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  • सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है जिसमें कई लोग (जिनमें से कुछ लोगों ने सिर पर टोपी पहनी है) एक इमारत को तोड़ रहे हैं. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में मुस्लिमों ने एक हिंदू मंदिर को तोड़ दिया. ये आरोप और वीडियो उस वक्त सामने आया है जब देश में पहले से अल्पसंख्यक समुदाय (जिनमें हिंदू भी शामिल हैं) पर सांप्रदायिक हमलों की कई घटनाएं हुई हैं. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के रूप में शुरू हुआ ये विवाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद भी शांत नहीं हुआ है. ये वीडियो X यूज़र तथवम-असी (@ssaratht) ने पोस्ट किया है (जिसका एक वेरिफ़ाईड अकाउंट है) जिसमें दावा किया गया है कि “इज़लामवादी (इस्लामवादी) हिंदू घरों, हिंदू मंदिरों और हिंदू प्रतिष्ठानों पर हमला कर रहे हैं और उन्हें तोड़ रहे हैं.” इस आर्टिकल के लिखे जाने तक, इस पोस्ट को 25 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है, साथ ही इसे 1 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया गया है. (आर्काइव) Dire situation of Hindus in Bangladesh. Izlamists are attacking and vandalising Hindu houses, Hindu Temples and Hindu establishments Hindus in India should watch this without fail. pic.twitter.com/kKX21MaBpn — Tathvam-asi (@ssaratht) December 2, 2024 ज़ल्द ही, ‘Kreately’ (@KreatelyMedia) जैसे अन्य मीडिया हाउस ने ये वीडियो पोस्ट किया. Kreately की पोस्ट में ये भी जोड़ा गया कि जब हिंदू “मेड इन बांग्लादेश” सामान के लिए लाइन में खड़े हैं, तो “सुन्नी बांग्लादेशी” पवित्र हिंदू मंदिरों को तोड़ रहे हैं. (आर्काइव) हालांकि बाद में इस पोस्ट को हटा दिया गया. ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी कई बार इस X अकाउंट द्वारा किए गए झूठे दावों (यहां, यहां और यहां देखें) का फ़ैक्ट-चेक किया है. और इसकी वेबसाइट पर शेयर की गई ग़लत सूचनाओं की व्यापक रूप से जांच की है. एक और X यूज़र (@ajaychauhan41) ने वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि “बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार पर पूरी दुनिया चुप है.” (आर्काइव) देखिए बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों में किस तरह हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की जा रही है और हिंदू श्रद्धालुओं को पीटा जा रहा है। लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार पर पूरी दुनिया चुप है। pic.twitter.com/QZuB6igCAS — हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) December 2, 2024 गौरतलब है कि ऑल्ट न्यूज़ ने कई मामलों में इस अकाउंट द्वारा किए गए झूठे दावों का फ़ैक्ट-चेक किया है. (जैसे लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3) एक वेरिफ़ाइड X यूज़र जितेंद्र प्रताप सिंह (@jpsin1) (जिन्हें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी X पर फ़ॉलो करते हैं) ने वायरल वीडियो का थोड़ा लंबा वर्जन पोस्ट किया. जितेंद्र प्रताप सिंह ने भी इसे बांग्लादेश में “हिंदुओं का नरसंहार” बताया. इस पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर पहले ही काफी अटेंशन मिला है. (आर्काइव) देखिए कल बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों में किस तरह से हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई और हिंदू भक्तों को मारा पीटा गया लेकिन पूरी दुनिया बांग्लादेश में हिंदुओं के कत्लेआम पर खामोश है#SaveBangladeshiHindus #YunusTheButcher pic.twitter.com/eTCLhAC0NB — 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) December 2, 2024 (इस अकाउंट द्वारा शेयर की गई ग़लत सूचना की पड़ताल करने वाली हमारी पिछली स्टोरीज यहां और यहां पढ़ें.) इस बीच, X अकाउंट @RealBababanaras (जिसका सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे पोस्ट करने का इतिहास रहा है) ने आरोप लगाया कि वीडियो असल में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ का था. (आर्काइव) See how Hindu temples were vandalized and Hindu devotees were beaten up in different cities of Bangladesh yesterday. But the whole world is silent on the massacre of Hindus in Bangladesh.#SaveBangladeshiHindus#YunusTheButcher pic.twitter.com/u4KZYxPTCz — Baba Banaras™ (@RealBababanaras) December 2, 2024 X पर कई यूज़र्स ने इसी दावे के साथ इस वायरल वीडियो को शेयर किया. (आर्काइव – लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक 4) This slideshow requires JavaScript. फ़ैक्ट-चेक ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो के फ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें एक फ़ेसबुक पोस्ट मिली जिसमें यही वायरल वीडियो दिखाया गया था जिसमें दावा किया गया था कि बांग्लादेश में मुसलमानों के एक बड़े ग्रुप ने एक हिंदू मंदिर को तोड़ दिया है. हालांकि, इस वीडियो पर आए एक कमेंट ने हमारा ध्यान खींचा. इसमें कहा गया था कि वीडियो असल में एक इस्लामी पीर की दरगाह को तोड़े जाने का था. इसे ध्यान में रखते हुए, हमने गूगल पर की-वर्ड्स सर्च किया और हमें बांग्लादेश के समाचार प्रकाशन द डेली स्टार में 14 सितंबर को छपी एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में अली ख्वाजा उर्फ अली पगोल की दरगाह के बारे में बताया गया है जिसे 29 अगस्त को भीड़ ने तोड़ दिया था. ऐसा कथित तौर पर आस-पास के इलाके में नशीली दवाओं के ग़लत इस्तेमाल के कारण हुआ था. रिपोर्ट में एक श्रद्धालु का भी हवाला दिया गया है जिसने दावा किया है कि भीड़ को कट्टरपंथी ग्रुप का समर्थन मिला था. हमने बंगाली में की-वर्ड्स सर्च किया, ये वेरिफ़ाई करने के लिए कि क्या डेली स्टार की रिपोर्ट में वही जगह है जो हिंदू मंदिर पर हमले के दावे के साथ वायरल है. इससे हमें इस साल 29 अगस्त को अपलोड किया गया एक फ़ेसबुक वीडियो मिला. इसमें वायरल वीडियो की तरह ही एक ढांचे को तोड़ा जा रहा है. साथ में दिए गए कैप्शन में मज़ार या दरगाह का स्थान वार्ड नंबर 9, साउथ कुमारिया, मंसूर नगर, काजीपुर, सिराजगंज बताया गया है. कुल मिलाकर, वायरल वीडियो में जिस जगह को तोड़ा जा रहा है, वो असल में बांग्लादेश के काजीपुर में एक मुस्लिम पीर की दरगाह है न कि हिंदू मंदिर. यानी, ये दावा झूठा है कि वीडियो में बांग्लादेश में मुसलमान एक हिंदू मंदिर को तोड़ रहे हैं. सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें. बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
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