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| - Last Updated on मार्च 29, 2024 by Neelam Singh
सारांश
फेसबुक पर जारी एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा राशन कार्ड के तहत 2500 रुपये मासिक तौर पर मिलेंगे। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा बिल्कुल गलत है।
दावा
फेसबुक पर जारी एक वीडियो के जरिए दावा किया जा रहा है कि राशन कार्ड के तहत 2500 रुपये मासिक तौर पर मिलेंगे। AI Story Creator नाम के अकाउंट पर पोस्ट किये गए इस वीडियो में crypto pur नामक वेबसाइट पर जाकर राशन कार्ड पर क्लिक करने और वहां से ऑनलाइन आवेदन करने की बात की गई है।
तथ्य जाँच
राशन कार्ड क्या है?
राशन कार्ड भारत सरकार की तरफ से जारी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसके माध्यम से सरकार लोगों को उचित दाम में राशन उपलब्ध कराती है। इसकी शुरुआत सन् 1940 में हुई थी। राशन कार्ड को राज्य सरकार की तरफ से जारी किया जाता है और इसका इस्तेमाल पहचानपत्र के रूप में भी किया जाता है।
बंगाल में अकाल के समय यानी सन् 1940 के दौरान भारत में राशन कार्ड की शुरुआत की गई थी। इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 14 जनवरी 1945 से इसे योजना का रूप दिया गया। साल 1960 के दशक के समय कई लोग भोजन की कमी से जूझने लगे थे, जिसके बाद राशन प्रणाली को सरकार ने दोबारा शुरू किया था।
क्या राशन कार्ड है, तो हर महीने 2500 रुपये मिलेंगे?
नहीं। देखा जाए, तो हर महीने 2500 रुपये देने की योजना तमिलनाडु सरकार की ओर से जारी की गई थी। आपको बता दें कि तमिलनाडु सरकार पोंगल पर यानी जनवरी महीने में राज्य के सभी राशनकार्ड धारकों के खाते में नकद राशि ट्रांसफर करती है। पोंगल त्योहार 14 जनवरी को पड़ता है और पिछले 2 सालों में कार्डधारकों के खाते में 5000 रुपये की राशि ट्रांसफर की गई है।
साल 2020 में राज्य सरकार ने कार्डधारकों के खाते में 2500 रुपये की नकद राशि ट्रांसफर की थी। वहीं साल 2019 में राज्य के जरूरतमंदों को 1000 रुपये की राशि, 2020 में 2500 रुपये और 2021 में 2500 रुपये की राशि ट्रांसफर की गई थी। बता दें इस पहल को पहली बार जनवरी 2014 में शुरू किया गया था। इस पहल को केंद्र सरकार ने नहीं किया है बल्कि यह तमिलनाडु सरकार की योजना है।
क्या फेसबुक पर जारी वीडियो भ्रामक है?
हाँ। सबसे पहले, वीडियो में जिस वेबसाइट की बात की गई है, वो स्वयं में ही भ्रामक है। यह कोई आधिकारिक वेबसाइट नहीं है, जहां से सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा सके। देखा जाए, तो वीडियो में केवल अकाउंट नंबर देने की बात की गई है कि केवल खाता संख्या डालने मात्र से ही 2500 रुपयों की आर्थिक सहायता मिलनी शुरु हो जाएगी। वास्तविक रूप में ऐसा नहीं है क्योंकि किसी भी वेबसाइट में बिना अकाउंट होल्डर का नाम, IFSC कोड, बैंक के ब्रांच का नाम और रजिस्टर्ड मोबाइल नंंबर की जानकारी दिए पैसा ट्रांसफर नहीं होता।
इसके अलावा हमने भी इस वेबसाइट पर जाकर उसी तरह किया, जैसा कि वीडियो में कहा गया था लेकिन अकाउंट नंबर न डालने पर हम वापस से उसी राशन कार्ड वाली वेबसाइट पर आ गए। कई घोटालों में यह देखा गया है कि अकाउंट नंबर देने के बाद फ़ोन द्वारा OTP माँगा जाता है और मिलने के बाद आपके खाते से आपका पैसा निकाल लिया जाता है। अतः ऐसे गलत दावों पर बिना जांचे परखे विश्वास नहीं करना चाहिए।
यहाँ उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री या केंद्र सरकार द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गयी है। लोकसभा चुनावों को देखते हुए ऐसे कई फर्जीवाड़ों की संभावनाएं बढ़ गयी हैं जहाँ प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए भाषणों की क्लिप जोड़ कर एक नया वीडियो बनाया जाता है ताकि आम लोगों को गुमराह किया जा सके। साथ ही वीडियो को ध्यान से देखने पर आप पाएंगे कि वीडियो में प्रधानमंत्री के हर वाक्य के बीच थोड़ा ठहराव है। उन्होंने किसी भी वाक्य में राशन कार्ड या 2500 रुपये देने की बात नहीं की है। इसका मतलब है कि वीडियो को एडिट किया गया है, ताकि लोगों को राशन कार्ड को लेकर गुमराह किया जा सके। प्रधानमंत्री का असली वीडियो 24 फरवरी, 2019 का है, जब उन्होंने गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की पहली किस्त की घोषणा करते हुए भाषण दिया था।
अतः उपरोक्त तथ्यों को मद्देनजर रखते हुए कहा जा सकता है कि फेसबुक पर जारी वीडियो एक भ्रामक वीडियो है, जिसे लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने लिए जारी किया गया है क्योंकि कई बार लोग पैसों के लालच में कहीं भी अकाउंट नंबर की जानकारी दे देते हैं और परिणामस्वरुप उनके साथ जालसाजी हो जाती है।
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