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Fact Check
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर कर यह दावा किया गया कि यह पीएफआई द्वारा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए बनाई गई मुस्लिम आर्मी की तस्वीर है.
विभिन्न धर्मों से जुड़े कट्टरपंथी संगठनों को लेकर सोशल मीडिया पर आये दिन तमाम तरह की तस्वीरें और वीडियो शेयर किये जाते हैं. सोशल मीडिया यूजर्स की इन चर्चाओं में अक्सर पीएफआई का भी नाम सामने आता है. गौरतलब है कि पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) की स्थापना 2006 में हुई थी. पीएफआई तीन मुस्लिम संगठनों के विलय के बाद बना एक ऐसा संगठन है, जिसे कथित तौर पर अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद अल्पंसख्यक हितों की आवाज उठाने के लिए बनाया गया था. सोशल मीडिया पर आये दिन पीएफआई से संबंधित अनेक दावे वायरल होते रहते हैं.
इसी क्रम में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की गई, जिसमें कुछ युवाओं को सेना के जवानों की तरह कतारबद्ध देखा जा सकता है. वायरल तस्वीर को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि यह पीएफआई द्वारा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए बनाई गई मुस्लिम आर्मी की तस्वीर है. तस्वीर पर लिखा गया टेक्स्ट संदेश इस प्रकार है, “भारत के खिलाफ लड़ने के लिए केरल में PFI द्वारा निर्मित मुस्लिम सेना.” हमारे कई पाठकों ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमारे आधिकारिक WhatsApp नंबर पर अनुरोध भेजा था.
पीएफआई द्वारा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए बनाई गई मुस्लिम आर्मी के नाम पर वायरल यह दावा फेसबुक पर भी ख़ासा शेयर किया जा रहा है.
पीएफआई द्वारा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए बनाई गई मुस्लिम आर्मी के नाम पर शेयर किये जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए, हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल पर ढूंढा. लेकिन इस प्रक्रिया में हमें कोई ठोस जानकारी प्राप्त नहीं हुई. इसके बाद हमने वायरल तस्वीर पर लिखे हिंदी टेक्स्ट को क्रॉप कर वायरल तस्वीर के बचे हिस्से को लेकर एक बार फिर गूगल सर्च किया. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि वायरल तस्वीर पिछले कई सालों से इंटरनेट पर मौजूद है.
इसके बाद हमने अपने मलयालम फैक्ट चेकिंग टीम की सहायता से कुछ मलयालम कीवर्ड्स के साथ वायरल तस्वीर को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमे Muslim Youth League नामक एक फेसबुक पेज द्वारा 15 अक्टूबर, 2012 को शेयर किया गया एक फेसबुक पोस्ट प्राप्त हुआ, जिसमें वायरल तस्वीर मौजूद है.
इसके बाद उपरोक्त तस्वीर को कुछ अन्य कीवर्ड्स के साथ सर्च करने पर, हमें Muslim Youth League नामक फेसबुक पेज पर साल 2012 में ही शेयर किये गए कुछ अन्य पोस्ट प्राप्त हुए. बता दें कि इन पोस्ट्स में वायरल तस्वीर से मिलती जुलती अन्य तस्वीरें भी शेयर की गई हैं.
इसके बाद हमने वायरल तस्वीर का उपरोक्त तस्वीरों के साथ एक तुलनात्मक विश्लेषण किया. जहां हमें यह जानकारी मिली कि वायरल तस्वीर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की इकाई मुस्लिम युथ लीग के वालंटियर्स की है, जिसे पीएफआई द्वारा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए बनाई गई मुस्लिम आर्मी के नाम पर शेयर किया जा रहा है.
इसके बाद हमने पीएफआई के केरल इकाई के सचिव एस निसार से बात की. वायरल तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर निसार ने हमें बताया, “तस्वीर में दिख रहे लोग पीएफआई के सदस्य नहीं हैं.” निसार ने आगे यह भी बताया कि “हर साल पीएफआई के स्थापना दिवस के अवसर पर संस्था द्वारा 17 मार्च को एक यूनिटी मार्च निकाला जाता है. साल 2020 में भी लगभग 20 केन्द्रो पर यूनिटी मार्च निकाले गए थे. हर साल यूनिटी मार्च के दौरान हम अपनी यूनिफार्म पहनते हैं, लेकिन वायरल तस्वीर में दिख रही यूनिफार्म पीएफआई से संबंधित नहीं है.”
बता दें कि हमारी टीम द्वारा पूर्व में वायरल दावे का फैक्ट चेक, मलयालम भाषा में किया जा चुका है. जिसे यहां पढ़ा जा सकता है.
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि पीएफआई द्वारा भारत के खिलाफ लड़ने के लिए बनाई गई मुस्लिम आर्मी के नाम पर वायरल यह तस्वीर, असल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की इकाई, मुस्लिम युथ लीग के वालंटियर्स की है.
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