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| - (चेतावनी: स्टोरी में विचलित करने वाले विजुअल्स हैं. दर्शकों को सलाह है कि वो अपने विवेक का इस्तेमाल करें.)
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें गाय काटने की मशीन में गायों को कटते हुए दिखाया जा रहा है.
क्या है दावा?: ये वीडियो उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का बताकर शेयर किया जा रहा है. साथ ही, कैप्शन में सरकार से अपील की जा रही है कि सरकार गायों को मारने वाली मशीन का आयात बंद करे.
सच क्या है?: ये वीडियो न तो उत्तर प्रदेश का है और न ही हाल का है. ये वीडियो साल 2014 से इंटरनेट पर मौजूद है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट लेकर उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
हमें मिस्र के एक मीडिया संगठन ETC TV के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर 2016 में अपलोड किया गया यही वीडियो मिला.
वीडियो टाइटल के मुताबिक, वीडियो में "ब्लू बीफ" काटने की प्रक्रिया दिखाई गई है. ये मांस बेल्जियम के खास किस्म के एक मवेशी से प्राप्त होता है. इस किस्म को बेल्जियन ब्लू कहते हैं.
हमें इस वीडियो के पुराने वर्जन भी मिले, जो 2014 और 2015 में वीडियो होस्टिंग वेबसाइट Dailymotion और फेसबुक पर शेयर किए गए थे.
दोनों ही वीडियो के कैप्शन में जो लिखा गया था, उसका हिंदी इस प्रकार है, ''ऐसी जगहों से पैक मीट न खरीदें जो भरोसेमंद न हो. कई बार ये हराम होता है'',
इन वीडियो के कमेंट सेक्शन में जाकर देखने पर हमने पाया कि कई यूजर्स ने कमेंट कर इस वीडियो को अमेरिका का बताया था. हालांकि, हमें इस दावे की पुष्टि के लिए कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली.
उत्तर प्रदेश में गोहत्या: यूपी में सत्ता में आने के बाद से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार प्रदेश में गोहत्या के खिलाफ काम कर रही है.
सरकार ने साल 2017 में ''अवैध'' बूचड़खानों पर नकेल कसनी शुरू की और इन्हें बंद करवाना शुरू कर दिया. इसके अलावा, सरकार ने ''राज्य में गो तस्करी पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध'' लगा दिया.
तीन साल बाद, यूपी सरकार ने साल 2020 में गोहत्या निवारण (संशोधन) अध्यादेश पारित किया. इसमें गोकशी यानी गाय की हत्या या उनके परिवहन के दोषी पाए जाने वालों के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया गया.
तब इलाहाबाद हाई कोर्ट की सिंगल जज बेंच ने पाया था कि इस एक्ट का दुरुपयोग भी किया जा रहा था. कई लोगों के पास मांस पाए जाने के बाद उसे फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में टेस्टिंग के लिए भेजे बिना ही उसे गाय का मांस करार दे दिया गया था.
निष्कर्ष: साफ है कि गाय काटने का पुराना वीडियो इस गलत दावे से शेयर किया जा रहा है कि ये यूपी का है, जिन्हें यूपी सरकार ने आयात किया है.
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