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Coronavirus
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अब कम होता नज़र आ रहा है। बीते 24 घंटे में भारत में 2 लाख से भी कम मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही राहत भरी खबर यह है कि अब मौत के आंकड़ों में भी भारी गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में शेयर चैट पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में बिस्तर पर भगवान की मूर्तियों को लेटे हुए देखा जा सकता है। वहीं, कुछ पुजारी बिस्तर पर लेटी मूर्तियों की देख-रेख भी कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि ‘भगवान को कोरोना हो गया है। मुर्खता की कोई हद नहीं होती, पत्थर की मूर्तियों को भी क्वारंटाइन होना पड़ रहा है, इंसानों द्वारा इलाज भी हो रहा है। आप अपना ख्याल रखें… भगवान के भरोसे नहीं रहें, क्योंकि भगवान खुद इंसानों के भरोसे अस्पताल में पड़े हैं। ये है हमारा भारत और उसका बेड़ा गर्क करने वाले पुजारी।’
मूर्तियों के क्वारंटाइन वाली तस्वीर को फेसबुक और ट्विटर पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
Crowd Tangle टूल पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि वायरल दावे को सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है।
वायरल दावे के आर्काइव वर्ज़न को यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर (9999499044) पर भी दावे की सत्यता जानने की अपील की गई थी।
मूर्तियों के क्वारंटाइन होने वाली तस्वीर की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल शुरू की। Google Reverse Image Search की मदद से खंगालने पर हमें एक Instagram पोस्ट मिली। नीचे देखा जा सकता है कि Valmiki_Das नामक यूज़र द्वारा 31 जुलाई 2019 को वायरल तस्वीर शेयर की गई थी।
https://www.instagram.com/p/B0lZrdBIF0v/?utm_source=ig_embed&ig_rid=2e046f0d-619e-426b-beb5-683a90b167b3
अधिक खोजने पर हमें Вальмики дас (बाल्मीकि दास) नामक YouTube चैनल पर 24 जुलाई 2019 और 26 जुलाई 2019 को अपलोड की गई दो वीडियोज मिली। दोनों ही वीडियोज का टाइटल रशियन भाषा में लिखा हुआ था, ‘Инсталляция Шри Шри Панча-таттвы.’ इसको इंग्लिश और हिंदी में ट्रांसलेट करने पर इसका मतलब कुछ यह निकला, ‘Darshan of Sri Pancha-Tattva on Vacation‘. (दर्शन ऑफ श्री पंच तंत्व ऑन वेकेशन)।
अन्य वीडियोज के शीर्षक (Title) का ट्रांसलेशन Installation of Sri Sri Pancha-Tattva (श्री श्री पंच तंत्व की स्थापना) था। इस वीडियो में 8 मिनट 13 सेकेंड पर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर को देखा जा सकता है। वीडियो के विवरण के अनुसार यह दृश्य उस दिन का है, जब देवता स्थापित किए गए थे। यह रूस में स्थित ओम्सक (OMSK) नामक शहर में हुआ था।
अधिक जानकारी के लिए हमने ISKON की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। यहां पर दी गई जानकारी के मुताबिक, देवताओं के स्थापना समारोह में यह प्रक्रिया की जाती है। जिसके अंतिम चरण में देवताओं को अनाज के बने बिस्तरों पर सोने के लिए ले जाया जाता है।
पड़ताल के दौरान हमें इस समारोह की कुछ तस्वीरें मिली, जहां सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर को भी देखा जा सकता है। यह समारोह रूस के एक शहर में आयोजित किया गया था।
नीचे देखा जा सकता है कि वाल्मीकि दास के फेसबुक पेज पर भी वायरल तस्वीर को 10 अगस्त 2019 को अपलोड किया गया था।
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि रूस की दो साल पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। पड़ताल में हमने पाया कि यह तस्वीर अगस्त 2019 में रूस में हुए एक समारोह की है। इस तस्वीर का कोरोना वायरस महामारी से कोई लेना-देना नहीं है।
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