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| - Last Updated on सितम्बर 12, 2023 by Neelam Singh
सारांश
फेसबुक पर जारी एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि आयुर्वेदिक दवा की मदद से शरीर के गांठ यानी की लिपोमा (lipoma) को 3-4 हफ्तों में ठीक किया जा सकता है। जब हमने इस वीडियो का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा ज्यादातर गलत है।
दावा
फेसबुक पर जारी एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि आयुर्वेदिक दवा की मदद से शरीर के गांठ यानी की लिपोमा (lipoma) को 3-4 हफ्तों में ठीक किया जा सकता है।
तथ्य जाँच
लाईपोमा क्या है?
लाईपोमा वसायुक्त ऊतक होता है। यह कैंसर रहित होता है, जिसकी वृद्धि त्वचा के ठीक नीचे होती है। हालांकि ऐसी कोई स्थिति नहीं है, जब लाईपोमा कैंसरग्रस्त हो जाए। यह एक सामान्य स्थिति है, जो आमतौर पर त्वचा के नीचे एक नरम, हिलने-डुलने वाली गांठ के रूप में दिखाई देती है। लाईपोमा शरीर पर कहीं भी हो सकता है लेकिन यह आमतौर पर गर्दन, कंधे, पीठ, बांह और जांघों पर पाया जाता है।
देखा जाए, तो लाईपोमा का सटीक कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है कि आखिर ये होते क्यों हैं लेकिन माना जाता है कि लाईपोमा वसा कोशिकाओं की अत्यधिक वृद्धि के कारण ही विकसित होते हैं। इसका एक कारण आनुवंशिक प्रवृत्ति भी हो सकता है। लाईपोमा आमतौर पर दर्द या परेशानी का कारण नहीं बनते हैं। हालांकि कभी-कभी वे इतने बड़े हो सकते हैं कि रोजमर्रा के कामों में बाधा डाल सकते हैं या शारीरिक सुंदरता में बाधा उतपन्न कर सकते हैं।
ज्यादातर मामलों में लाईपोमा को उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि यदि लाईपोमा असुविधा पैदा कर रहा है या चलने-फिरने में बाधा डाल रहा है, तो इसे दवाओं या सर्जरी की मदद से हटाया जा सकता है। दुर्लभ मामलों में लाईपोमा अधिक गंभीर अंतर्निहित स्थिति का संकेत हो सकता है। ऐसे में अन्य संभावित कारणों का पता लगाने के लिए अतिरिक्त परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है।
क्या कोई आयुर्वेदिक दवा लिपोमा को 3-4 हफ्तों में ठीक कर सकती है?
नहीं। हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं क्योंकि हमें इसकी प्रभावशीलता का समर्थन करने के लिए कोई भी विश्वसनीय वैज्ञानिक अध्ययन या चिकित्सा प्रमाण नहीं मिला है।
साथ ही यहाँ यह उल्लेख आवश्यक है कि यह तथ्य जांच साउथ मून: लिपोमा रिमूवल क्रीम की प्रभावशीलता की नहीं है। हमने केवल उत्पाद विशेषकर उनकी सामग्री से संबंधित मार्केटिंग दावों की तथ्य-जाँच की है। जैसा कि वीडियो में कहा गया है कि इस आयुर्वेदिक दवा की मदद से केवल 3-4 हफ्तों में लाईपोमा को ठीक किया जा सकता है।
आमतौर पर लाईपोमा अपने आप ठीक नहीं होते हैं। हालांकि कुछ मामलों में लिपोमा समय के साथ बढ़ना बंद कर सकते हैं या सिकुड़ भी सकते हैं। देखा जाए, तो छोटे लिपोमा आमतौर पर लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं।
इस दावे के संबंध में डॉ. वसीम बशीर पठान (एमडीएस, फेशियल प्लास्टिक सर्जन) (वर्तमान में महाराष्ट्र में ला डेंसिटे हेयर, स्किन और लेजर क्लिनिक में अभ्यासरत) ट्राइको सर्जरी में विशेषज्ञ बताते हैं, “लाईपोमा को आमतौर पर उपचार की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन तब तक जब वे रोजमर्रा के कामों में असुविधा उतपन्न ना कर रहे हो या किसी तरह से आपको परेशान कर रहे हो। हालांकि जब लाईपोमा को संबोधित करने की बात आती है, तो सर्जिकल उपायों को अक्सर सबसे प्रभावी उपचार विकल्प माना जाता है। अन्य उपचार लाईपोमा को दोबारा होने से रोकने में उतने सफल नहीं हो सकते हैं इसलिए आमतौर पर लाईपोमा को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाने की सिफारिश की जाती है।”
अतः उपरोक्त दावों एवं चिकित्सक के बयान के आधार पर कहा जा सकता है कि यह दावा ज्यादातर गलत है। विदित रहे कि हमने किसी आयुर्वेदिक उत्पाद का नहीं बल्कि मार्केटिंग करने के लिए किये गए दावों का तथ्य जाँच किया है और इस क्रम में लाईपोमा से जुड़ी सही और सटीक जानकारी को पाठकों तक पहुंचाने का काम किया है।
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