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Coronavirus
नोबेल पुरस्कार विजेता और जापान के जाने माने प्रोफेसर तासुकू होंजो ने कोरोनावायरस को अप्राकृतिक बताया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि इस चीन की एक लैब में तैयार किया गया है।
इस दावे के साथ एक पोस्ट हमें शेयरचैट पर प्राप्त हुआ है। सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म पर इस दावे की खोज करने पर हमें यह दावा कई यूजर के प्रोफाइल पर मिला।
Facebook पर इस तरह के अन्य पोस्ट यहां देखे जा सकते हैं।
Twitter पर इस तरह के अन्य ट्वीट यहां देखे जा सकते हैं।
एक नोबेल पुरस्कार विजेता यदि इतना सनसनीखेज़ खुलासा करता है तो यकीनन पूरी दुनिया उस की चर्चा करेगी। विश्वभर का मीडिया इस ख़बर को चलाएगा। हालांकि इस तरह की कोई भी ख़बर न तो अंतर्राष्ट्रीया मीडिया पर कहीं है और न ही राष्ट्रीय मीडिया द्वारा इसे दिखाया गया है।
फिर भी हमने तासुकू होंजो द्वारा हाल में दिए बयानों और इंटरव्यू को पढ़ा और देखा। Taiwan News पर प्रकाशित एक लेख के मुताबिक प्रोफेसर तासुकू होंजो ने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए ताइवान की नीति को अपनाने की सलाह दी है।
लेख से पता चला कि ऐसा होंजो ने Nikkei News को दिए एक इंटरव्यू में कही हैं। इस इंटरव्यू में आगे होंजो ने यह भी कहा है कि नए कोरोनावायरस से फैली यह महामारी एशियाई देशों के लिए एक बड़ी चुनौती है। चीन के बारे में उन्होंने कहा कि चीन जल्द ही अपनी अर्थव्यवस्था को पुन: जीवित कर लेगा लेकिन अब शायद चीन की दूसरे देशों के प्रति नीतियां बदल जाएं।
इस पूरे इंटरव्यू में कहीं पर भी होंजो ने SARS-CoV-2 को अप्राकृतिक नहीं बताया है।
इसी तरह हमने तासुकू होंजो के कई अन्य बयान और इंटरव्यू पढ़े लेकिन कहीं पर भी इस नए कोरोनावायरस को अप्राकृतिक बताने वाला बयान हमें नहीं मिला। हालांकि इस दौरान हमें अन्य नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्नियर द्वारा दिया बयान मिला जिसमें उन्होंने यह कहा था कि SARS-CoV-2 को वुहान की एक लैब मे किया गया है जिसका निर्माण AIDS के लिए वैक्सीन तैयार करने के दौरान हुआ है। ल्यूक मॉन्टैग्नियर के इस बयान को आप यहां पढ़ सकते हैं। बता दें कि ल्यूक को HIV की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
अब वायरल हो रही लेख की क्लिपिंग को हमने गौर से पढ़ा तो पाया कि इस लेख में बस इसी बात को कई बार दोहराया गया है कि तासुकू होंजो ने कहा है कि कोरोनावायरस प्राकृतिक नहीं है। इस लेख में अंग्रेजी के कई शब्दों को हिंदी में लिखा है आमतौर पर हिंदी अख़बार या वेबसाइट ऐसा करने से बचती हैं। वहीं इस पूरी क्लिपिंग में कहीं भी नए वायरस के नाम का जिक्र नहीं है हर जगह केवल कोरोनावायरस लिखा गया है।
एक और ख़ास बात यह कि इस लेख मे लिखा गया है कि तासुकू होंजो ने कहा है कि यदि उनकी बात गलत साबित हुई तो सरकार उनका नोबेल वापस ले ले। होंजो किस सरकार की बात कर रहे हैं? नोबेल पुरस्कार तो किसी देश की सरकार द्वारा नहीं दिया जाता।
वहीं जब हमने ‘अतुल्य हिंदुस्तान’ से Google किया तो पता चला कि इस नाम से न तो कोई अख़बार है और न ही कोई वेबसाइट। एकत्रित की गई सभी जानकारी और तथ्यों के आधार पर हम कह सकते हैं कि तासुकू होंजो के नाम पर वायरल किया जा रहा दावा बिल्कुल गलत है।
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