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  • वीडियो का दावा शाही स्नान के दिन हरिद्वार में कोई भीड़ नहीं थी? फ़ैक्ट चेक बूम ने एक होटल प्रबंधक और एक स्थानीय पत्रकार से संपर्क किया उन्होंने पुष्टि की कि वायरल वीडियो को कुंभ मेले के मुख्य स्नान घाट से काफ़ी दूर एक स्थान पर शूट किया गया था. हरिद्वार (Haridwar) में गंगा नदी के किनारे खाली सड़क और खाली पड़े घाटों को दिखाती एक वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल है. चलती कार से शूट किया गया वीडियो इस भ्रामक दावे के साथ वायरल है कि 14 अप्रैल, 2021 को तीसरे शाही स्नान (Shahi Snan) के अवसर पर शहर में कोई भीड़ नहीं थी. हर की पौड़ी, हरिद्वार में सबसे पवित्र घाटों में से एक है जहाँ भक्त गंगा में डुबकी लगाना पसंद करते हैं. बूम ने पाया कि वायरल वीडियो को नदी के उसी हिस्से के साथ, हर की पौड़ी तक पहुँचने से कुछ किलोमीटर पहले शूट किया गया था. हमने एक स्थानीय पत्रकार से बात की और टीवी चैनलों पर प्रसारित लाइव फ़ीड देखी और पाया कि यह दावा भ्रामक है. इस साल 11 मार्च से हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच विवादों के केंद्र में है. कोरोना मामलों की संख्या में ख़तरनाक वृद्धि के साथ- पिछले 24 घंटों में भारत में 200,739 रिकॉर्ड मामले दर्ज किये गए. नहीं, यह तस्वीर पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं के ख़िलाफ़ हिंसा नहीं दिखाती चार शाही स्नान, कुंभ मेला का प्रमुख आकर्षण होता है, जिसमें लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है. समाचार रिपोर्टों के अनुसार, 14 अप्रैल को तीसरे शाही स्नान के दौरान पिछले दो शाही स्नानों के मुक़ाबले सबसे कम भीड़ देखी गई. चौथा स्नान इस साल के कुंभ मेला के अंत से तीन दिन पहले 27 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा. इस बीच, कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के बीच, हरिद्वार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि शहर में ऐसी भीड़ नहीं देखी जा रही है जैसा कि मीडिया चैनलों द्वारा दावा किया गया है. एक कार से शूट किये गए इस वायरल वीडियो में गंगा के किनारे खाली सड़कों और खाली घाटों के दृश्य दिखाए गए हैं. दो लोगों के बीच बातचीत से पता चलता है कि घाट खाली हैं और सड़कें सुनसान हैं क्योंकि किसी ने कुंभ मेले के लिए रुख नहीं किया है. वीडियो में एक पॉइंट पर, एक व्यक्ति दूसरे से पूछता है, "आज की तारीख क्या है?" उत्तर आता है, 14 अप्रैल. दूसरा व्यक्ति तब कहता है कि 14 अप्रैल को 25 लाख लोगों की भीड़ की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन 2500 शहर में भी नहीं आए. बीजेपी महिला मोर्चा की सोशल मीडिया प्रभारी प्रीति गांधी ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, कोविड-19 के सुपर स्प्रेडर होने वाले कुंभ मेले के बारे में पूरी तरह से प्रचार प्रसार हो रहा है. हरिद्वार में ज़मीन पर वास्तविक स्थिति देखने के लिए यह वीडियो देखें. फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "और यहाँ ये दुष्प्रचार किया जा रहा है कि कुम्भ मे भीड़ है और कोई डिस्टेंस मेन्टेन नहीं कर रहा." पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. बूम ने अपने हेल्पलाइन नंबर पर भी इस वीडियो को प्राप्त किया, जिसके कैप्शन में लिखा था, "वामपंथी और जिहादी मीडिया हिन्दुओं की आस्था को बदनाम करने के लिए अफ़वाह फैलाती है." प्रयागराज कुम्भ की तस्वीर शेयर कर नेटिज़ेंस ने किया गलत दावा फ़ैक्ट चेक बूम ने वीडियो की सत्यता जांचने के लिए वीडियो को ध्यान से देखा. वीडियो के एक पॉइंट पर 'होटल गंगा पार्क' लिखा बोर्ड देखा जा सकता है. हमने हरिद्वार में इसका सही स्थान खोजने के लिए होटल से संपर्क किया. हमसे बात करते हुए, मनीष मल्लिक जिन्होंने होटल को लीज पर लिया है, ने हमें बताया कि यह हरिद्वार के गोविंदपुरी इलाके में स्थित है. "हाँ, वीडियो हमारे होटल के सामने फ्लाईओवर पर रिकॉर्ड किया गया है. यह वीडियो शाम को रिकॉर्ड किया