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  • Fact Check: अग्निवीर अमृतपाल सिंह को सुसाइड करने की वजह से नहीं मिला सैन्य सम्मान सेना की जांच में पता चला है कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने आत्महत्या की है, जिस कारण उन्हें सैन्य सम्मान नहीं दिया गया। सेना की तरफ से इस बारे में एक्स हैंडल से पोस्ट कर सफाई भी दी गई है। सेना के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट को अफवाह बताया है। - By: Sharad Prakash Asthana - Published: Oct 16, 2023 at 06:47 PM - Updated: Oct 16, 2023 at 07:21 PM नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अग्निवीर अमृतपाल सिंह की मौत को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उनको सैन्य सम्मान नहीं मिलने पर कई सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि केंद्र सरकार अग्निवीरों को शहीद का दर्जा नहीं दे रही है, जिस कारण अमृतपाल सिंह को सैन्य सम्मान नहीं दिया गया। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि सेना में सुसाइड करने वाले फौजियों को सैन्य सम्मान नहीं दिया जाता है। सेना ने कहा है कि अमृतपाल सिंह ने सुसाइड किया था। जम्मू में सेना के पीआरओ ने कहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा अफवाह है। अग्निवीर एक योजना है। उनको भी अन्य जवानों की तरह सम्मान मिलता है। क्या है वायरल पोस्ट सत्यपाल मलिक के नाम से बने एक्स अकाउंट से 14 अक्टूबर 2023 को वीडियो पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा गया, “आज शहीद अग्निवीर अमृतपाल सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव कोटलीकलां आया, जिसे 2 फ़ौजी भाई प्राइवेट एंबुलेन्स से छोड़कर गए! जब ग्रामीणों ने पूछा तो उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की नई नीति के तहत अग्निवीर को शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है, इसलिए सलामी नहीं दी जाएंगी!” सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी 15 अक्टूबर को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए अग्निवीर योजना पर सवाल उठाए। पड़ताल वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 16 अक्टूबर को छपी खबर के अनुसार, “पुंछ जिले के मेंढर उपमंडल के मनकोट इलाके में एलओसी के पास अमृतपाल सिंह की ड्यूटी थी। इस दौरान उनके माथे पर गोली लगी। उनके पार्थिव शरीर को प्राइवेट एंबुलेंस में लाया गया। सेना के दो जवान शव छोड़ने आए थे। उनको सैन्य सम्मान नहीं मिलने पर परिजनों ने सवाल उठाया। इसके बाद भारतीय सेना की तरफ से 15 अक्टूबर की देर रात बयान जारी कर कहा गया कि अग्निवीर अमृतपाल ने आत्महत्या की थी। इस कारण उनको सैन्य सम्मान नहीं दिया गया। सेना के आधिकारिक एक्स हैंडल से यह पोस्ट की गई है।” सेना के आधिकारिक एक्स हैंडल पर 15 अक्टूबर की रात को पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया गया है, “11 अक्टूबर 2023 को अग्निवीर अमृतपाल सिंह की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हुई। अग्निवीर अमृतपाल सिंह की दुर्भाग्यपूर्ण मौत से संबंधित कुछ गलतफहमियां और तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है। 14 अक्टूबर 2023 को व्हाइट नाइट कोर द्वारा दी गई प्रारंभिक जानकारी के अलावा, मामले को स्पष्ट करने के लिए कुछ अन्य जानकारी शेयर की जा रही है। यह परिवार और भारतीय सेना के लिए एक गंभीर क्षति है कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने संतरी ड्यूटी के दौरान खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मेडिको लीगल प्रक्रिया के बाद मौजूदा नियम के अनुसार पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए एक एस्कॉर्ट पार्टी के साथ सेना की व्यवस्था के तहत मूल स्थान पर ले जाया गया। सशस्त्र बल अग्निपथ योजना के कार्यान्वयन से पहले या बाद में शामिल हुए सैनिकों के बीच हकदार लाभ और प्रोटोकॉल के संबंध में अंतर नहीं करते हैं। आत्महत्या/स्वयं को दी चोट के कारण होने वाली मृत्यु की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में भी सशस्त्र बलों द्वारा परिवार के साथ गहरी और स्थायी सहानुभूति के साथ-साथ उचित सम्मान दिया जाता है। हालांकि, 1967 के सैन्य आदेश के अनुसार, ये मामले सैन्य अंत्येष्टि के हकदार नहीं हैं। इस विषय पर बिना किसी भेदभाव के नीति का लगातार पालन किया जा रहा है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2001 के बाद से 100 —140 सैनिकों की औसत वार्षिक क्षति हुई है, जिनमें आत्महत्याएं या स्वयं को लगी चोटों के कारण मौतें हुई हैं। ऐसे मामलों