच थेरेपी एक प्राथमिक और अत्यधिक प्रभावी उपचार है। एक प्रमाणित वाक्-भाषा चिकित्सक विशिष्ट वाक् पैटर्न और व्यवहारों की पहचान करने के लिए हकलाहट की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों के साथ काम करते हैं ताकि वे उनकी समस्या को गंभीरता से समझ सकें। फिर वे भाषण प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए निदान प्रदान करते हैं। इस प्रक्रिया में मुख्य रुप से सांस की गति को संयमित करना शामिल है क्योंकि कई बार लोग डर, गुस्से, बेचैनी या नर्वस होने के कारण हकलाने लगते हैं।
स्पीच थेरेपी के अलावा भी अन्य उपचार हैं, जो हकलाहट की समस्या से ग्रसित लोगों के लिए सहायक हो सकते हैं। इसमें निम्नलिखित शामिल है-
तकनीकी उपकरण: कुछ इलेक्ट्रॉनिक यानी की तकनीकी उपकरण हकलाने वाले लोगों को उनके भाषण पर प्रतिक्रिया देकर या उनकी आवाज को बदलकर मदद कर सकते हैं।
दवा: ऐसी कोई दवा नहीं है, जो हकलाने के इलाज के लिए विशेष रूप से स्वीकृत हो। हालांकि कुछ दवाएं हैं, जिनका उपयोग अन्य स्थितियों जैसे- चिंता या अवसाद के इलाज के लिए किया जाता है। कुछ लोगों पर यह प्रभावी भी हो सकती है।
स्वयं सहायता समूह: स्वयं सहायता समूह हकलाने वाले लोगों को सहायता और प्रोत्साहन प्रदान कर सकते हैं। वे हकलाहट और इसके उपचार के बारे में जानकारी का भी एक अच्छा स्रोत हो सकते हैं। कई बार हकलाने के कारण लोगों का आत्मविश्वास कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में अगर उन्हें प्रोत्साहित किया जाए और हिम्मत बढ़ाई जाए, तो हकलाहट की समस्या कम हो सकती है।
यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि हकलाने का इलाज हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है। आपकी स्थिति के अनुसार आपके लिए सही उपचार योजना विकसित करने के लिए भाषण-भाषा रोगविज्ञानी के साथ काम करना महत्वपूर्ण है। उपचार की मदद से हकलाने वाले अधिकांश लोग अपनी हकलाहट को प्रबंधित करना और अपने संचार कौशल में सुधार करना सीख सकते हैं।
अतः उपरोक्त शोध पत्रों के आधार पर कहा जा सकता है कि हकलाहट की समस्या को केवल तेजपत्ता का सेवन करके ठीक नहीं किया जा सकता क्योंकि कहीं ना कहीं हकलाने की समस्या मानसिक स्थिति के कारण भी हो सकती है। ऐसे में सही उपचार के लिए चिकित्सक से मिलें।
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