गया है और आधी रात के बाद स्नान शुरू होता है. इसलिए शाम तक भीड़ थम जाती है और हर की पौड़ी शाम 5 बजे के बाद आम जनता के लिए खोल दिया जाता है. "लोग सुबह स्नान करते हैं और चले जाते हैं. यह वीडियो दोपहर 3 बजे के बाद रिकॉर्ड किया गया होगा. ज़्यादातर लोग तब तक चले जाते हैं या शाम की आरती (अनुष्ठान) के लिए हर की पौड़ी जाते हैं," मनीष मल्लिक ने बूम को बताया. चूंकि हर की पौड़ी हरिद्वार में सबसे महत्वपूर्ण स्नान घाट हैं, इसलिए गंगा आरती सहित कुंभ मेले के अधिकांश उत्सव यहां होते हैं. आम जनता सुबह 7 बजे से पहले हर की पौड़ी पर गंगा में डुबकी लगा सकती है. उसके बाद, इस क्षेत्र को बंद कर दिया जाता है और केवल अखाड़ों के सदस्यों को यहां स्नान करने की अनुमति दी जाती है. शाम 5 बजे के बाद क्षेत्र को फिर से आम जनता के लिए खोल दिया जाता है. मल्लिक ने हमें यह भी बताया कि चूंकि शाम के समय हर की पौड़ी को जनता के लिए खोला जाता है, इसलिए शाम को ज़्यादातर लोग शहर के उस इलाके में जाना पसंद करते हैं. उन्होंने कहा कि चूंकि शहर में बाहर से आने वाले वाहनों को अनुमति नहीं दी जा रही है, इसलिए खाली सड़कों के बारे में बताया गया है. चाकू से गोदकर पत्नी की हत्या का वीडियो 'लव जिहाद' के दावे के साथ वायरल हमने गूगल मैप पर होटल गंगा पार्क के स्थान की जाँच की और होटल के दूसरी तरफ़ एक एलिवेटेड रोड पाया जहाँ से वीडियो शूट किया गया हो सकता है. मल्लिक ने बूम को बताया कि उनका होटल हर की पौड़ी से लगभग 2.5 से 3 किमी दूर है, गूगल मैप्स होटल से हर की पौड़ी तक दो मार्ग दिखाते हैं- एक 5.3 किमी और दूसरा 6.6 किमी. बूम ने हरिद्वार के एक स्थानीय पत्रकार एमएस नवाज़ से भी बात की जिन्होंने हमें बताया कि वीडियो में दिख रहे स्नान घाट प्रेम नगर आश्रम और गोविंदपुरी घाट हैं. नवाज़ ने बूम को यह भी बताया कि हर की पौड़ी मुख्य स्नान घाट है जहां लोग भारी संख्या में आते हैं. नवाज़ ने कहा कि कुंभ के दौरान, यह क्षेत्र सुबह 7 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद आम जनता के लिए खोला जाता है. नवाज़ ने हमें हर की पौड़ी से 14 अप्रैल को रिकॉर्ड किए गए वीडियो भी उपलब्ध कराए, जिसमें नदी में डुबकी लगाते हुए भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दी. दिल्ली में वीकेंड लॉकडाउन, जानिए क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद बूम ने 14 अप्रैल को कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ की पुष्टि करने के लिए समाचार रिपोर्टों की भी जांच की. 14 अप्रैल, 2021 को अपलोड किए गए दूरदर्शन नेशनल के यूट्यूब चैनल पर 7 घंटे का लाइव फीड हरिद्वार में घाटों पर सड़कों पर स्नान करने और स्नान करने वालों की भारी भीड़ को दर्शाता है. शीर्षक के तहत वीडियो लाइव: महाकुंभ: शाही स्नान - महिष संक्रांति - हरिद्वार - 14 अप्रैल 2021 को नीचे देखा जा सकता है. टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 अप्रैल को तीसरे शाही स्नान में लगभग 14 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. 15 अप्रैल को प्रकाशित एबीपी की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि '12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल को मेष संक्रांति के अवसर पर आयोजित अंतिम दो 'शाही स्नान' में हिस्सा लेने वाले 48.51 लाख लोगों में से अधिकांश लोगों को कोरोना मानदंडों का ख़ुलेआम उल्लंघन करते हुए देखा गया.' बूम हरिद्वार के अन्य स्नान घाटों से भी वीडियो प्राप्त करने में सक्षम था जहां काफ़ी बड़ी भीड़ डुबकी लेती देखी जा सकती है. हमने 14 अप्रैल को शाही स्नान में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की सही संख्या प्राप्त करने के लिए हरिद्वार प्रशासन तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन उधर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. मंदिर में टूटी मूर्तियां दिखाती इस वीडियो में कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है
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