में सैन्य अंत्येष्टि की अनुमति नहीं दी गई। पात्रता के अनुसार, वित्तीय सहायता/राहत के वितरण को उचित प्राथमिकता दी जाती है, जिसमें अंत्येष्टि के संचालन के लिए तत्काल वित्तीय राहत भी शामिल है। क्षति की ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं परिवार और एक बिरादरी के रूप में सुरक्षाबलों पर भारी पड़ती हैं। ऐसे समय में परिवार के सम्मान, गोपनीयता और प्रतिष्ठा को बनाए रखना और दुख की घड़ी में उनके साथ सहानुभूति रखना समाज के लिए महत्वपूर्ण और अनिवार्य है। सशस्त्र बल नीतियों और प्रोटोकॉल के पालन के लिए जाने जाते हैं और पहले की तरह ऐसा करना जारी रखेंगे। भारतीय सेना अपने स्थापित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समाज के सभी वर्गों से समर्थन का अनुरोध करती है। भारतीय सेना इसी तरह का एक मामला पहले भी सामने आया था। 26 मार्च 2022 को जी न्यूज में खबर के मुताबिक, “सिक्किम में तैनात गोरखपुर के हवलदार धनंजय के आत्महत्या करने की कर खबर सामने आई थी। उनके परिजन 25 मार्च को पार्थिव शरीर को गोरखपुर लाए थे। भोपा बाजार में परिजनों ने शव रखकर उनको शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की। वहां लोग उनको सैन्य सम्मान नहीं मिलने से नाराज थे।” इस बारे में हमने रिटायर्ड ब्रिगेडियर एवं लंबे समय तक आर्मी के पीआरओ रहे श्रुतिकांत से बात की। उनका कहना है, “सेना में सुसाइड करने के मामले में सैन्य सम्मान नहीं दिया जाता है।“ इसके बाद हमने अग्निवीर योजना के बारे में जानने के लिए भारतीय सेना द्वारा जारी टर्म्स एंड कंडीशन को पढ़ा। इसमें लिखा है कि उम्मीदवारों को सेना अधिनियम, 1950 के तहत एक सेवा के लिए नामांकित किया जाएगा, जिसकी प्रशिक्षण अवधि सहित चार वर्ष की अवधि होगी। अग्निवीर किसी तरह की पेंशन या ग्रेच्युटी के हकदार नहीं होंगे। भारतीय सेना के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, अग्निवीर सम्मान और अवार्ड के पात्र होंगे। इसके 15वें प्वाइंट में मृत्यु होने पर मुआवजे के बारे में जिक्र है। इसमें लिखा है, अग्निवीर सेना के लिए पेंशन रेगुलेशंस (समय-समय पर संशोधित) में निहित प्रावधानों द्वारा शासित नहीं होंगे। उन्हें मृत्यु के लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा। अग्निवीरों को वित्तीय लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से मृत्यु को वर्गीकृत किया गया है। इन्हें कैटेगरी एक्स, वाई और जेड में बांटा गया है। इस बारे में हमने जम्मू में नॉर्दन कमांड के पीआरओ कर्नल सुनील बर्तवाल से बात की। उनका कहना है, “अग्निवीर सेना की एक योजना है। सभी अग्निवीरों को सेना के अन्य जवानों की तरह समझा जाता है। उनमें कोई भेदभाव नहीं होता है। अमृतपाल सिंह के मामले में कुछ लोग अफवाह उड़ा रहे हैं। उसने सुसाइड किया था। इस बारे में सेना ने एक्स हैंडल से पोस्ट कर सब साफ भी किया है।“ 18 दिसंबर 2013 को राज्यसभा में मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की तरफ से जवाब दिया गया था कि सरकार विभिन्न सुरक्षा बलों के जवानों के बलिदान में भेदभाव नहीं करती है। रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि शहीद या मार्टियर को कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया है और वर्तमान में वे कोई भी ऐसा आदेश जारी नहीं कर रहे हैं। अंत में हमने वायरल दावा करने वाले एक्स यूजर @SatyapalmalikG (आर्काइव लिंक) की पड़ताल की। यह हैंडल बिहार, जेएंडके और गोवा के राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक के नाम से बना है। सत्यपाल मलिक का असली एक्स अकाउंट @SatyapalMalik6 (आर्काइव लिंक) है। इसमें 11 जून को पोस्ट किए गए वीडियो में उनके नाम से बने बाकी अकाउंट्स को फेक बताया गया है। हालांकि, इस अकाउंट से भी @SatyapalmalikG हैंडल से की गई वायरल पोस्ट को शेयर किया गया है। भारतीय सेना से जुड़ी अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। निष्कर्ष: सेना की जांच में पता चला है कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह ने आत्महत्या की है, जिस कारण उन्हें सैन्य सम्मान नहीं दिया गया। सेना की तरफ से इस बारे में एक्स हैंडल से पोस्ट कर सफाई भी दी गई है। सेना के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट को अफवाह बताया है। - Claim Review : केंद्र सरकार अग्निवीरों को शहीद का दर्जा नहीं दे रही है, जिस कारण अमृतपाल सिंह को सैन्य सम्मान नहीं दिया गया। - Claimed By : X User- Satyapal Malik - Fact Check : भ्रामक पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
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