इन दिनों सोशल मंचों पर एक तस्वीर काफी तेज़ी से वायरल हो रही है, उस तस्वीर में आप कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा हुआ एक बधाई पत्र देख सकते है। उस पत्र में लिखा है,
“मैं इस पत्र की शुरुवात आपको और आपकी टीम द्वारा हिंदू राष्ट्र के निर्माण में किये गये बहुमूल्य योगदान के लिये बधाई देने से शुरू करता हूं | अयोध्या में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए आपके प्रस्ताव को मेरे द्वारा अनुमोदित किया गया है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा जिला प्रशासन को लगभग 1000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये है।
देश में भगवाकरण करने के माईल स्टोन को पूरा करने के लिए आपकी ईमानदार और स्थिर कड़ी मेहनत के लिए हिंदू हमेशा आपके और आपकी टीम के आभारी रहेंगे, यह हिंदू राष्ट्र के लिए नया इतिहास रचने वाला है | मैं आपको और आपकी टीम को आपके भविष्य में होने वाले चुनाव २०२२ के लिए शुभकामनाएं देता हूं और एक बार फिर आपको इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं | इस महत्वपूर्ण समय में अद्भुत समर्थन के लिए धन्यवाद और प्रधान मंत्री कार्यालय से, मैं राम मंदिर के निर्माण के लिए ५० करोड़ रुपये भेज रहा हूं |”
वायरल हो रहे पोस्ट के शीर्षक में लिखा है, “मोदी सरकार का छुपा हुआ सच उजागर हो गया है, भाजपा देश को हिंदू राष्ट्र बनाने में जुटी है।“
इस पत्र में आप 5 मार्च 2021 की तारीख व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर भी देख सकते है।
इस पत्र को पहले भी अलग दावे के साथ वायरल किया गया था। फैक्ट क्रेसेंडो ने पहले भी इसका अनुसंधान कर इसकी सत्यता अपने पाठकों तक पहुंचाई थी ।
अनुसंधान से पता चलता है कि…
फैक्ट क्रेसेंडो ने जाँच के दौरान पाया कि वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहा पत्र फर्ज़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ऐसा कोई पत्र नहीं भेजा है।
जाँच की शुरुवात में हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च करने से की व वायरल हो रहे इस पत्र को खोजने की कोशिश की परंतु हमें यह पत्र किसी समाचार लेख में प्रकाशित किया हुआ नहीं मिला। इसके पश्चात हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च कर प्रधानमंत्री द्वारा जारी किये हुए अन्य दूसरे पत्र का शोध किया तो हमें डी.एन.ए द्वारा प्रकाशित किया हुआ एक पत्र मिला। उस पत्र को देखते हुए हमने वायरल हो रहे पत्र व उसमें फर्क व समानता देखने की कोशिश की।
- सबसे पहले हमने यह देखा कि डी.एन.ए द्वारा प्रकाशित किये गये पत्र में ऊपर दायी ओर पर लिखी तारीख में पहले तारीख लिखी हुई है और फिर महीने का नाम और फिर वर्ष (27th November 2019)। परंतु वायरल हो रही तस्वीर में पहले महीने का नाम लिखा है उसके बाद तारीख और फिर वर्ष (March 05, 2021) ।
- उसके बाद डी.एन.ए द्वारा प्रकाशित किये गये पत्र में बायी ओर डियर के बाद जिसको पत्र लिख रहे हैं उसका सिर्फ पहला नाम लिखा हुआ है। वायरल हो रहे पत्र में योगी आदित्यनाथ के पूरे नाम के साथ उनका पद भी लिखा हुआ है।
- डी.एन.ए द्वारा प्रकाशित किये गये पत्र में नीचे की तरह बायी ओर जिसे पत्र लिखा जा रहा है उसका पूरा नाम, उसका पद व पता लिखा हुआ है। परंतु वायरल हो रहे पत्र में यह जगह खाली है।
आप उपरोक्त दिये गये अंतर को नीचे दिये गये तुलनात्मक विश्लेषण में देख सकते है।
जाँच के दौरान हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी किये गये और भी पत्र देखने को मिले।
और अधिक जाँच करने पर हमें यू.पी फैक्ट चेक द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला जिसमें उन्होंने वायरल हो रहे पत्र को फेक बताया है। यह ट्वीट को इस वर्ष 7 मार्च को किया गया था व इसके शीर्षक में लिखा है,
“माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास के लिए लिखित एक कथित पत्र जो सोशल मीडिया पर चक्कर लगा रहा है। यह पत्र फ़ेक है!”
वायरल हो रहे पत्र में अयोध्या के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की अनुमति की बात लिखी है, और इस पत्र पर 5 मार्च 2021 की तारीख अंकित है परंतु ज्ञात रहे कि केंद्रीय सरकार ने हवाई अड्डे की अनुमति इस वर्ष 26 फरवरी को दी थी।
निष्कर्ष: तथ्यों की जाँच के पश्चात हमने पाया कि उपरोक्त दावा गलत है| वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहा पत्र फर्ज़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ऐसा कोई पत्र नहीं भेजा है।
Title:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा योगी आदित्यनाथ को हिन्दू राष्ट्र के संदर्भित लिखा गया बधाई पत्र फर्जी है ।Fact Check By: Rashi Jain
Result: False
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