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| - सोशल मीडिया पर एक लड़की का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो अपने घर और सपनों के टूटने के बार में बात करती दिख रही है.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वीडियो रोती दिख रही लड़की मुस्लिम समुदाय से है और हरियाणा (Haryana) के नूंह (Nuh) की है, जहां 5 अगस्त को कार्रवाई करते हुए करीब 300 घर और दुकानें गिरवा दी गई हैं.
सच क्या है?: वीडियो का नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा और उसके बाद घर ढहाए जाने से कोई संबंध नहीं है.
ये घटना 16 जून 2023 की है. तब दिल्ली अर्बन स्लम इंप्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) ने दिल्ली के वसंत कुंज के पास प्रियंका गांधी कैंप में बनी झुग्गियों को गिराया था.
करीब एक दशक से भी ज्यादा पुराने इस कैंप में 500 से ज्यादा लोग रहते थे.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने पाया कि इसमें दिख रहे माइक में मीडिया ऑर्गनाइजेशन The Lallantop का लोगो दिख रहा है.
यहां से क्लू लेकर, जरूरी कीवर्ड की मदद से हमने इस इंटरव्यू का वीडियो यूट्यूब पर खोजा.
इससे हमें Lallantop के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर 19 जून 2023 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. यानी ये वीडियो नूंह में की गई बुलडोजर कार्रवाई से करीब 2 महीने पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद था.
वायरल वीडियो वाला हिस्सा इस वीडियो के 2 मिनट 12वें सेकेंड से देखा जा सकता है.
डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, इंटरव्यू में वसंत कुंज के पास बने प्रियंका गांधी कैंप (जिसे अब गिराया जा चुका है) के निवासियों को दिखाया गया है.
इसमें बताया गया है कि कैंप में करीब एक दशक तक 500 से ज्यादा लोग झुग्गियों में रह रहे थे. इन्हें 16 जून को DUSIB ने बुलडोजर चलाकर गिरा दिया.
यहां रहने वाले लोगों ने लल्लनटॉप को बताया कि उन्हें अपना सामान इकट्ठा करने की भी अनुमति नहीं दी गई और जब उन्होंने पुलिस से इस बारे में अपनी चिंता बताई तो उनके साथ ''अपमानजनक भाषा'' का इस्तेमाल किया गया.
The Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट ने अप्रैल में स्टे देने से मना कर दिया था. इसके दो हफ्ते बाद ही, सुबह 6 बजे से ये कार्रवाई की गई.
इसमें ये भी बताया गया है कि यहां रहने वाले कई निवासियों और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) और ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ट्रेड यूनियंस (AICCTU) के कई मेंमर ने बुलडोजर चलाए जाने से जुड़ी इस कार्रवाई का विरोध किया था. साथ ही, कैंप में रहने वालों के लिए उचित पुनर्वास की मांग भी की थी.
निष्कर्ष: साफ है कि दिल्ली का पुराना वीडियो हरियाणा में हुई बुलडोजर कार्रवाई से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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