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  • Fact Check: पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए सौरव गांगुली के फर्जी पोस्टर विश्वास न्यूज की पड़ताल में सौरव गांगुली के ये कथित पोस्टर फर्जी निकले हैं। सौरव गांगुली द्वारा 2016 में किए गए एक विज्ञापन की तस्वीर को एडिट कर उन्हें पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले गलत दावे संग वायरल किया जा रहा है। - By: ameesh rai - Published: Mar 10, 2021 at 06:42 PM - Updated: Mar 15, 2021 at 08:37 AM विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले इससे जुड़े तमाम दावे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसा ही एक दावा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष और पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली को लेकर भी वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स सौरव गांगुली के कथित चुनावी पोस्टर शेयर कर रहे हैं। इन पोस्टरों में सौरव गांगुली को भाजपा, टीएमसी और लेफ्ट का समर्थन करता दिखाया जा रहा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में सौरव गांगुली के ये कथित पोस्टर फर्जी निकले हैं। सौरव गांगुली द्वारा 2016 में किए गए एक विज्ञापन की तस्वीर को एडिट कर उन्हें गलत दावे संग शेयर किया जा रहा है। क्या हो रहा है वायरल विश्वास न्यूज को अपने फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी यह दावा फैक्ट चेक के लिए मिला है। एक यूजर ने हमारे साथ वॉट्सऐप टिपलाइन पर सौरव गांगुली का एक कथित पोस्टर शेयर किया है, जिसपर भाजपा का पार्टी चिह्न बना है और बांग्ला भाषा में टेक्स्ट लिखा है। गूगल लेंस का इस्तेमाल कर ट्रांसलेट करने पर हिंदी में इसका मतलब ‘स्वागत है दादा’ बता रहा है। आपको बता दें कि सौरव गांगुली ‘दादा’ के भी उपनाम से जाने जाते हैं। कीवर्ड्स से सर्च करने पर हमें यही तस्वीर फेसबुक पर भी वायरल मिली। पंडित सुरेश भारद्वाज नाम के फेसबुक यूजर ने 7 मार्च को किए गए पोस्ट में इस तस्वीर को शेयर किया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। फेसबुक पर हमें सौरव गांगुली की यही तस्वीर टीएमसी और लेफ्ट के भी पार्टी चिह्न के साथ मिली। बस सौरव गांगुली के कुर्ते का रंग बदला नजर आया। इन्हें क्रमशः यहां और यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। पड़ताल विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए सबसे पहले इसपर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें इस इंटरनेट पर इस तस्वीर से जुड़े ढेरों परिणाम मिले। हमें सौरव गांगुली की यह तस्वीर Pinterest पर मौजूद एक पोस्ट में मिली। यह पोस्ट अगरबत्ती के एक ब्रांड Cycle Rhythm अगरबत्ती की तरफ से की गई है। इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए बताया गया है कि सौरव गांगुली इसके ब्रांड एंबेस्डर हैं। वायरल तस्वीर में सौरव गांगुली की इसी मूल तस्वीर का बैकग्राउंड बदल कर इस्तेमाल किया गया है। यह पोस्ट 10 सितंबर 2016 को की गई है। इस पोस्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। इस जानकारी के बाद हमने जरूरी कीवर्ड्स की मदद से इस दावे को इंटरनेट पर और सर्च किया। सर्च रिजल्ट में हमें यह तस्वीर साइकिल प्योर (Cycle Pure) नाम की कंपनी के आधिकारिक पेज पर मिली। यह कंपनी पूजा सामग्री बनाती है। 10 सितंबर 2016 को किए गए एक पोस्ट में कंपनी ने इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए बताया है कि सौरव गांगुली उनके ब्रांड एंबेस्डर बने हैं। यहां नीचे कंपनी की आधिकारिक प्रोफाइल पर मौजूद तस्वीर और वायरल तस्वीर के बीच की सामानताएं आसानी से देखी जा सकती हैं। सौरव गांगुली की इसी तस्वीर को अलग-अलग पार्टी का झंडा लगाकर वायरल किया जा रहा है। विश्वास न्यूज ने पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली के पॉलिटिकल स्टैंड को लेकर भी इंटरनेट पर पड़ताल की। इस फैक्ट चेक को किए जाने तक सौरव गांगुली की तरफ से आधिकारिक रूप से किसी पार्टी को जॉइन करने का कोई ऐलान नहीं किया गया है। अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर को हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के कोलकाता ब्यूरो प्रमुख जेके वाजपेयी के साथ साझा किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए इसे फेक बताया। जेके वाजपेयी ने हमें बताया कि सौरव गांगुली ने अबतक किसी पार्टी में शामिल होने का ऐलान नहीं किया है। विश्वास न्यूज ने इस वायरल तस्वीर को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर पंडित सुरेश भारद्वाज की प्रोफाइल को स्कैन भी किया। यूजर भटिंडा के रहने वाले हैं और फैक्ट चेक किए जाने तक उनके 176 फॉलोअर्स थे। निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में सौरव गांगुली के ये कथित पोस्टर फर्जी निकले हैं। सौरव गांगुली द्वारा 2016 में किए गए एक विज्ञापन की तस्वीर को एडिट कर उन्हें पश्चिम बंगाल चुनावों से पहले गलत दावे संग वायरल किया जा रहा है। - Claim Review : पोस्टरों में सौरव गांगुली को भाजपा, टीएमसी और लेफ्ट का समर्थन करता दिखाया जा रहा है। - Claimed By : पंडित सुरेश भारद्वाज - Fact Check : झूठ पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...
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