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| - कसोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें कुछ लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस करते दिख रहे हैं. इसमें एक शख्स बीजेपी सरकार में लाए गए उस इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) की आलोचना की जा रही है, जिसे हाल में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है.
दावा : वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में वोटिंग के लिए EVM के उपयोग को बैन कर दिया है.
वीडियो में क्या कहा जा रहा है ? : वीडियो में दिख रहे शख्स कहते हैं '' असंवैधानिक क्या होता है ? संविधान को तोड़कर संविधान का उल्लंघन करके, गैर संवैधानिक तरीके से. ये जो मुनवादी लोग हैं और बीजीपी-RSS के लोग हैं. इन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड का एक क्राइम किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने क्राइम डिकलेयर किया है. संविधान के उल्लंघन में डिकलेयर किया है. जो बाकी कानून होते हैं IPC वगैरह, ये पार्लियामेंट पास करती है. जिस संविधान को हमारे देश की जनता ने पास किया है, उस संविधान की खिलाफत करना सबसे बड़ा अपराध होता है.''
क्या ये सच है ? : नही, वायरल वीडियो में जो लोग दिख रहे हैं, वो EVM के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में शामिल वकील और एक्टिविस्ट हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों में EVM के उपयोग पर कोई बैन नहीं लगाया है. ये सच है कि 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना पर रोक लगाने का आदेश दिया, लेकिन EVM बैन का दावा सच नहीं है.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : वायरल वीडियो में हमें Voice of India का लोगो दिखा. यहां से अंदाजा लेकर हमने यूट्यूब चैनल Voice News Network पर इस वीडियो का लंबा वर्जन सर्च किया.
चैनल पर 15 फरवरी 2024 को अपलोड किया गया वीडियो मिला, जो कि वायरल हो रहे वीडियो का लंबा वर्जन था.
इस पूरे वीडियो में ये बात कहीं नहीं कही गई है कि सुप्रीम कोर्ट ने EVM पर रोक लगा दी. वीडियो में दिख रहे शख्स सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बारे में बता रहे हैं, जिसमें इलेक्टोरल बॉन्ड योजना पर रोक लगाई गई.
इस चैनल पर ऐसे और भी कई वीडियो हैं, जिनमें EVM पर रोक लगाने की मांग उठाई गई है. वीडियो में दिख रहे शख्स सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा हैं, जो कई अक्सर वोटिंग में EVM के इस्तेमाल पर आपत्ति जताते आए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने EVM के इस्तेमाल पर कुछ कहा ? : ऐसी कोई रिपोर्ट हमें नहीं मिली, जिसमें बताया गया हो कि सुप्रीम कोर्ट ने EVM के इस्तेमाल पर रोक लगाने जैसा कुछ कहा.
अक्टूबर 2023 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने EVM की स्क्रूटनी में अनियमितता और जल्दबाजी का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. कोर्ट ने इस याचिका को भी सुनने से इनकार कर दिया था.
सितंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें मांग की गई थी कि EVM के सोर्स कोड का एक स्वतंत्र ऑडिट किया जाए सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को सुनने से इनकार कर दिया था.
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में EVM की बजाए बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग करते हुए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया था.
इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला : सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया और कहा कि यह योजना सूचना के अधिकार (RTI) का उल्लंघन करती है.
निष्कर्ष : मतलब साफ है, ना तो सुप्रीम कोर्ट ने वोटिंग में EVM के इस्तेमाल पर बैन लगाया. दावे के साथ जो वीडियो शेयर किया जा रहा है उसमें EVM के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में शामिल एक्टिविस्ट बोलते दिख रहे हैं.
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