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Fact Check
Claim
एक बुजुर्ग महिला मौजूदा किसान आंदोलन के कारण सड़क जाम होने से परेशान होकर आंदोलनकारियों पर गुस्सा करती हुई नज़र आ रही हैं।
Fact
वायरल दावा भ्रामक है। यह वीडियो साल 2022 का है।
किसानों ने 12 मुख्य मांगों को लेकर 13 फरवरी 2024 को पंजाब से दिल्ली के लिए कूच करने का ऐलान किया था। एक तरफ किसान अमृतसर दिल्ली-नेशनल हाईवे के रास्ते हरियाणा में घुसने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं अंबाला में शभुं बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है।
इसी बीच सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जोड़कर एक बुजुर्ग महिला का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बुजुर्ग महिला आंदोलन के चलते सड़क जाम होने से परेशान होकर गुस्सा करती हुई नज़र आ रही हैं। इस वीडियो को 13 फरवरी को शुरू हो रहे आंदोलन के संदर्भ में शेयर किया है। एक्स पोस्ट में वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है कि ‘पंजाब में आम लोग राज्य में रोजाना हो रहे विरोध प्रदर्शनों से तंग आ चुके हैं। बुजुर्ग महिला किसानों को कोसते हुए कह रही हैं कि ‘केंद्र आपको सब कुछ मुफ्त दे रहा है, फिर भी जनता को परेशान करते हुए सड़कें जाम कर रहे है।’
ज़ी उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड ने भी इस वीडियो को मौजूदा किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया है। बतौर रिपोर्ट, “किसान आंदोलनकारियों पर फूटा महिला का गुस्सा, खूब सुनाई खरी-खरी।” वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा गया है कि किसान आंदोलन से दिल्ली एनसीआर की रफ्तार फिर थमने लगी है। इसी बीच एक अधेड़ महिला का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में महिला आंदोलनकारियों पर गुस्सा करते हुए कह रही हैं कि “तुम्हारी मांगें कभी खत्म नहीं होती हैं। केंद्र सरकार इतना कुछ मुफ्त में दे रही है फिर भी तुम जाम लगा कर सड़क पर बैठ जाते हो।”
Fact Check/ Verification
13 फरवरी को शुरू हो रहे किसान आंदोलन के संदर्भ में वायरल हुए इस वीडियो की जांच के लिए हमने इसके की-फ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें फोकस पंजाब ते और स्क्रॉल पंजाब नामक फेसबुक पेजों पर यह वीडियो प्राप्त हुआ, जिसे नवंबर 2022 में शेयर शेयर किया गया है। इससे इतना तो स्पष्ट हो गया कि यह वीडियो एक साल से अधिक पुराना है।
अब हमने इस वीडियो से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए पंजाबी ट्रिब्यून के रिपोर्टर दर्शन मीठा से भी बात की। फ़ोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि यह वीडियो अभी के किसान आंदोलन का नहीं, बल्कि पुराना है। इस वीडियो में दिख रही घटना संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किये गए पिछले किसान आंदोलन के समाप्त होने के बाद की है। उन्होंने आगे बताया कि आंदोलन के बाद किसानों ने अलग-अलग कई जत्थाबंदी बना ली थी। किसानों का ऐसा ही एक जत्था रास्ता रोककर राजपुरा के समीप धरने पर बैठा था। इस धरने की वजह से वीडियो में नज़र आ रही वृद्ध महिला को आवागमन में परेशानी हुई, जिसके चलते वह प्रदर्शनकारियों पर भड़क गई थीं।
Conclusion
अपनी जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि वायरल हुआ वीडियो मौजूदा किसान आंदोलन का नहीं, बल्कि साल 2022 का है।
Result: Missing Context
Sources
Video posts shared by facebook users in 2022.
Phonic conversation with Punjabi Tribune reporter, Darshan Mitha
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