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  • Last Updated on फ़रवरी 6, 2025 by Neelam Singh सारांश एक सोशल मीडिआ पोस्ट के अनुसार कुंभ मेले में एक चमत्कारी बाबा आएं हैं, जो महज अपने पैरों से मरीजों को छू देते हैं और उनकी तमाम स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। जब हमने इस पोस्ट का तथ्य जाँच किया तब पाया कि यह दावा बिल्कुल गलत है। दावा फेसबुक पर जारी एक पोस्ट के जरिए दावा किया जा रहा है कि कुंभ मेले में एक चमत्कारी बाबा आएं हैं, जो महज अपने पैरों से मरीजों को छू देते हैं और उनकी तमाम स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। पोस्ट के अनुसार वे कैंसर का चमत्कारी इलाज भी करते हैं। तथ्य जाँच कैंसर कैसे होता है? कैंसर केवल एक बीमारी नहीं है बल्कि कई बीमारियों का समूह है, जो शरीर में कहीं भी हो सकती है। इसे सबसे आसान तरीके से समझें तो, कैंसर हमारे शरीर की कोशिकाओं के जीन में होने वाली समस्या है। जीन हमारी कोशिकाओं को नियंत्रित करते हैं लेकिन अगर इनमें बदलाव हो जाए, तो कोशिकाएं गलत तरीके से काम करने लगती हैं या अनियंत्रित होकर बढ़ने लगती हैं। यही असामान्य कोशिकाएं कैंसर बन जाती हैं। शोध बताते हैं कि कैंसर बनने के कई चरण होते हैं, जो कोशिकाओं में जेनेटिक बदलाव (म्यूटेशन) से शुरू होते हैं। धूम्रपान, रेडिएशन, वायरस, हानिकारक केमिकल (कार्सिनोजेन्स) और आनुवांशिकता इसके कारक हो सकते हैं। ये बदलाव सामान्य कोशिकाओं को कैंसर वाली कोशिकाओं में बदल देते हैं। ये कोशिकाएं आसपास के कोशिकाओं पर हमला कर सकती हैं और खून या लसिका प्रणाली (lymphatic system) के जरिए शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकती हैं। कैंसर के इलाज के तरीके क्या हैं? कैंसर के इलाज के कई प्रकार हैं। कैंसर से ग्रसित कुछ लोगों को सिर्फ एक ही उपचार दिया जाता है लेकिन ज़्यादातर लोगों को कई तरह के उपचार दिए जाते हैं। जैसे- सर्जरी के साथ कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी देना। कैंसर के इलाज के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जाते हैं- बायोमार्कर टेस्ट– बायोमार्कर टेस्ट एक ऐसा तरीका है, जिसमें जीन, प्रोटीन और अन्य चीजों (जिन्हें बायोमार्कर या ट्यूमर मार्कर कहते हैं) की जांच की जाती है, जो कैंसर के बारे में जानकारी देते हैं। यह टेस्ट डॉक्टर और मरीज को सही इलाज चुनने में मदद करता है। - कीमोथेरेपी– कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज का एक प्रकार है, जिसमें कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। - हार्मोन थेरेपी- हार्मोन थेरेपी कैंसर का उपचार है, जो हार्मोन का उपयोग करके बढ़ने वाले कैंसर के विकास को धीमा या रोक देता है। इसे हार्मोन ट्रीटमेंट या एंडोक्राइन थेरेपी भी कहा जाता है। - हाइपरथर्मिया- हाइपरथर्मिया एक इलाज है, जिसमें शरीर के कोशिकाओं को 113°F तक गर्म किया जाता है। इसका उद्देश्य कैंसर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर उन्हें नष्ट करना है, जबकि सामान्य कोशिकाओं को कम से कम नुकसान होता है। - इम्यूनोथेरेपी– यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने में मदद करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली वह प्रणाली है, जो शरीर को संक्रमण और बीमारियों से बचाती है। - फोटोडायनामिक थेरेपी- इसमें कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए प्रकाश द्वारा सक्रिय की जाने वाली दवा का उपयोग किया जाता है, जिसे फोटोसेंसिटाइज़र या फोटोसेंसिटाइज़िंग एजेंट कहा जाता है। फोटोडायनामिक थेरेपी का उपयोग अक्सर स्थानीय उपचार के रूप में किया जाता है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर के एक विशिष्ट हिस्से का इलाज करना। - रेडिएशन थेरेपी- रेडिएशन थेरेपी इसमें कैंसर कोशिकाओं को मारने और ट्यूमर को खत्म करने के लिए विकिरण की उच्च