सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस को कुछ लोगों पर लाठीचार्ज करते हुए देखा जा सकता है. इस भीड़ में महिलाएं और महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.
दावा: पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वडियो मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले की है और बिजनेसमैन गौतम अडाणी की कंपनी की वजह से किसनों पर यह लाठीचार्ज किया जा रहा है.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सही नहीं है.
यह वीडियो मध्यप्रदेश के सिंगरौली का नहीं है बल्कि राजस्थान के नागौर का है.
किसानों का यह प्रदर्शन अदानी के खिलाफ नहीं था बल्कि JSW सीमेंट कंपनी के जमीन अधिग्रहण के खिलाफ था.
किसानों और प्रशासन के बीच आपसी सहमति बन चुकी है.
वायरल वीडियो जनवरी 2025 का है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने वायरल वीडियो पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया.
हमारी सर्च में हमें यही वीडियो राजस्थान की सीकर सीट से लोकसभा सांसद अमरा राम के फेसबुक अकाउंट पर मिला.
वीडियो के डिटेल में इसे नागौर के सरासनी गांव का बताया गया था.
इसमें आगे लिखा था कि, "145 दिन से किसान JSW कम्पनी से अपनी जमीन को बचाने के लिए धरने पर बेठे थे जिला प्रशासन ने आज कम्पनी से मील कर निहत्थे किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज कराया. जिसमें कई महिला व पुरुष किसान घायल हुए है."
यही वीडियो राजस्थान के एक और लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल के आधिकारिक X अकाउंट से 08 जनवरी 2025 को अपलोड किया गया था.
पोस्ट में भी इस वीडियो को राजस्थान के नागौर क्षेत्र का बताया गया था.
हमने लोकसभा सांसद अमरा राम से भी संपर्क किया. उन्होंने क्विंट को बताया,
यह वीडियो मध्यप्रदेश का नहीं बल्कि राजस्थान के नागौर जिले का है. किसान तकरीबन 40-45 दिनों से धरना दे रहे थे. उनकी मांग थी कि JSW सीमेंट कंपनी सरकार से बात कर 2013 भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन कानून के तहत उन्हें मुआवजा दे. बाद में किसानों और प्रशासन की आपस में सहमति हो गई थी.लोकसभा सांसद अमरा राम
न्यूज रिपोर्ट: हमने इस घटना से जुड़ी खबरें ढूंढने के लिए इससे जुड़े कीवर्ड्स इंटरनेट पर सर्च किए. हमें Rajasthan Patrika की यह रिपोर्ट मिली जिसमें इस घटना को राजस्थान के नागौर का बताया गया था. इसके साथ ही News 18 ने भी इस वीडियो और इस घटना को राजस्थान के नागौर का बताया था.
निष्कर्ष: राजस्थान के नागौर के वीडियो को मध्यप्रदेश के सिंगरौली में हुई घटना का बताकर अडाणी ग्रुप का नाम जोड़कर भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
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