About: http://data.cimple.eu/claim-review/4e900fd39367bb8d1659788148521f3687585c85ed5cf222728e775f     Goto   Sponge   NotDistinct   Permalink

An Entity of Type : schema:ClaimReview, within Data Space : data.cimple.eu associated with source document(s)

AttributesValues
rdf:type
http://data.cimple...lizedReviewRating
schema:url
schema:text
  • Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check Contact Us: checkthis@newschecker.in Fact checks doneFOLLOW US Fact Check सोशल मीडिया पर मीडिया संस्था जनसत्ता की एक खबर का स्क्रीनशॉट काफी शेयर किया जा रहा है. स्क्रीनशॉट में हेडलाइन लिखी गई है कि वर्ल्ड बैंक ने भारत के विकासशील देश का टैग हटा दिया है और अब भारत, पाकिस्तान और जांबिया जैसे देशों की श्रेणी में आ गया है. इस स्क्रीनशॉट के जरिए मोदी सरकार की आलोचना की जा रही है कि भारत के बर्बादी के दिन अब शुरू हो चुके हैं. लोग तंज करते हुए लिख रहे हैं कि यही है सरकार के आठ सालों का विकास. राष्ट्रीय जनता दल के आधिकारिक हैंडल, रिटायर्ड आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह, कांग्रेस नेता पंकज पुनिया जैसे कई वेरीफाईड यूजर्स ने इस पोस्ट को सरकार पर तंज करते हुए शेयर किया है. फेसबुक और ट्विटर पर यह पोस्ट काफी वायरल हो रहा है. सबसे पहले हमने कीवर्ड्स की मदद से जनसत्ता की इस इस खबर को खोजा. सामने आया कि यह खबर 5 जून 2016 को प्रकाशित हुई थी, ना की हाल फिलहाल में. खबर के मुताबिक, उस समय वर्ल्ड बैंक ने अर्थव्यवस्था के बंटवारे की श्रेणियों के नामों में बदलाव किया था. इससे पहले तक लो और मिडिल इनकम वाले देशों को ‘विकासशील’ और हाई इनकम वाले देशों को ‘विकसित’ देशों में गिना जाता था. इस तरह वर्ल्ड बैंक भारत का उल्लेख ‘विकासशील’ देशों में करता था. इसके बाद साल 2016 में वर्ल्ड बैंक ने देशों का उल्लेख प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करना शुरू कर दिया. श्रेणियों के नामों में बदलाव के बाद भारत को लोअर-मिडल इनकम देश या अर्थव्यवस्था कहा जाने लगा. इस बारे में ‘द इकॉनोमिक टाइम्स की एक खबर में विस्तार से बताया गया है. कई दशकों से देशों की अर्थव्यवस्था को ‘विकसित’ और ‘विकासशील’ के नाम से जाना जाता था. कौन सा देश किस श्रेणी में रहेगा, ये उस समय भी देश की प्रति व्यक्ति आय के आंकड़ों पर निर्भर होता था. लेकिन देशों या अर्थव्यवस्था का विवरण ‘विकसित’ या ‘विकासशील’ से होता था. 2016 में वर्ल्ड बैंक ने इसके विवरण में बदलाव कर दिया. इसके बाद से देशों को उनकी प्रति व्यक्ति सकल घरेलू आय के आधार पर बांटा जाने लगा. इस पर वर्ल्ड बैंक ने तर्क दिया था कि दो देश, जिनकी प्रति व्यक्ति आय में अच्छा खासा अंतर है, एक ही श्रेणी में नहीं गिने जा सकते. उदाहरण के तौर पर मलावी देश की प्रति व्यक्ति आय $250 है और मेक्सिको की प्रति व्यक्ति $9860 है. लेकिन पुरानी प्रणाली में दोनों को विकासशील देशों में गिना जाता था. इसके कुछ और कारण भी थे, जिन्हें ‘द इकॉनोमिक टाइम्स’ की इसी खबर में पढ़ा जा सकता है. इसके चलते वर्ल्ड बैंक ने प्रति व्यक्ति आय के आधार पर देशों को अलग-अलग श्रेणियो में बांट दिया. इस बारे में 2015 में वर्ल्ड बैंक की वेबसाइट पर एक ब्लॉग भी प्रकाशित हुआ था. ब्लॉग में एक्सपर्ट्स