खुराक का उपयोग किया जाता है। - सर्जरी- इस प्रक्रिया में सर्जन शरीर से कैंसर कोशिका को निकाल देते हैं। - टारगेटेड थेरेपी- इसमें केवल उन कोशिकाओं को टारगेट किया जाता है, जो कैंसर के अनियंत्रित विकास को नियंत्रित कर सकते हैं और कैंसर को बढ़ने से रोक देते हैं। - क्या कैंसर केवल बाबा के स्पर्श द्वारा ठीक हो सकता है? नहीं। इस विषय पर डॉ. पूजा खुल्लर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट, धर्मशिला नारायण सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, नई दिल्ली बताती हैं, “कैंसर को केवल किसी स्पर्श से नहीं ठीक किया जा सकता। कैंसर के इलाज की प्रक्रिया जटिल होती है, जिसमें कई मानकों का ख्याल रखना पड़ता है। इसके अलावा कैंसर किस चरण का है, मरीज की सेहत कैसी है, शरीर किस तरह के इलाज को अपनाएगा, इत्यादि जैसी बातों पर भी गौर करना होता है। ऐसे में केवल स्पर्श मात्र से कैंसर जैसी जटिल बीमारी को ठीक कर देना केवल भ्रम है, जो लोगों की बीमारी को और ज्यादा गंभीर बना सकता है। हालांकि उपचार के प्रकार इस बात पर निर्भर करेंगे कि आपको किस तरह का कैंसर है और यह कितना गंभीर है। इस विषय में सही सलाह आपके डॉक्टर ही आपको दे सकते हैं क्योंकि वे आपकी स्थिति को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। याद रखें कि कैंसर का अगर शुरूआती चरण में पता चल जाए, तो उपचार संभव हो सकता है।” क्या है इस बाबा की सच्चाई? इस बाबा का नाम अर्तत्राण (Baba Artatrana) है, जो अपने पैरों के स्पर्श से लोगों का इलाज करते हैं। उनका दावा है कि वे किसी भी गंभीर बीमारी, यहां तक कि कैंसर को भी सिर्फ अपने पैरों के स्पर्श से ठीक कर सकते हैं। उनका दावा है कि दवाओं के सेवन की भी जरूरत नहीं है। सिर्फ स्पर्श, फोन पर बातचीत और यूट्यूब पर मंत्र सुनने से बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक हो जाती है। अगर कोई दूर है, तो फोन पर बात करने और मंत्र सुनने से वो ठीक हो जाएगा। साथ ही जैसा कि फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि बाबा का दावा है कि उन्होंने कोरोना के दौरान कई लोगों का इलाज महज एक स्पर्श के जरिए किया है। हालांकि, ये बात अतिशयोक्ति लगती है कि जब कोरोना के समय लॉक डाउन लगा था और लोग अपने घरों में दुबके थे, सामाजिक मेल-जोल बंद था, तब उस वक्त बाबा लोगों को स्पर्श के जरिए कोरोना से कैसे ठीक कर रहे थे। फिलहाल ये बाबा प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ मेले में लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं और लोगों का इलाज कर रहे हैं, जिसका वीडियो आप यहां देख सकते हैं, जहां वे थप्पड़ के जरिए इलाज करते हुए दिख जाएंगे। साथ ही वे यहां भी लोगों के पीठ दर्द का इलाज करते दिख रहे हैं। फेसबुक पर इनके 1 मिलियन फॉलोवर्स हैं। कैंसर को नज़रअंदाज़ करने से क्या होता है? कैंसर के इलाज को नज़रअंदाज़ करना या सही समय पर कैंसर के बारे में पता ना चलना जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है। इस विषय पर डॉ. पूजा खुल्लर ने आगे कहा, “देखा जाए, तो ज़्यादातर संकेत और लक्षण कैंसर के कारण नहीं होते बल्कि अन्य चीज़ों के कारण हो सकते हैं। अगर आपको कोई संकेत और लक्षण हैं, जो लगातार बने हुए हैं या बद्तर हो रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि पता चल सके कि उनका कारण क्या है। अगर कैंसर इसका कारण नहीं है, तो डॉक्टर कारण का पता लगाने में मदद कर सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर उसका इलाज कर सकते हैं।” अतः उपरोक्त दावों एवं चिकित्सक के बयान के आधार पर कहा जा सकता है कि मात्र स्पर्श से कैंसर को ठीक करने का दावा गलत है क्योंकि इससे लोगों की स्थिति और बद्तर हो सकती है। हमने पहले भी इस तरह के दावे की जाँच की है- कंबल वाले बाबा द्वारा पोलियो का इलाज.
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