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Fact Check
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया कि भाजपा के प्रदर्शन पर कोलकाता पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के गुंडों की तरह बर्ताव किया और भाजपा कार्यकर्ताओं पर छतों से बम भी फेंके। आगे पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोलते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई सरकार की शह पर हुई है और पुलिस के ऐसे हमलों की वजह से इस आंदोलन में 1500 से ज्यादा कार्यकर्ता घायल हो गए हैं.
बिहार के बाद पश्चिम बंगाल में भी चुनावी बिगुल बज चुका है. यद्यपि चुनाव आयोग द्वारा अभी तक पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के तिथि से संबंधित कोई अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है लेकिन पश्चिम बंगाल में बढ़ी सियासी सरगर्मी का अंदाजा सोशल मीडिया पर आये दिनों वायरल हो रहे तमाम वीडियोज से लगाया जा सकता है. इसी क्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी लक्ष्मण जी समेत अन्य ने एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के इशारे पर कोलकाता पुलिस ने भाजपा द्वारा आयोजित एक प्रदर्शन पर बम फेंका.
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को की-फ्रेम्स में तोड़कर एक की-फ्रेम की सहायता से गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया लेकिन सर्च परिणामों से हमें कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई। इसके बाद हमने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए न्यूज़ चैनलों द्वारा घटना की कवरेज को तलाशना शुरू किया। इसी दौरान हमें Times Now की एक पत्रकार द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला जिसमे उक्त पत्रकार खुद को घटना का चश्मदीद बताते हुए यह दावा करती हैं कि पुलिस ने धुंआ पैदा करने वाले बम फेंके थे ताकि पत्थरबाजी और अराजकता पर उतारू भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। मालूम हो कि उक्त पत्रकार ने कैलाश विजयवर्गीय द्वारा शेयर किये गए वीडियो को कोट कर यह जानकारी दी है।
इसके बाद हमने Times Now के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी वायरल वीडियो को ढूंढा जहां हमें वायरल वीडियो के बारे में पूरी जानकारी के साथ एक यूट्यूब वीडियो पब्लिश्ड मिला। वीडियो में Times Now ने अपने पत्रकार द्वारा दी गई उपरोक्त जानकारी से मिलती-जुलती जानकारी दी है जो कि श्रेयसी डे के बयान की पुष्टि करता है।
इसके बाद हमें हावड़ा पुलिस के द्वारा किया गया एक ट्वीट भी प्राप्त हुआ जिसमे यह जानकारी दी गई है कि पुलिस द्वारा आंसू गैस के प्रयोग को सोशल मीडिया में गलत तरीके से प्रसारित किया जा रहा है। अपने ट्वीट में हावड़ा पुलिस आगे लिखती है कि छत पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने अराजक और पत्थरबाज भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया था। हावड़ा पुलिस के अनुसार मीडियाकर्मी भी वारदात के वक्त घटनास्थल पर मौजूद थे।
हमारी टीम द्वारा वायरल दावे का सच बंगाली भाषा में पहले ही पाठकों के सामने लाया जा चुका है.
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ़ हो जाती है कि भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पदाधिकारी लक्ष्मण जी समेत अन्य के द्वारा किया गया यह दावा भ्रामक है।
Tweet made by Shreyashi Dey and Howrah Police
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