ने विस्तार से बताया गया था कि ‘विकासशील देश’ या ‘विकासशील अर्थव्यवस्था’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने में क्या समस्या है. इस लेख में यह साफ-साफ लिखा है कि ‘विकासशील देश’ या दुनिया जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना पेचीदा है. साथ ही ब्लॉग में स्पष्ट किया गया है कि इन शब्दों का इस्तेमाल होने का मतलब यह नहीं है कि किसी देश के विकास स्तर पर सवाल खड़ा किया जा रहा हो. इसके बाद वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी किए गए ‘वर्ल्ड डेवलपमेंट इंडिकेटर्स’ के 2016 के संस्करण में देशों को ‘विकासशील’ या ‘विकसित’ शब्दों से सूचित नहीं किया गया. इस बात की जानकारी वर्ल्ड बैंक ने एक ब्लॉग के जरिए भी दी है. नए फार्मूले के तहत देशों को चार श्रेणियों में बांट दिया गया. यह श्रेणियां हैं- लो इनकम इकॉनमी , लोअर मिडल इनकम इकॉनमी , अपर मिडल इनकम इकॉनमी और हाई इनकम इकॉनमी . लो इनकम इकॉनमी में उन देशों को रखा गया, जिनकी 2014 में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू आय $1045 या इससे कम थी. $1046 से $4,125 प्रति व्यक्ति आय वाले देशों को लोअर मिडल इनकम इकॉनमी में सूचित किया गया. 2,014 में जिन देशों की प्रति व्यक्ति आय $4,126 से $12,735 डॉलर थी, वह अपर मिडल इनकम इकॉनमी में गिने गए. हाई इनकम इकॉनमी में उन देशों को रखा गया, जिनकी प्रति व्यक्ति आय $12,736 या उससे ज्यादा थी. वर्ल्ड बैंक के अनुसार, भारत वित्तीय वर्ष 2022 में भी लोअर मिडल इनकम वाली श्रेणी में ही है. पड़ोसी चीन अपर मिडल इनकम की श्रेणी में है. वर्ल्ड बैंक के 2020 के आंकड़ों में भारत की प्रति व्यक्ति सकल घरेलू आय $1920 बताई गई है. निष्कर्ष यह निकलता है कि पहली बात तो वायरल हो रहा यह स्क्रीनशॉट छह साल पुरानी एक खबर से लिया गया है, जिसको ताजा रिपोर्ट बताकर शेयर किया जा रहा है. इसके साथ ही, उस समय वर्ल्ड बैंक की तरफ से अर्थव्यवस्थाओं की श्रेणियों के विवरण में किए गए बदलाव की वजह से भारत का ‘विकासशील’ देश का टैग हट गया था. ऐसा सिर्फ भारत के साथ नहीं और भी कई देशों के साथ हुआ था. Our Sources Report of Jansatta and The Economic Times Multiple Reports of World Bank किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in Komal Singh December 12, 2024 Komal Singh October 26, 2024 Komal Singh October 16, 2024
schema:mentions
schema:reviewRating
schema:author
schema:datePublished
schema:inLanguage
  • Hindi
schema:itemReviewed
Faceted Search & Find service v1.16.115 as of Oct 09 2023


Alternative Linked Data Documents: ODE     Content Formats:   [cxml] [csv]     RDF   [text] [turtle] [ld+json] [rdf+json] [rdf+xml]     ODATA   [atom+xml] [odata+json]     Microdata   [microdata+json] [html]    About   
This material is Open Knowledge   W3C Semantic Web Technology [RDF Data] Valid XHTML + RDFa
OpenLink Virtuoso version 07.20.3238 as of Jul 16 2024, on Linux (x86_64-pc-linux-musl), Single-Server Edition (126 GB total memory, 11 GB memory in use)
Data on this page belongs to its respective rights holders.
Virtuoso Faceted Browser Copyright © 2009-2025 OpenLink Software